मुकदमा दर्ज से पहले किसी राजपत्रित अधिकारी से निष्पक्ष जांच अनिवार्य की जाए

बिजनौर/फरीदाबाद.25 दिसंबर।
बिजेंद्र फौजदार.
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन (जीपीए) उत्तर प्रदेश के आह्वान पर गुरुवार को जनपद बिजनौर की इकाई ने नगीना सांसद चंद्रशेखर को उनके धामपुर स्थित आवास पर मुख्यमंत्री के नाम एक सात सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। सांसद ने पत्रकारों को आश्वासन दिया कि वे न केवल इस ज्ञापन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाएंगे, बल्कि संसद में भी ग्रामीण पत्रकारों की आवाज को प्रमुखता से उठाएंगे।
जिला अध्यक्ष डॉ.भानु प्रकाश वर्मा के नेतृत्व में सौंपे गए इस ज्ञापन में पत्रकारों के हितों से जुड़ी सात मुख्य मांगों को रखा गया है:
मान्यता नियमों में संशोधन:19 जून 2008 के आदेश को संशोधित कर तहसील स्तर पर सभी दैनिक समाचार पत्रों के संवाददाताओं को मान्यता दी जाए।
मंडल स्तर पर मंडलायुक्त और तहसील स्तर पर एस डी एम की अध्यक्षता में स्थाई समितियों का गठन हो, जिसमें जीपीए के अध्यक्ष को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया जाए।
स्वास्थ्य एवं परिवहन सुविधा: ग्रामीण पत्रकारों को आयुष्मान कार्ड के साथ-साथ यूपी रोडवेज की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा मिले। प्रदेश स्तर की मान्यता और विज्ञापन समितियों में एसोसिएशन के दो प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
कार्यालय एवं आयोग: लखनऊ के दारुल शफा में एसोसिएशन के लिए निशुल्क कार्यालय आवंटित हो और पत्रकारों की समस्याओं के लिए ‘ग्रामीण पत्रकार आयोग’ का गठन किया जाए।
कानूनी सुरक्षा: पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज करने से पहले किसी राजपत्रित अधिकारी से निष्पक्ष जांच अनिवार्य की जाए।
सांसद चंद्रशेखर ने प्रतिनिधिमंडल से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में ग्रामीण पत्रकार कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। उन्होंने विश्वास दिलाया कि इन वाजिब मांगों को सरकार के समक्ष मजबूती से रखा जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में ये रहे शामिल
इस अवसर पर संगठन के प्रदेश महासचिव (संगठन) डॉ. नरेश पाल सिंह, जिला अध्यक्ष डॉ. भानु प्रकाश वर्मा, धामपुर तहसील अध्यक्ष इंदर सिंह चौहान, बबलू सिंह चौहान, नसीम सैफी, पवन चौधरी, शेर सिंह चौधरी, मन्नान सैफी और अंकुर गुप्ता सहित अनेक पत्रकार साथी मौजूद रहे।