- स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने रेवाड़ी जिला के विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट ली
चंडीगढ़ , 16 सितंबर।
सुनील कुमार जांगड़ा.
हरियाणा की स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि रेवाड़ी जिला के विभागीय अधिकारी पूरी संजीदगी के साथ अपने दायित्व का निर्वहन करें। विभागीय कार्यों की प्रगति बारे समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिकारियों को कहा कि विकास कार्यों को तत्परता से पूरा करते हुए रेवाड़ी जिला में विकासात्मक परिवर्तन नजर आना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री मंगलवार को रेवाड़ी में इस जिला से जुड़े विकास कार्यों व जनहितकारी पहलुओं पर संबंधित अधिकारियों की बैठक ले रही थी। बैठक में रेवाड़ी से विधायक लक्ष्मण सिंह यादव व बावल से विधायक डा.कृष्ण कुमार सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि वे रामपुरा गांव की बेटी हैं जोकि रेवाड़ी जिला में है, ऐसे में रेवाड़ी जिला उनकी जन्म व कर्म भूमि होने पर वे इस जिला के उत्थान के लिए पूरी तरह से सदैव सजग हैं और रहेंगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विकासात्मक स्वरूप के साथ रेवाड़ी जिला नजर आए इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य होने सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने बैठक में शहर की सफाई और कचरा प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा करते हुए शहरी निकाय विभाग के अधिकारियों को शहरी स्वच्छता अभियान में अपनी भूमिका को प्रभावी रूप से निभाने के निर्देश दिए। साथ ही अधिकारियों को शहर में सफाई व्यवस्था की निरंतर मॉनिटरिंग करने के लिए भी कहा गया। उन्होंने कहा कि सभी विभागाध्यक्ष अपने कार्यालयों की सफाई रखना भी सुनिश्चित करें ताकि आने वाली 2 अक्टूबर तक हमारे जिला के शहरी क्षेत्रों सहित सभी सरकारी कार्यालय नए लुक में नजर आएं।
स्वास्थ्य मंत्री ने विकास कार्यों को लेकर तैयार एजेंडे में शामिल सड़कों के सुधारीकरण पर संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बरसात का मौसम अब खत्म हो गया है, ऐसे में अब जिला की सभी सडक़ों की मरम्मत की जाए व नई सड़कों का निर्माण कार्य भी यथाशीघ्र शुरू करवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सड़क निर्माण कार्यों में प्रयोग होने वाली निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने के आदेश दिए। उन्होंने शहर की नई आबादी में जलभराव की समस्या के उचित समाधान बारे जानकारी ली। उन्होंने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को रेजांगला पार्क क्षेत्र से अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां कहीं भी संबंधित विभाग निर्माण कार्य करता है तो उस प्रोजेक्ट की डिटेल एक बोर्ड पर संबंधित विभागीय अधिकारियों के नाम व फोन नंबर सहित साइट पर लगवाया जाए ताकि आमजन को भी उक्त प्रोजेक्ट बारे विस्तार से जानकारी मिल सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने परिवार पहचान पत्र के संबंध में अधिकारियों को सही से क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी सेवाओं को तय समय सीमा में देना सुनिश्चित करें। शहर के नाई वाली फ्लाईओवर के पास रामपुरा रोड पर होने वाले अतिक्रमण का समाधान करने के भी निर्देश दिए गए तथा चौक का सौंदर्यीकरण करने को भी कहा गया।
वहीं मसानी बैराज को लेकर हुई समीक्षा में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनस्वास्थ्य व सिंचाई विभाग मिलकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें ताकि मसानी बैराज में साफ पानी आए और बैराज में एसटीपी का गंदा पानी न जाए।
आरती सिंह राव ने कहा कि बरसात के मौसम के बाद जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से सतर्क है। उन्होंने बताया कि डेंगू व अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए विभाग की ओर से प्रदेश के सभी अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां मुहैया करवा दी गई है। साथ ही फोगिंग करवाने के भी निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि पूरे हरियाणा में बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन के साथ विभाग अपनी भूमिका निभा रहा है।
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सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए आवेदन आमंत्रित, 30 सितंबर अंतिम तिथि
चंडीगढ़, 16 सितम्बर – भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से सुभाष चन्द्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार – 2026 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। व्यक्तियों और संगठनों के अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा भाव को पहचानने और सम्मानित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के नाम से वार्षिक पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाती है। पुरस्कार के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने पुरस्कार से जुड़ी अन्य जानकारी देते हुए बताया कि केवल भारतीय नागरिक और भारतीय संस्थान ही पुरस्कार के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। संस्थानों, स्वैच्छिक संगठनों, कॉर्पोरेट संस्थाओं, शैक्षणिक/अनुसंधान संस्थानों, प्रतिक्रिया/वर्दीधारी बलों या किसी अन्य संस्थान के लिए पुरस्कार के लिए एक संस्था के रूप में आवेदन कर सकते हैं। पुरस्कार के लिए उम्मीदवार ने भारत में आपदा प्रबंधन जैसे रोकथाम, शमन, तैयारी, बचाव, प्रतिक्रिया, राहत, पुनर्वास, अनुसंधान/नवाचार या ईए कार्य के क्षेत्र में काम किया हो।
उन्होंने बताया कि आवेदन के साथ आपदा प्रबंधन में किए गए कार्यों का विवरण होना चाहिए। संस्था के मामले में 51 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र तथा व्यक्ति के मामले में 5 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र पुरस्कार के रूप में दिया जाता है। पुरस्कार के संबंध में अधिक जानकारी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के पोर्टल पर उपलब्ध है।