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फरीदाबाद.15 सितंबर।

सुनील कुमार जांगड़ा.

राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा की जूनियर रेडक्रास और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस आयोजन में समस्त अध्यापक वर्ग का विशेष योगदान रहा जबकि मंच संचालन प्राध्यापिका दीपांजलि ने किया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने के साथ साथ राजभाषा नीति भी लागू हुई। संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के तहत यह स्पष्ट किया गया है कि भारत की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है। संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप है। हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में किया जा सकता है। अनुच्छेद 343 (2) के अंतर्गत यह भी व्यवस्था की गई है कि संविधान के लागू होने के समय से 15 वर्ष की अवधि तक, अर्थात वर्ष 1965 तक संघ के सभी सरकारी कार्यों के लिए पहले की भांति अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग होता रहेगा। यह व्यवस्था इसलिए की गई थी कि इस बीच हिन्दी न जानने वाले हिन्दी सीख जायेंगे और हिन्दी भाषा को प्रशासनिक कार्यों के लिए सभी प्रकार से सक्षम बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आज हिन्दी वैश्विक भाषा बान चुकी है हिन्दी भाषा प्रेम और सद्भाव की प्रतीक है हिन्दी भाषा में अन्य भाषाओं के शब्दों को समाहित कर लेने की अद्भुत क्षमता है। उन्होंने बताया कि 1967 में रिलीज फिल्म ‘बूंद जो बन गए मोती’ में सदाबहार अभिनेता जितेंद्र पर फिल्माया गीत ‘ये कौन चित्रकार है’ हिंदी दिवस पर विशेष रूप से याद किया जाना चाहिए। वजह है कि इस गीत में हिंदी के शब्दों का अद्वितीय और सटीक उच्चारण है। मुकेश के गाए इस गीत को भरत व्यास ने लिखा है। संगीत सतीश भाटिया ने दिया है। जितेंद्र का शांत मन और गीत में संस्कारशील शब्द प्रत्येक जनमानस को इस गीत का मुरीद बनाते हैं। आज छात्र, छात्राओं ने हिन्दी कविताएं सुना कर समस्त स्टाफ और बच्चों को झूमने पर मजबूर कर दिया। हिन्दी दिवस पर विभिन्न विषयों पर निबंध लेखन प्रतियोगिता तथा पोस्टर बनाओ प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। निबंध में काजल प्रथम, जबकि पोस्टर बनाओ में निधि प्रथम और दिशा को स्लोगन लेखन में प्रथम घोषित किया गया। मोनिका, शालू, साधना और सिमरन को भी सम्मानित किया गया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने प्राध्यापिका दीपांजलि, गीता, सुशीला, ममता, सरिता सहित सभी प्राध्यापक साथियों एवम् सभी विद्यार्थियों का भव्य आयोजन में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

By HUWeb

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