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बैठक में चार राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों ने भाग लिया

इस बैठक में कुल 69 मुद्दों पर चर्चा की गई

क्षेत्रीय परिषद की बैठकें महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक विकास के मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण को सक्षम बनाती हैं- डॉ. टीवीएसएन प्रसाद

चंडीगढ़, 25 अक्टूबर।
सुनील कुमार जांगड़ा.

हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. टीवीएसएन प्रसाद ने आज चंडीगढ़ के होटल ललित में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की 21वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अंतर राज्य परिषद सचिवालय (आईएससीएस) के सचिव के. मोसेस चालई, हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत, पंजाब के मुख्य सचिव केएपी सिन्हा शामिल हुए। इसके अलावा हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में पिछले वर्ष अमृतसर में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में चर्चा किए गए विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों पर भी चर्चा की गई।

आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देती है परिषद

बैठक के स्वागत भाषण में डॉ. प्रसाद ने सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने में क्षेत्रीय परिषदों का महत्व उजागर किया। उन्होंने कहा कि राज्यों को सशक्त बनाने और केंद्र और राज्यों के बीच नीतिगत ढांचों पर समन्वय बढ़ाने के लिए परिषद काफी महत्वपूर्ण है। ये परिषदें कई तरह के मुद्दों पर चर्चा की सुविधा प्रदान करती हैं। जिससे आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा मिलता है। मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय परिषद की बैठकें महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक विकास के मुद्दों पर चर्चा के नजरिए में समन्वय बनाती हैं। यह सहयोगात्मक वातावरण केंद्र और राज्यों के साथ-साथ भाग लेने वाले राज्यों के बीच लंबित मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने में सहायता प्रदान करती हैं। साथ ही सर्वोत्तम अभ्यास को साझा करने और अपनाने की अनुमति का अवसर मिलता है।

डॉ. प्रसाद ने प्रतिभागियों को राखीगढ़ी और कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि पर भ्रमण का दिया आमन्त्रण

डॉ. प्रसाद ने हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर गर्व व्यक्त करते हुए प्रतिभागियों को हिसार जिले में सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक राखीगढ़ी का भ्रमण करने व कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि गीतास्थली पर आने के लिए आमंत्रित किया।
महिलाओं व बच्चों के विरुद्ध बलात्कार और यौन अपराधों में शीघ्र जांच की आवश्यकता पर दिया गया जोर

बैठक में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधों के मामलों की त्वरित जांच की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। सरकार ने वर्ष 2018 में आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम को मंजूरी दी थी, जिसमें 12 वर्ष से कम आयु की लड़की के साथ बलात्कार के मामले में मृत्युदंड सहित यौन अपराधों के लिए कड़े प्रावधान निर्धारित किए गए थे। आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 2018 के तहत जांच पूरी करने के लिए दो महीने की समय सीमा का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को अनुपालना रिपोर्ट के साथ परामर्श जारी किए जा रहे हैं। इसमें अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए शत-प्रतिशत अनुपालन करने का आग्रह किया गया है। इससे जांच और अभियोजन तंत्र को मजबूत करने के ऐसे उपायों से महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा होगी।
बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण अंतर राज्य मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। जिनमे पड़ोसी राज्यों को अपने उद्योगों में पाइप प्राकृतिक गैस जैसे स्वच्छ ईंधन में स्थानांतरित करने की आवश्यकता, एनसीआर क्षेत्रों में थर्मल पावर प्लांट में ईंधन के रूप में कोयले के उपयोग की छूट, विनिर्माण, भंडारण, बिक्री, (ऑनलाइन विपणन प्लेटफार्मों के माध्यम से वितरण सहित, एनसीआर में सभी प्रकार के पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध, वाहन प्रदूषण नियंत्रण, बीएस-6 वाहनों का पंजीकरण, इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और दिल्ली में अन्य गंतव्य वाले ट्रकों के प्रवेश को हतोत्साहित करने जैसे विषय शामिल रहे।
उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की 21वीं बैठक में कुल 69 मुद्दों पर चर्चा की गई। इनमें से कई राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण विषय संबंधी मुद्दे शामिल रहे। इन पर विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों की बैठकों में नियमित रूप से चर्चा और निगरानी की जा रही है। इनमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का प्रभावी कार्यान्वयन, पोषण अभियान के माध्यम से बालिकाओं में कुपोषण की समस्या को दूर करना, स्कूली बच्चों की स्कूल छोड़ने की दर, सहकार से समृद्धि, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अच्छी कार्यप्रणाली, ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं में सुधार, महिलाओं और बच्चों से दुष्कर्म व यौन अपराधों से संबंधित मामलों की त्वरित जांच और ऐसे मामलों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना जैसे विषय शामिल रहे।

राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी सर्वोत्तम पहल साझा की

बैठक के दौरान भाग लेने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने-अपने क्षेत्र में अपनाई गई सर्वोत्तम पहल पर प्रस्तुतियां दीं। राजस्थान से प्लानिंग विशेष सचिव अनुपमा जोरवाल ने पेपर से पिक्सेल में स्मार्ट बदलाव और राजस्थान जन आधार योजना पर प्रस्तुति दी। चंडीगढ़ से एसपी हेड क्वार्टर केतन बंसल ने नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर, हरियाणा से अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू ने एएचडी विभाग, डॉ. साकेत कुमार ने ऊर्जा विभाग और अमनीत पी कुमार ने डब्ल्यूसीडी हरियाणा पर प्रस्तुति दी। हिमाचल प्रदेश से सचिव आशीष सिंहमार ने बाल संरक्षण योजनाओं और मत्स्य विभाग के निदेशक विवेक चंदेल ने पिंजरों में ट्राउट मछली पालन- नीली क्रांति की दिशा में एक नया कदम, लद्दाख से सजाद मुफ्ती ने भारत के पहले डार्क स्काई रिजर्व ‘हनले’ और पंजाब से अजय शर्मा ने डोर स्टेप सर्विस डिलीवरी, बरनाला पहुंच और फ्यूचर टाइकून पर प्रस्तुति दी।

अपने समापन भाषण में मुख्य सचिव डॉ. टीवीएसएन प्रसाद ने राज्यों द्वारा साझा की गई नवीन प्रथाओं की प्रशंसा की तथा इस बात पर बल दिया कि यह बैठक सहयोग और विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक उत्कृष्ट मंच के रूप में कार्य करती है।
सचिव निगरानी एवं समन्वय डॉ. प्रियंका सोनी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

By HUWeb

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