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एसपी डॉ अंशु सिंगला की अध्यक्षता में पहले ही पुलिस अधिकारियों के साथ हुई मीटिंग में नए कानूनों बारे दी जा चुकी है जानकारी

पलवल.28 जून।
सुनील कुमार जांगड़ा.

डीएसपी पलवल व नोडल अधिकारी ने तीन नए कानून की जानकारी देते हुए बतलाया कि दिनांक 11 जून को पुलिस अधीक्षक कार्यलय के कॉन्फ्रेंस हॉल में एसपी पलवल डॉ अंशु सिंगला की अध्यक्षता में 01 जुलाई से भारत में लागू होने वाले नए कानूनों के सम्बन्ध में मीटिंग आयोजित की गई थी। इस मिटिंग में जिला पलवल के सभी डीएसपी, उप-जिला न्यायवादी,सभी थाना प्रबन्धक,सभी अपराध शाखाओं के ईन्चार्ज सहित पलवल के तैनात विभिन्न पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

पुलिस अधीक्षक महोदया द्वारा तीन नए कानून पर आयोजित मिटिंग में उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए बतलाया गया कि भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी), दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) तथा साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट.) की जगह भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) ने ली है। अब कानून व पुलिस प्रक्रियां नए कानूनों के अनुसार लागू होगी। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में जहां 511 धाराएं थी वहीं अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में 358 धाराएं हैं। जिनको 20 अध्याय में विभाजित किया गया हैं, 33 अपराधों में सजा अवधि बढ़ाई है, 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई है, 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है। बीएनएस के माध्यम से सजा के एक नए तरिके के तौर पर समुदायिक सेवा को जोडा गया है तथा 06 अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान रखा गया है।

नए कानूनों के मुख्य बिंदु इस प्रकार है-
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में आईपीसी की ज्यादातर धाराओं को शामिल किया गया। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में कम्युनिटी सर्विस को सजा के तौर पर शामिल किया गया है।
आंतकवाद को एक अपराध के तौर पर शामिल किया गया है। अब पुलिस को केवल वर्तमान में मौजूद यूएपीए एक्ट पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
राजद्रोह के स्थान पर भारत की संप्रभुता, अखंडता, एकता को खतरे में डालना को शामिल किया गया है।

किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के द्वारा हिंसा की धमकी हिंसा का उपयोग या किसी अन्य गैर-कानूनी तरीके से अपराध करने को संगठित अपराध करने की श्रेणी में लिया गया है, जिसके लिए BNS की धारा 111 में सजा का प्रावधान है। अर्थिक अपराधों को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है।
किसी अपराध को करने के लिए बच्चों को काम में लगाना को भारतीय न्याय संहिता की धारा 95 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा।
भारत में अपराध के लिए भारत के बाहर किसी को बहकाना या उकसाना को भारतीय न्याया संहिता की धारा 48 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा।
किसी महिला की निजी तस्वीरें बिना महिला की इजाजत के खींचना/देखना भारतीय न्याय संहिता के द्वारा 77 के अंतर्गत, किसी महिला का पीछा करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 78 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा।
बलपूर्वक तथा हिंसा करते हुए दंगे करना भारतीय न्याय संहिता की धारा 191 के अंतर्गत अपराध माना जाएगा।
इसी प्रकार सीआरपीसी में 484 धाराएं थी वहीं अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) में 531 धाराएं हैं, पूर्व में प्रथम सूचना रिपोर्ट सीआरपीसी की धारा 154 के तहत अंकित की जाती थी जो कि अब 01 जुलाई 2024 से बीएनसएस की धारा 173 के तहत अंकित की जाएगी।
उप पुलिस अधीक्षक विशाल कुमार ने बताया कि 1 जुलाई 2024 से नए कानूनों के तहत कार्यवाही के लिए पलवल पुलिस तैयार है। नए कानूनों के संबंध में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए पुलिस ट्रेनिंग सेंटर मधुबन, सुनारिया व भोंडसी में जिला पुलिस के जवानों को मास्टर ट्रेनर के रुप में तैयार किया गया हैं, जो भविष्य में समय-समय पर पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करेंगे ।

https://haryanaudaynews.com/faridabad/1633/

By HUWeb

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