लोक अदालत में 52687 केस रखे गए:सीजेएम



फरीदाबाद 8 मार्च।
सुनील कुमार जांगड़ा.
हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं न्यायमूर्ति पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ माननीय लिसा गिल के दिशा निर्देशानुसार हरियाणा प्रांत में प्रत्येक जिले के अंदर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया!
इसी क्रम में जिला फरीदाबाद के सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संदीप गर्ग की अध्यक्षता एवं निर्देशानुसार, सीजेएम रितु यादव मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की देखरेख, में आज जिला अदालत सेक्टर 12, फरीदाबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया!
इस लोक अदालत में 16 बेंच लगाए गए जिनमें न्यायधीश पुरुषोत्तम कुमार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री राजेश कुमार यादव अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनीत सपरा अतिरिक्त प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट संदीप कुमार यादव अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जिज्ञासा शर्मा जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रमणीक कौर जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अविनाश यादव जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आकृति वर्मा जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अनिल कुमार जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी वीरेंद्र कुमार जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी प्रगति राणा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी निधि न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी सरिता सोलंकी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी डॉक्टर सारिका न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी पारस चौधरी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी नीतिका भारद्वाज न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की बेंच बनाई गई जिनमें 52687,केस रखे गए जिनमें से कुल 50923 केसों का निपटारा/ आपसी सहमति से लोक अदालत द्वारा किया गया जिनमें मोटर वाइकल दुर्घटना 53,छोटे-मोटे अपराधिक मामले 6811 , चेक बाउंस 496, बिजली से संबंधित 397, समरी चालान 33796,श्रमिक विवाद 33 केस, वैवाहिक संबंधित 313,दीवानी 3025, बैंक रिकवरी 777, रेवेन्यू 5214, वाटर 08 का निपटारा आपसी सहमति से किया गया और सभी व्यक्ति अपने अपने कैस के फैसले से संतुष्ट होते हुए खुशी-खुशी अपने घर गए रितु यादव ने बताया कि आज की लोक अदालत में लोगों का ट्रैफिक केसों को लेकर लोगों का रुझान रहा यानी की इस लोक अदालत में अधिक से अधिक ट्रैफिक चालान से संबंधित केसों का निपटारा किया गया।
इस अवसर पर न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि लोक अदालत में फैसला होने पर जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती कोर्ट फीस वापस हो जाती है तथा केस का फैसला हमेशा हमेशा के लिए हो जाता है जिससे पैसे व समय की बचत होती है तथा आपस में प्यार भाव बना रहता है।