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सूरजकुंड दिवाली मेला में पानीपत का लक्ष्मी महिला स्वयं सहायता समूह लेकर आया है गाय के गोबर से निर्मित उत्पाद

अगरबत्ती, धूप और दीप के साथ उपलब्ध है हवन सामग्री

चण्डीगढ़, 4 अक्तूबर।
सुनील कुमार जांगड़ा.

सूरजकुंड परिसर में 7 अक्तूबर तक आत्मनिर्भर भारत-स्वदेशी मेला की थीम के साथ आयोजित किए जा रहे सूरजकुंड दिवाली मेला में स्वदेशी उत्पाद मेले की शोभा बढ़ा रहे हैं। इन्हीं स्वदेशी उत्पादों में से देशी गाय के गोबर से निर्मित धूप, दीप, और अगरबत्ती आदि सामान की स्टॉल पानीपत गांव निम्बरी लक्ष्मी महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा लगाई गई है, जो कि अपनी खुशबू से घर आंगन को महकाएंगे।

हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास विभाग हरियाणा से जुड़ा लक्ष्मी महिला स्वयं सहायता समूह की संचालिका भावना और पूनम ने बताया कि उनका समूह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के सपने लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वदेशी अपनाने को लेकर कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि गांव की 10 महिलाओं के साथ वर्ष 2018 में स्वयं सहायता समूह बनाकर स्वलंबन और आत्मनिर्भर बनने की शुरुआत की थी। उनके समूह द्वारा देशी गाय के गोबर से निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाए जाते हैं। इनमें धूप, दीप, अगरबत्ती और हवन सामग्री आदि शामिल है।

उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह से स्वदेशी तर्ज पर तैयार किए गए हैं जो कि पर्यावरण को शुद्ध रखने के साथ घर में नकारात्मकता को नष्ट करते हैं। यह उत्पाद प्राकृतिक रूप से भी गुणकारी होते हैं। सूरजकुंड दिवाली मेले में भी उनके उत्पाद काफी पसंद किया जा रहे हैं। इनकी कीमत भी इस तरह रखी गई है ताकि हर कोई इन्हें आसानी से खरीद सके।
उन्होंने इतने बड़े प्लेटफार्म सूरजकुंड दिवाली मेला में अपने उत्पादों की स्टॉल लगाने का मौका देने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद कुमार शर्मा का धन्यवाद किया और सूरजकुंड मेला प्रशासन द्वारा बेहतरीन व्यवस्था के लिए सराहना भी की।

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सूरजकुंड दिवाली मेला में पारंपरिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से आगंतुकों का मन मोह रहे लोक कलाकार

संस्कृति, परंपरा और स्वदेशी का अनूठा संगम बना सूरजकुंड दिवाली मेला

चण्डीगढ़, 4 अक्तूबर – सूरजकुंड दिवाली मेला केवल स्वदेशी उत्पादों और हस्तशिल्प तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत बना रहा है। मेला में लोक कलाकार पारंपरिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से आगंतुकों का मन मोह रहे हैं और उन्हें प्राचीन संस्कृति के गौरवशाली अतीत से भी जोड़ रहे हैं।

कार्यक्रमों में नगाड़ा पार्टी, बीन पार्टी आदि की हरियाणवी लोक नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने वातावरण को परम्परागत और उत्साहपूर्ण बना दिया है। दर्शक भी तालियों से कलाकारों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं। इन्हीं कलाकारों में से रोहतक से आया महिला लोक कलाकारों का आरती समूह प्राचीन लोक गीतों से लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित कर रहा है। मेला में आए लोगों का कहना है कि ऐसे कार्यक्रम भारतीय परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

सूरजकुंड दिवाली मेला पिछले साल की तरह इस बार भी संस्कृति, परंपरा और स्वदेशी का अनूठा संगम बनकर उभरा है। आइए, आप भी सूरजकुंड दिवाली मेला में संस्कृत कार्यक्रमों का आनंद लें और भारतीय संस्कृति की भव्यता से जुड़ें।

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सूरजकुंड दिवाली मेला में स्वदेशी उत्पादों की ओर बढ़ा रुझान

ठंडा आटा और कोल्हू का तेल बना लोगों की पहली पसंद

एक्टिव वैदिक उद्योग के स्टाल उपलब्ध हैं मल्टीग्रेन और मिलेट आटा

चण्डीगढ़, 4 अक्तूबर – सूरजकुंड (फरीदाबाद) में आयोजित द्वितीय सूरजकुंड दीवाली मेला में आत्मनिर्भर भारत स्वदेशी मेला की थीम पर स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के साथ “लौट चले गांव के ओर, यानी भारतीय परंपराओं और वैदिक जीवनशैली को फिर से अपनाने के उद्देश्य से इस बार एक्टिव वैदिक उद्योग के स्टॉल विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

सूरजकुंड दिवाली मेला में स्टॉल नंबर 252 पर आगंतुकों को वैदिक पद्धति से तैयार किए गए ठंडा आटा, मल्टी ग्रेन आटा, मिलेट का आटा, और कोल्हू से निकला तेल एवं शुद्ध मसाले उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यह सभी उत्पाद न सिर्फ स्वाद में लाजवाब हैं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी हैं।

एक्टिव वैदिक उद्योग का मानना है कि प्राकृतिक और वैदिक पद्धति से बने आहार न केवल शरीर को स्वस्थ रखते हैं बल्कि गांव और परंपरागत पद्धतियों से जुड़ाव भी कराते हैं। मेले में बड़ी संख्या में लोग इन उत्पादों को पसंद कर रहे हैं और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए इनकी खरीदारी कर रहे हैं।

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने व्यापारियों से जीएसटी दरों में कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का किया आग्रह

आत्मनिर्भर भारत को गति देने के लिए स्वदेशी उत्पादों के उत्पादन और प्रचार को बढ़ावा दें व्यापारी- मुख्यमंत्री

जीएसटी बचत उत्सवः सस्ते दाम, बढ़ता व्यापार, मजबूत अर्थव्यवस्था

चंडीगढ़, 4 अक्तूबर – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज प्रदेश के व्यापारियों से आह्वान किया कि वे केंद्र सरकार द्वारा कम की गई जीएसटी दरों का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की जनता को जीएसटी दरों में सुधार के माध्यम से बहुत बड़ा फायदा मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारियों की जिम्मेदारी बनती है कि वे जीएसटी बचत उत्सव को आम जनमानस तक पहुंचाने में सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि करों में कटौती से न केवल व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उपभोक्ता भी सस्ते दामों पर वस्तुओं व सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे। सस्ते दाम, बढ़ता व्यापार और मजबूत अर्थव्यवस्था, यही जीएसटी उत्सव की मूल भावना है, जो हरियाणा को प्रगति के नए आयाम तक ले जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह सुधारात्मक कदम आत्मनिर्भर भारत और मजबूत अर्थव्यवस्था की दिशा में ऐतिहासिक पहल है, जिसमें व्यापारी वर्ग की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि हरियाणा के व्यापारी प्रधानमंत्री की भावना के अनुरूप उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लागू किए गए नए जीएसटी सुधारों से प्रदेश को बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा और आम उपभोक्ता वर्ग को सीधा फायदा होगा। इससे बाजार में रौनक बढ़ेगी और त्योहारी सीजन में उपभोग को नई गति मिलेगी। रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाले कई उपभोक्ता सामानों की कीमतों में कमी आई है, जिससे मध्यम वर्ग को अतिरिक्त बचत होगी। यह बचत न केवल उपभोक्ताओं को राहत देगी, बल्कि व्यापार जगत के लिए भी अवसर पैदा करेगी।

आत्मनिर्भर भारत को गति देने के लिए स्वदेशी उत्पादों के उत्पादन और प्रचार को बढ़ावा दें व्यापारी

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को आगे बढ़ा रहे हैं और स्वदेशी उत्पादों को अपनाने पर बल दे रहे हैं। जीएसटी में किए गए सुधार इस दृष्टि को साकार करने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने व्यापारियों का आह्वान किया कि व्यापारी वर्ग स्वदेशी उत्पादों का अधिक उत्पादन और प्रचार करें, ताकि उपभोक्ता स्थानीय वस्तुओं की खरीद को प्राथमिकता दें। इससे न केवल घरेलू उद्योग को मजबूती मिलेगी, बल्कि राज्य और देश की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी।

जीएसटी संग्रहण में हरियाणा का लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी संग्रहण में हरियाणा ने लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। वर्ष 2018-19 में जहां राज्य का नेट एसजीएसटी संग्रह 18,910 करोड़ रुपये था, वहीं 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 39,743 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह उपलब्धि प्रदेश की मजबूत अर्थव्यवस्था और व्यापारियों के सहयोग की गवाही देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापारी वर्ग की बदौलत ही हरियाणा लगातार जीएसटी संग्रहण में अग्रणी राज्य बना है।

By HUWeb

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