
फरीदाबाद.11 सितंबर।
सुनील कुमार जांगड़ा.
डीएवी स्कूल की प्रधानाचार्या ज्योति दहिया ने बताया कि आज हमारे विद्यालय में सभी अध्यापकों के लिए तनाव प्रबंधन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसमें देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि अध्यापक के कंधों पर बच्चों, अभिभावकों तथा स्कूल की जिम्मेदारी के अलावा घर-परिवार तथा समाज की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है इसलिए अधिकतर अध्यापकों के स्वभाव में स्ट्रेस की वजह से चिड़चिड़ापन आ जाता है।
डॉ एमपी सिंह ने कहा कि जो अध्यापक समय और स्थिति के साथ तालमेल बना लेते हैं तथा प्रतिकूल स्थितियों को अनुकूल बना लेते हैं नकारात्मकता में सकारात्मकता ले आते हैं वह तनाव मुक्त जीवन जी लेते हैं तथा बच्चों और विद्यार्थियों के लिए आदर्श स्थापित कर देते हैं।
डॉ एमपी सिंह ने अपने अनुभव के आधार पर कहा कि क्लास में पढ़ते समय कुछ बच्चे शैतानी करने लगते हैं तथा बात को बढ़ा चढ़ा कर अपने माता-पिता को कह देते हैं जिस वजह से अध्यापकों को अनेकों परेशानियां का सामना करना पड़ता है जिस अध्यापक का तनाव बढ़ जाता है यदि अध्यापक के पढ़ाने के बाद विद्यार्थियों का परिणाम अच्छा नहीं आता है या स्कूल में अधिक दाखिले नहीं होते हैं तब स्कूल प्रबंधन की सुननी पड़ती है और तनाव बढ़ जाता है। ऐसे अनेकों तनावों की चर्चा की गई तथा तनाव मुक्त रहने के टिप्स दिए गए तथा अध्यापकों को बताया गया कि हम बेहतर कैसे पढ़ा सकते हैं हम कक्षा को नियंत्रण में कैसे रख सकते हैं हम परिणाम बेहतर कैसे दे सकते हैं हम बेहतर अनुशासन कैसे बना सकते हैं हम व्यवहार कुशल कैसे रह सकते हैं हम एक अच्छे इंसान कैसे बन सकते हैं हम बड़ों से प्यार और छोटों से सम्मान कैसे प्राप्त कर सकते हैं हमें तनाव मुक्त रहने के लिए क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए किस प्रकार की दिनचर्या रखनी चाहिए अपनी ज़िम्मेदारियों का निर्वाहन कैसे करना चाहिए ।
डॉ एमपी सिंह ने तनाव क्या है तनाव कहां से पैदा होता है इसके कारण क्या है इसको कम कैसे किया जा सकता है इसके कारण कौन-कौन सी बीमारियां शरीर में लग जाती हैं तथा तनाव मुक्त रहकर विद्यार्थियों को कैसे पढ़ाया जा सकता है और कैसे परिवार को संभाला जा सकता है आदि पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी उक्त कार्य में विद्यालय की काउंसलर मिस आंचल का विशेष सहयोग रहा।