बल्लबगढ़. 26 अगस्त।
सुनील कुमार जांगड़ा.
जन्माष्टमी पर्व बल्लबगढ़ उप मंडल के अंतर्गत मथुरा रोड जेसीबी के सामने संजय कॉलोनी स्थित देवलोक मंदिर में देवलोक ट्रस्ट के संस्थापक डी.पी.संत जी के सानिध्य में सेवकों व श्रद्धालुओं द्वारा भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के जन्माष्टमी पर्व को बहुत धूमधाम और हर्षोल्लास से मनाया गया।
महाराज डी पी संत जी ने सभी का मार्गदर्शन करते हुए कहा इस दिन विधि- विधान से भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस को पूजा- अर्चना करके मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात्रि में हुआ था। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा- अर्चना रात्रि में ही की जाती है।
जन्माष्टमी, भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन की खुशी में मनाया जाने वाला एक बड़ा पर्व है। यह त्यौहार भाद्रपद के महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।भगवान कृष्ण जी ने देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में उत्तर प्रदेश के मथुरा में जन्म लिया था।
यह त्यौहार हमें भगवान कृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों की याद दिलाता है। यह हमें भक्ति, प्रेम और धर्म के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है। भगवान श्री कृष्ण जी ने महाभारत में पांडू पुत्र अर्जुन के माध्यम से पूरे संसार को हरियाणा प्रदेश के कुरुक्षेत्र में गीता का उपदेश दिया था। सभी मनुष्यों के जीवन में पांच तत्व जिनमें काम,क्रोध,लोभ, मोह और अहंकार अहम भाग अदा करते है और इनमें अहंकार बहुत बलवान है जो अहंकार करने से मनुष्य जीवन नरक में पड़ता है। गीता उपदेश में ही भगवान श्री कृष्ण जी ने बताया कि जो इंसान गुरु की सेवा मन से करते है वो विद्यावान होते है और प्रसन्न रहते है और उनको कई अश्वमेघ यज्ञ के समान पुण्य का फ़ल मिलता है इसलिए हम सभी को माता-पिता और गुरु की सेवा बिना किसी भेदभाव और निस्वार्थ भाव से करें। आपको बता दें कि देवलोक मंदिर में महिला मंडली द्वारा भजन किए गए। मंदिर प्रांगण में आए आस पास के छोटे छोटे बच्चों ने श्री कृष्ण जी के जन्मोत्सव के विभिन्न भजनों पर नाच गा कर हर्षोल्लास के साथ मनाया। उसके पश्चात मन्दिर में सेवकों द्वारा प्रसाद श्रद्धा पूर्वक वितरण किया गया।