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डीजीपी शर्मा ने दिए थानों में महिला शौचालय निर्माण के कड़े निर्देश, बोले- जनता तक पहुंचे पुलिस के अच्छे काम

कोटा.24 दिसंबर।
प्रकाश चंद्र शर्मा.

डीजीपी राजीव कुमार शर्मा ने मंगलवार को कोटा रेंज के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया। बैठक में एडीजी क्राइम हवासिंह घुमरिया और डीआईजी राजेंद्र प्रसाद गोयल सहित रेंज के सभी एसपी मौजूद रहे।
डीजीपी शर्मा ने कहा कि पुलिसकर्मियों को रोज नई चुनौती का सामना करना होता है ऐसे में उन्हें लगातार अपने काम का रिव्यू करना चाहिए और कमियों को सुधारना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पुलिस का अपराधियों में भय होना चाहिए वही आमजन के साथ उसका व्यवहार संवेदनशील हो।

*जिलावार और वृत्तवार की समीक्षा

बैठक दौरान डीजीपी शर्मा ने कोटा रेंज के विभिन्न जिलों और वृत कार्यालयवार अपराधों की समीक्षा की। उन्होंने महिला अपराध, एसटी-एससी अत्याचार प्रकरण, निस्तारित व लंबित अपराधों की समीक्षा, आईटी एक्ट साइबर क्राइम प्रकरण भारतीय न्याय संहिता के प्रकरण में बनाएं गए ई साक्ष्य, वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी और उनके विरुद्ध कार्रवाई, वर्ष 2025 में निरोधात्मक कार्रवाई सहित क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थितियों की समीक्षा की और महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
*हर सप्ताह मांगेंगे थाने का एक बेस्ट कार्य
बैठक के दौरान डीजीपी ने प्रोएक्टिव पुलिसिंग पर जोर देते हुए कहा कि राजस्थान पुलिस द्वारा किए जा रहे सकारात्मक कार्यों को आम जनता तक पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने एक नई पहल की शुरुआत करते हुए निर्देश दिए कि हर थाने से साप्ताहिक रिपोर्ट मांगी जाएगी कि उस सप्ताह उन्होंने कौन सा एक अच्छा काम किया है।

अपराधों में 14% की कमी, अब क्वालिटी इन्वेस्टिगेशन पर फोकस:

बैठक में डीआईजी राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया कि रेंज में प्रभावी पुलिसिंग के चलते विभिन्न प्रकृति के अपराधों में 14 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। डीजीपी ने इस पर संतोष जताया लेकिन साथ ही निर्देश दिए कि अपराधों के आंकड़ों में क्वालिटी नजर आनी चाहिए और जनता को वास्तविक राहत मिलनी चाहिए। डीजीपी ने कोटा शहर में महिला सुरक्षा संबंधित सर्व करने और स्कूल कॉलेज की विद्यार्थियों को थाने की विजिट करवाने की बात कही।
समीक्षा के दौरान डीजीपी ने एनडीपीएस और साइबर अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश दिए। नशे के विरुद्ध सख्त कार्रवाई, साइबर अपराधों पर लगाम और अनुसंधान मित्र जैसे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस जन-साझेदारी ही अपराध मुक्त समाज की कुंजी है।

दो को डीजीपी डिस्क सम्मान :

बैठक के दौरान बूंदी एसपी राजेंद्र सिंह मीणा और पुलिस निरीक्षक रामकिशन गोदारा को डीजीपी डिस्क सम्मान प्रदान किया गया। इसी प्रकार संपर्क सभा में पुलिस आचार संहिता को एक स्वर में सुनाने वाले प्लाटून कमांडर पूरा राम को प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
बुनियादी ढांचा सुधारने के निर्देश :
डीजीपी ने रेंज की उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया लेकिन साथ ही पुलिस थानों व पुलिस लाइंस के बुनियादी ढांचे को सुधारने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने सभी पुलिस अधीक्षकों को पाबंद किया कि अगले दो माह के भीतर रेंज के हर थाने में महिला कार्मिकों के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पुलिस लाइंस में बारबार शॉप, कॉबलर शॉप और कैंटीन के स्वरूप को बाजार की अच्छी दुकानों की गुणवत्ता के समान सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने यह भी कहा कि हर पुलिस चौकी और थाने का साइन बोर्ड पुलिस मुख्यालय के प्रावधानों के अनुरूप ही हो।
बैठक दौरान एडीजी क्राइम डॉ. हवा सिंह घुमरिया ने अनुसंधान सुधार व कोर पुलिसिंग एरिया में ज्यादा ध्यान देने ध्यान देने की जरूरत बताई और सभी एसपी को क्राइम के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए बेहतर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
बैठक के अंत में डीजीपी शर्मा, एडीजी डॉ. हवा सिंह घुमरिया और डीआईजी शांतनु कुमार सिंह को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। और आभार कोटा ग्रामीण एसपी ने जताया।

By HUWeb

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