‘समृद्ध हरियाणा: विरासत और विकास’ के थीम पर तैयार की गई है झांकी
पैरालम्पिक के मेडल विजेता खिलाड़ी होंगे झांकी पर आकर्षण का केन्द्र
चंडीगढ़, 23 जनवरी।
सुनील कुमार जांगड़ा.
हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत से लेकर आधुनिक हरियाणा की झलक इस बार गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर दिखाई देगी, जो कि समस्त हरियाणा वासियों के लिए गर्व की बात है।”
ये विचार वीरवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने दिल्ली में मीडिया से रूबरू होते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि इस बार 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हरियाणा की झांकी के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण द्वारा हरियाणा की धरती पर दिए गए श्रीमद्भगवद गीता के ज्ञान से लेकर आधुनिकता के पथ पर बढ़ रहे समृद्ध हरियाणा की तस्वीर प्रस्तुत की जा रही है। ‘समृद्ध हरियाणा: विरासत और विकास’ के थीम पर तैयार की गई झांकी में जहां एक ओर हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के तौर पर गीता के ज्ञान को दर्शाया गया है, वहीं दूसरी ओर आईटी के प्रयोग से फसल का ब्यौरा भरते और अपनी उपज का भाव देखते किसान के साथ खेलों में स्पोर्टस पावर के तौर पर उभरते हरियाणा की झलक दिखाई देगी। हमारे पैरालम्पिक के मेडल विजेता खिलाड़ी नामत: नितेश कुमार(बैडमिंटन), हरविन्द्र सिंह(शूटिंग), योगेश कथूनिया (डिस्कस थ्रो), अरूणा तंवर (ताइक्वांडो) और तरूण ढिल्लो (बैडमिंटन) झांकी पर आकर्षण का केन्द्र होंगें, जो कि देश के लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत हैं। यहीं नहीं, झांकी के अंतिम भाग में पब्लिक-प्राईवेट पार्टनरशिप(पीपीपी) के अनूठे शहरीकरण मॉडल के रूप में विकसित हुए गुरूग्राम की गगनचुंबी ईमारतों का समूह भी नजर आएगा। हरियाणा का गुरूग्राम देश के प्रमुख आईटी सॉफ्टवेयर निर्यातकों में से एक है। यह झांकी सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा द्वारा तैयार की गई है।
उन्होंने बताया कि प्रदेशवासियों के लिए यह भी खुशी की बात है कि हरियाणा की झांकी लगातार चौथी बार और वर्तमान सरकार के कार्यकाल में छठी बार कर्तव्य पथ पर प्रदेश की चहुंमुखी उन्नति और समृद्धि को प्रदर्शित कर रही है। प्रदेश के विकास की राह पर बढ़ते कदमों का श्रेय हरियाणा के मेहनतकश लोगों को देते हुए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेशवासियों की मेहनत के बल पर आज हरियाणा हर क्षेत्र जैसे कृषि, खेल, आईटी, औद्योगिकीकरण आदि में अग्रणी राज्य बना है।
वीरवार को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल आयोजित की गई, जिसमें हरियाणा की झांकी प्रदर्शित हुई। यह झांकी अब रविवार को गणतंत्र दिवस समारोह में देशवासियों के समक्ष फिर से प्रदर्शित होगी।
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नए आपराधिक कानूनों पर महत्वपूर्ण कानूनी ग्रंथों का किया विमोचन
चंडीगढ़ , 23 जनवरी।
आज यहां पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के परिसर में स्थित बार एसोसिएशन रूम में तीन महत्वपूर्ण कानूनी ग्रंथों का विमोचन किया गया। इस अवसर पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस श्री शील नागू ने आधिकारिक रूप से “भारतीय न्याय संहिता पर विवेचना और टिप्पणी”, “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता पर विवेचना और टिप्पणी”, और “भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर विवेचना और टिप्पणी” शीर्षक से तीन पुस्तकों का विमोचन किया।
इस अवसर पर विमोचन समारोह की अध्यक्षता मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश,जस्टिस अजय कुमार मित्तल द्वारा की गई। ये ग्रंथ रविंद्र खंडेलवाल, कमलजीत दहिया, श्रीमती अनु सिंह और वरुण चुघ के सह-लेखन में तैयार किए गए।
इस अवसर पर अपने भाषण में जस्टिस श्री शील नागू ने इन नए कोडों को न्याय, समानता और कानून के शासन के सिद्धांतों को अभिव्यक्त करने वाली एक न्यायिक प्रणाली की ओर एक कदम बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम न केवल विधायी अपडेट का प्रतीक हैं, बल्कि कानूनी ढांचे के पूर्ण परिवर्तन का प्रतीक हैं जो साइबर अपराध, भीड़ हिंसा और आतंकवाद जैसी आधुनिक चुनौतियों का समाधान करते हैं।
जस्टिस श्री अजय कुमार मित्तल ने कानूनी सुधारों की समयोचितता और प्रासंगिकता की सराहना की, और इन नए कानूनों की जटिलताओं के माध्यम से कानूनी पेशेवरों को शिक्षित करने और मार्गदर्शन करने में इन पाठों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया।
इस कार्यक्रम का संचालन हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री जसदेव सिंह बराड़ और मानद सचिव श्री स्वर्ण सिंह तिवाना ने किया। इस अवसर पर बार एसोसिएशन के कई सम्मानित सदस्य उपस्थित थे।
श्री के के खंडेलवाल, जो हरियाणा कैडर के 1985 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में भारत स्काउट्स और गाइड्स के राष्ट्रीय आयुक्त हैं, ने कानूनी, प्रबंधन, और सांस्कृतिक विषयों पर तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनकी व्यापक रचनाएं कानून के विभिन्न क्षेत्रों में समझ और अनुप्रयोग में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।
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ऊर्जा, परिवहन व श्रम मंत्री अनिज विज के प्रयासों से अम्बाला छावनी की दस सड़कों को मिलेगी मजबूती
बीते वर्ष जून माह में दस सड़कों की मरम्मत हेतु भेजा गया था एस्टीमेट, सरकार से अब मिली मंजूरी
4.26 करोड़ रुपए की लागत से अम्बाला छावनी के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में होगी सड़कों की मरम्मत
चंडीगढ़, 23 जनवरी।
हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री श्री अनिल विज के प्रयासों से अम्बाला छावनी के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में दस सड़कों की मरम्मत के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मंजूरी प्रदान की गई है। बीते वर्ष जून माह में इन दस सड़कों की मरम्मत हेतु एस्टीमेट भेजा गया था जिससे अब सरकार ने जनवरी में मंजूरी प्रदान की है।
श्री विज ने बताया कि अम्बाला छावनी के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की दस सड़कों की मरम्मत के लिए 4.26 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। इन सड़कों बनने से स्थानीय निवासियों को फायदा होगा।
गौरतलब है कि इन दस सड़कों की मरम्मत के लिए बीते वर्ष 13 जून को पीडब्ल्यूडी की ओर से एस्टीमेट बनाकर प्रदेश सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया था जिसकी मंजूरी अब प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष जनवरी माह में 16 जनवरी को प्रदान की गई है।
सड़कों की मरम्मत से शहर व ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को लाभ मिलेगा तथा वाहन चालकों को आने-जाने में बेहतर सुविधा मिलेगी।
इन सड़कों की मरम्मत हेतु मिली मंजूरी
पंजोखरा साहिब से धीरा माजरा गांव तक रोड की मरम्मत। इसी प्रकार नारायणगढ़ हाईवे से गांव बरनाला तक रोड की मरम्मत, नारायणगढ़ हाईवे से गांव मंडौर तक रोड की मरम्मत, टुंडला से लिंक रोड स्थानीय मंडी तक, पंजोखरा साहिब से टुंडला तक लिंक रोड की मरम्मत, जगाधरी रोड पर चंदपुरा से मुन्नरहेड़ी तक मरम्मत, एफसीआई गोदाम के निकट रंगिया मंडी-नन्हेड़ा रोड की मरम्मत, इसी तरह जीटी रोड से नन्हेड़ा से रंगिया मंडी रोड की मरम्मत, शाहपुर से मच्छौंडा रोड की मरम्मत तथा जीटी रोड से मच्छौंडा रोड की मरम्मत 4.26 करोड़ रुपए की लागत से की जाएगी।
कैबिनेट मंत्री अनिल विज के नेतृत्व में लगातार हो रहे विकास कार्य
गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री श्री अनिल विज के नेतृत्व में अम्बाला छावनी में लगातार विकास कार्य हो रहे हैं। छावनी की प्रमुख सड़कों के अलावा संपर्क मार्गों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। सदर क्षेत्र की सड़कों के अलावा मुख्य जगाधरी रोड, महेशनगर रोड व अन्य कई सड़कों को नया बनाया गया है।
इसी प्रकार टांगरी बांध रोड से नई रोड जीटी रोड तक बनाई जा रही है। इस रोड के जरिए वाहन चालक जगाधरी रोड से होते हुए सीधा जीटी रोड पर निकल पाएंगे। इस रोड के बनने से शाहपुर, मच्छौंडा, चंद्ररपुरी, सुंदरनगर, सेक्टर निवासी, घसीटपुर व अन्य क्षेत्रों के लोगों को छावनी आने में सुविधा मिलेगी।
अम्बाला छावनी में तैयार हो रही रिंग रोड
मंत्री अनिल विज के प्रयासों से अम्बाला छावनी में रिंग रोड का निर्माण कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। लगभग 1500 करोड़ रुपए की लागत से 40 किमी. लंबी रिंग रोड पांच नेशनल हाईवे को टच करेगी। यह रिंग रोड छावनी में ट्रैफिक के दबाव को भी कम करेगी। इस रोड के जरिए वाहन चालक शहर में दाखिल हुए बिना ही एक हाईवे से दूसरे हाईवे पर बाहर निकल पाएंगे।
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेती रहेगी आज की युवा पीढ़ी: केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पुष्पांजलि अर्पित कर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने दी श्रद्धांजलि
चंडीगढ़ , 23 जनवरी।
केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेती रहेगी।
उन्होंने आज करनाल के कमेटी चौक पर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित किए और उन्हें याद किया। केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल ने जय हिंद के नारे के साथ, वहां मौजूद सभी लोगों को नेताजी के विचारों को जीवन में अनुसरण करने का आह्वान किया। इस मौके पर करनाल के विधायक जगमोहन आनंद मौजूद रहे।
केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजादी के आंदोलन का बड़ा श्रेय दिया जाता है। उन्होंने नौजवानो को साथ लेकर आजादी के लिए अहम भूमिका निभाई। आज उनके जन्मदिवस के अवसर पर उनके चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि आने वाली युवा पीढ़ी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जीवनी से हमेशा प्रेरणा लेती रहेगी और देश के प्रति अपना दायित्व निभाने से कभी पीछे नहीं रहेगी।
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दिव्यांगजनों के लिए नायब सरकार का बड़ा फैसला
हरियाणा में अब 10 और श्रेणियों के दिव्यांगजनों को मिलेगी पेंशन, 32 हजार दिव्यांग होंगे लाभान्वित
मंत्रिमंडल ने हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियमों में दी संशोधन को मंजूरी
चंडीगढ़, 23 जनवरी – हरियाणा में दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 10 अन्य श्रेणियों के तहत दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित हरियाणा मंत्रिमंडल ने हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत 21 प्रकार की दिव्यांग श्रेणियों को शामिल किया गया है। वर्तमान में, हरियाणा सरकार 11 श्रेणियों में दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ प्रदान कर रही है। अब हरियाणा सरकार ने शेष 10 श्रेणियों को भी लाभांवित करने का फैसला किया है, जिसके तहत 32,000 दिव्यांगजन लाभांवित होंगे।
इन 10 श्रेणियों में प्रमस्तिष्क घात, मांसपेशीय दुर्विकास, वाक् और भाषा दिव्यांगता, बहु-स्केलेरोसिस, पार्किंसंस रोग, सिकल कोशिका रोग, बहु-दिव्यांगता, विनिर्दिष्ट सीख दिव्यांगता, स्वपरायणता स्पेक्ट्रम विकार और चिरकालिक तंत्रिका दशाएं शामिल है।
वर्तमान में, यूडीआईडी पोर्टल के अनुसार हरियाणा में 2,08,071 लाभार्थियों को दिव्यांग पेंशन के रूप में 3 हजार रुपये प्रति माह प्रदान किए जा रहे हैं। अब नियमों में शेष 10 दिव्यांगता श्रेणियों को शामिल करने से लगभग 32 हजार व्यक्ति इस पेंशन का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे।
इसके अलावा, बैठक में हीमोफीलिया और थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों के मामले में वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए आयु सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में हीमोफीलिया और थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों को वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए आयु सीमा न्यूनतम 18 साल है। साथ ही, यह भी निर्णय लिया गया कि हीमोफीलिया, थैलेसीमिया व सिकल सैल एनेमिया के लिए वित्तीय सहायता पहले से प्राप्त किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अतिरिक्त होगी।
यह सरकार की दिव्यांगजनों के कल्याण व स्वस्थ बनाने की निरंतर प्रतिबद्धता है और यह सुनिश्चित करना है कि वे सुखद जीवन के लिए सरकार से आवश्यक सहयोग प्राप्त करते रहें।
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नायब सरकार ने संकल्प पत्र के अपने वायदे को किया पूरा
छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए मंत्रिमंडल ने हरियाणा एकमुश्त निपटान योजना-2025 को दी मंजूरी
योजना से 2 लाख से अधिक करदाताओं को मिलेगा लाभ
चंडीगढ़, 23 जनवरी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक बार फिर छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने और राज्य में व्यापार के अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। संकल्प पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए सरकार ने कर बकाया राशि की वसूली के लिए ‘हरियाणा एकमुश्त निपटान योजना 2025‘ शुरू की है, जिसका उद्देश्य जीएसटी व्यवस्था से पहले के अधिनियमों के तहत मुकदमेबाजी के बोझ को कम करना, बकाया राशि की वसूली में तेजी लाना और छोटे करदाताओं को राहत देना है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में ‘हरियाणा एकमुश्त निपटान योजना 2025‘को मंजूरी दी गई।
योजना से 2 लाख से अधिक करदाताओं को मिलेगा लाभ
जीएसटी से पहले के सात अधिनियमों के तहत बकाया कर देनदारियों के निपटान के लिए तैयार की गई नई योजना में, किसी एक अधिनियम के तहत 10 लाख रुपये तक की बकाया देनदारियों वाले करदाताओं को 1 लाख रुपये तक की रियायत दी जाएगी। साथ ही, शेष मूल कर राशि का 60 प्रतिशत भी माफ किया जाएगा।
इसके अलावा, 10 लाख रुपये से अधिक और 10 करोड़ रुपये तक की बकाया देनदारियों वाले करदाताओं को भी उनकी कर राशि पर 50 प्रतिशत की रियायत मिलेगी। इस योजना से 2 लाख से अधिक करदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।
विशेष रूप से, इस योजना का लाभ उठाने वाले सभी करदाताओं की ब्याज और जुर्माना राशि पूरी तरह से माफ कर दी जाएगी। 10 लाख रुपये से अधिक की निपटान राशि वाले करदाताओं को अपनी मूल राशि दो किस्तों में चुकाने की अनुमति होगी।
यह योजना सात अधिनियमों के तहत परिमाणित बकाया राशि के लिए लागू है, अर्थात् हरियाणा मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2003 (2003 का 6), केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम, 1956 (1956 का केंद्रीय अधिनियम 74), हरियाणा स्थानीय क्षेत्र विकास कर अधिनियम, 2000 (2000 का 13), स्थानीय क्षेत्रों में वस्तुओं के प्रवेश पर हरियाणा कर अधिनियम, 2008 (2008 का 8), हरियाणा विलासिता कर अधिनियम, 2007 (2007 का 23), पंजाब मनोरंजन शुल्क अधिनियम, 1955 (पंजाब अधिनियम 16, 1955), हरियाणा सामान्य बिक्री कर अधिनियम, 1973 (1973 का 20)।
योजना की मुख्य विशेषताएं
यह एक सरलीकृत योजना है। पुरानी योजना के विपरीत इसमें कर का कोई वर्गीकरण नहीं है; जैसे स्वीकृत कर, विवादित कर, निर्विवाद कर या अंतर कर। इसके अलावा, नई योजना में ब्याज और सभी प्रकार के दंड माफ किए गए हैं।
जिन छोटे करदाताओं का संचयी परिमाणित कर बकाया 10 लाख रूपये तक है, उन्हें अपने संचयी कर बकाया में से 1 लाख रुपये का कर काटने के बाद केवल 40 प्रतिशत का भुगतान करना होगा, और अन्य जिनका संचयी बकाया 10 करोड़ रुपये तक है, उन्हें संचयी कर बकाया का 50 प्रतिशत भुगतान करना होगा।
यह योजना नियत दिन से 120 दिनों के लिए खुली रहेगी। जिस करदाता की निपटान राशि 10 लाख रुपये से अधिक आती है, वह निपटान राशि दो किस्तों में दे सकता है।
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हरियाणा 2030 तक बनेगा प्रदूषण मुक्त
कैबिनेट ने हरियाणा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए हरियाणा क्लीन ऐयर प्रोजेक्ट की डीपीआर को दी मंजूरी
चंडीगढ़, 23 जनवरी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2029-30 तक की अवधि के लिए सतत विकास हेतु हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना (हरियाणा क्लीन एयर प्रोजेक्ट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट) को मंजूरी दी गई। इस परियोजना का उद्देश्य भारत-गंगा के मैदान ( इंडो गंगेटिक प्लेन) में वायु की गुणवत्ता में सुधार करना और प्रदूषण के उत्सर्जन को कम करना है, जो कई राज्यों की सीमाओं में फैला हुआ है।
सतत विकास हेतु हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना (HCAPSD) को विश्व बैंक द्वारा मदद दी जा रही है। यह खास पहल हरियाणा सरकार की है। इस परियोजना के लिए कुल प्रस्तावित बजट 3,647 करोड़ रुपये है। इस परियोजना को विश्व बैंक के परिणाम कार्यक्रम (PforR) तंत्र के माध्यम से वित्तपोषित किया जाएगा।
यह परियोजना राज्य में वायु गुणवत्ता प्रबंधन प्रणालियों को मजबूत करने में सहायता करेगी, साथ ही भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों में के साथ भी तालमेल बनाएगी। यह क्षेत्र-विशिष्ट वायु प्रदूषण निवारण उपायों को डिजाइन करने और लागू करने तथा सीमा-पार उत्सर्जन को कम करने के लिए भारत-गंगा के मैदान (आईजीपी) राज्यों के बीच समन्वय को सुविधाजनक बनाने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसके अतिरिक्त, परियोजना का उद्देश्य हरियाणा के शहरों में नागरिकों के लिए ‘जीवन की सुगमता’ को बढ़ाना भी है।
परियोजना के संभावित लाभों में अत्याधुनिक प्रदूषण नियंत्रण तकनीकों के परीक्षण और विस्तार का समर्थन करना शामिल है। यह परियोजना शेष भारत के लिए एक मॉडल के रूप में भी काम कर सकती है। यह वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क के विस्तार, प्रदूषण के राज्यव्यापी स्रोतों को पकड़ने और राज्य-स्तरीय उत्सर्जन सूची के विकास के माध्यम से एयर-शेड प्रबंधन को भी सक्षम करेगा। इस परियोजना से प्रदूषण के उत्सर्जन में कमी और सकारात्मक स्पिलओवर प्रभावों के माध्यम से हरियाणा में वायु गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है। सतत विकास के लिए हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के नेतृत्व में एक बहु-क्षेत्रीय पहल है।
सतत विकास के लिए हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना को विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित किया जाएगा, जिसमें पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण, परिवहन, उद्योग एवं वाणिज्य, शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय, नगर एवं ग्राम नियोजन, हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी), हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्रामीण विकास, पशुपालन एवं डेयरी, विकास एवं पंचायत, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन सिटी बस लिमिटेड, फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन सिटी बस लिमिटेड, हरियाणा सिटी बस सर्विस लिमिटेड और एमएसएमई निदेशालय शामिल हैं।
सतत विकास हेतु हरियाणा स्वच्छ वायु परियोजना में इसकी प्रगति की समीक्षा और निगरानी के लिए तीन स्तरीय शासी संरचना होगी। शीर्ष स्तर पर, मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली शासी समिति तिमाही आधार पर परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेगी। दूसरे स्तर पर, संचालन समिति का नेतृत्व पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव करेंगे, जिसमें सदस्य कार्यान्वयन विभागों के निदेशक होंगे। संचालन समिति मासिक आधार पर परियोजना के तहत प्रगति की समीक्षा करेगी। परियोजना के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए हरियाणा सतत विकास कार्यान्वयन प्रकोष्ठ (एचसीएपीएसडी प्रकोष्ठ) के लिए स्वच्छ वायु परियोजना का गठन किया जाएगा। इस प्रकोष्ठ का नेतृत्व परियोजना निदेशक, अर्थात हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के सदस्य सचिव, या सरकार द्वारा नियुक्त किसी अन्य अधिकारी द्वारा किया जाएगा। परियोजना के प्रभावी और समय पर क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर समय-समय पर परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
एक अतिरिक्त परियोजना निदेशक एचसीएस रैंक का अधिकारी या सरकार द्वारा नियुक्त कोई अन्य अधिकारी होगा, जो इन पहलों के दिन-प्रतिदिन के क्रियान्वयन के लिए होगा। क्षेत्रवार पहलों के क्रियान्वयन के लिए, एचसीएपीएसडी कार्यान्वयन प्रकोष्ठ नामित विभागों के संबंधित उप समन्वय अधिकारियों के साथ समन्वय करेगा। पर्यावरण विभाग परियोजना के क्रियान्वयन को आगे बढ़ाने में सभी विभागों की सहायता के लिए एक पूर्णकालिक कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (पीएमयू) को नियुक्त करेगा।
उपरोक्त के अलावा, एक राज्य-व्यापी फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किया जाएगा और 24 ‘स्वच्छ वायु राजदूतों ( क्लीन एयर अम्बेसडर ) (सभी जिलों में एक-एक और गुरुग्राम और फरीदाबाद में दो-दो) को परियोजना कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर क्षमता बनाने के लिए शामिल किया जाएगा।
हरियाणा के पूर्व में उत्तर प्रदेश, पश्चिम में पंजाब, उत्तर में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में राजस्थान है। यह इंडो गंगा मैदान के राज्यों में से एक है जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
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कैबिनेट ने पूर्व कर्मचारियों के हित में लिया निर्णय
कॉन्फेड, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड (एचएमएल) तथा हथकरघा एवं निर्यात निगम के पूर्व कर्मचारियों को दी राहत
चंडीगढ़ 23 जनवरी।
हरियाणा सरकार ने हरियाणा राज्य लघु सिंचाई एवं नलकूप निगम (एचएसएमआईटीसी) की तर्ज पर कॉन्फेड, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड (एचएमएल) तथा हथकरघा एवं निर्यात निगम के उन पूर्व कर्मचारियों से वसूली योग्य राशि माफ करने का निर्णय लिया है, जिन्होंने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत लाभ प्राप्त किया था।
इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
निर्णय के अनुसार, 1 अक्टूबर, 2020 से पहले की अवधि के लिए भुगतान की गई कुल मूल राशि, कॉनफेड, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड (एचएमएल) और हैंडलूम एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन के पूर्व कर्मचारियों से बिना ब्याज के वसूल की जाएगी। वसूली एक वर्ष तक सीमित होगी, विशेष रूप से अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 तक। इसके अतिरिक्त, 1 अक्टूबर, 2020 के बाद भुगतान की गई कुल मूल राशि भी उसी तर्ज पर बिना ब्याज के वसूल की जाएगी।
कॉन्फेड, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड और हरियाणा हैंडलूम एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन के पूर्व कर्मचारियों से वसूली के लिए लंबित कुल मूल राशि 1,46,89,690 रुपये, जो 1 अक्टूबर, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित है, माफ कर दी जाएगी।
इन तीनों निगमों के किसी भी पूर्व कर्मचारी की मानदेय की पात्रता बकाया मूल राशि की वसूली तथा जिले में संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी से नो ड्यूज प्रमाण पत्र प्राप्त करने के अधीन 1 अक्टूबर, 2020 से ही प्रभावी होगी।
इन तीनों निगमों के किसी भी भूतपूर्व कर्मचारी द्वारा किसी अवधि के लिए भुगतान की गई पेंशन के विरुद्ध पहले से वसूल की गई/जमा की गई सामाजिक सुरक्षा पेंशन की कोई भी राशि केवल उनकी वसूली योग्य राशि में समायोजित की जाएगी। हालांकि, किसी भी भूतपूर्व कर्मचारी द्वारा पहले से वसूल की गई/जमा की गई कोई भी अतिरिक्त राशि, चाहे वह किसी भी अवधि की हो, वापस नहीं की जाएगी।
वृद्धावस्था भत्ता के तहत जारी योजना दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी या स्थानीय/सांविधिक निकाय या किसी सरकारी या स्थानीय/सांविधिक निकाय द्वारा वित्तपोषित किसी संगठन से पेंशन प्राप्त कर रहा है, तो वह इस योजना के तहत भत्ता प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं होगा। परिणामस्वरूप, कॉन्फेड, हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड (एचएमएल) और हैंडलूम एंड एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन के पूर्व कर्मचारी वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अपात्र थे, क्योंकि वे पहले से ही कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के तहत मासिक पेंशन प्राप्त कर रहे थे। इसके अतिरिक्त, वे पहले से ही ग्रेच्युटी और अवकाश नकदीकरण का लाभ उठा चुके थे।
राज्य सरकार ने इन तीनों निगमों के पूर्व कर्मचारियों के लिए पेंशन के स्थान पर एक निश्चित मासिक मानदेय को मंजूरी दी है, जो कर्मचारी वर्गीकरण के आधार पर 6000 रुपये से 20,000 रुपये प्रति माह है, और यह हरियाणा राज्य लघु सिंचाई एवं नलकूप निगम (एचएसएमआईटीसी) के कर्मचारियों को दिए गए समान पैटर्न पर 1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी है।
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पराक्रम दिवस पर हरियाणा मंत्रिमंडल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को दी श्रद्धांजलि
चंडीगढ़, 23 जनवरी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सर्वप्रथम पराक्रम दिवस के मौके पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
बैठक के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे और भारत की आजादी में उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने जो संकल्प पत्र में वायदे किए थे, वो एक-एक करके पूरे करने का काम किया जा रहा है। उसी कड़ी में महिलाओं के लिए लाडो लक्ष्मी योजना की रूपरेखा तैयार की जा रही है। राज्य के आगामी बजट में इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी और बजट का प्रावधान किया जाएगा।
उनकी (आम आदमी पार्टी) शराब की नीति है, हमारी विकास की नीति
दिल्ली विधानसभा चुनावों के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जो स्वयं को आम आदमी कहते थे, उन्होंने अपना शीशमहल खड़ा कर लिया है। दिल्ली की जनता में आम आदमी पार्टी की सरकार के प्रति रोष है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के मंत्री आज भी शराब नीति की बात करते हैं, जबकि हरियाणा सरकार की नीति विकास की नीति है। हरियाणा में बिना पर्ची-खर्ची के गरीब परिवारों के बच्चे एचसीएस अधिकारी तक लग रहे हैं।
इस अवसर पर सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री राजेश नागर, खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक के मकरंद पांडुरंग और मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय उपस्थित थे।