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चण्डीगढ़, 26 अगस्त।
बिजेंद्र फौजदार.

हरियाणा विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान आज तीन विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2025, हरियाणा माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 तथा हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025 शामिल हैं।

हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2025

मार्च, 2026 के इकतीसवें दिन को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान सेवाओं के लिए हरियाणा राज्य की संचित निधि में से कुल 4251,04,93,881 रुपये (केवल चार हजार दो सौ इक्यावन करोड़ चार लाख तिरानवे हजार आठ सौ इक्यासी रुपये) के भुगतान और विनियोग का प्राधिकार देने के लिए हरियाणा विनियोग (संख्या 3) विधेयक, 2025 पारित किया गया है।

हरियाणा माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025

हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 को संशोधित करने के लिए हरियाणा माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया गया।

हरियाणा माल और सेवा कर 2017 (अधिनियम) को राज्य सरकार द्वारा माल या सेवाओं या दोनों की अंतःराज्य प्रदाय पर कर लगाने और संग्रह के प्रावधान के दृष्टिकोण के साथ अधिनियमित किया गया था।

जीएसटी परिषद् की सिफारिशों के आधार पर तथा वित्त अधिनियम, 2025 (2025 का केन्द्रीय अधिनियम 7) के द्वारा केन्द्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में किए गए संशोधनों की तर्ज पर हरियाणा माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन का प्रस्ताव है।

इसमें ट्रैक और ट्रेस तंत्र के कार्यान्वयन के लिए अधिनियम की धारा 2 में नए खंड (116क) का रखा जाना ताकि ‘‘विशिष्ट पहचान चिह्नांकन’’ अभिव्यक्ति को परिभाषित किया जा सके, जिसका अभिप्राय ऐसे चिन्ह से है जो विशिष्ट, सुरक्षित और न हटाया जा सकने योग्य हो।

अधिनियम की धारा 17 की उप-धारा (5) के खंड (घ) में संशोधन करना ताकि ‘‘संयंत्र या मशीनरी’’ अभिव्यक्ति के स्थान पर ‘‘संयंत्र और मशीनरी’’ अभिव्यक्ति प्रतिस्थापित की जा सके, जिससे ऐसे मामलों में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने के प्रयोजन के लिए समझने में किसी भी अस्पष्टता को दूर किया जा सके।

रजिस्ट्रीकृत प्राप्तिकर्ता द्वारा क्रेडिट नोट के संबंध में, यदि उसका लाभ उठाया गया हो, तो प्रदायकर्ता के उक्त क्रेडिट नोट के संबंध में कर दायित्व को कम करने के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट को रिवर्स करने की आवश्यकता का स्पष्ट रूप से प्रावधान करने के लिए अधिनियम की धारा 34 की उप-धारा (2) के नियम का संशोधन किया जाना।

ऐसे आदेश जिसमें कर की कोई मांग शामिल किए बिना जुर्माने की मांग शामिल हो, के विरुद्ध अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करने के लिए जुर्माना राशि का दस प्रतिशत पूर्व जमा करने की आवश्यकता का प्रावधान करने के लिए अधिनियम की धारा 107 की उप-धारा (6) के नियम का प्रतिस्थापित किया जाना। ट्रैक और ट्रेस तंत्र से संबंधित प्रावधान के उल्लंघन के लिए दंडात्मक प्रावधान करने हेतु अधिनियम में एक नई धारा 122ख का रखा जाना शामिल है।

अधिनियम में एक नई धारा 148क का रखा जाना जिससे निर्दिष्ट मालों के प्रदाय की प्रभावी निगरानी और नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए ट्रैक और ट्रेस तंत्र के कार्यान्वयन के लिए सक्षम प्रावधान किया जा सके।

अधिनियम की अनुसूची ।।। के पैराग्राफ 8 में नए खंड (कक) का जोड़ा जाना, जिससे यह निर्दिष्ट किया जा सके कि निर्यात या घरेलू टैरिफ क्षेत्र के लिए मंजूरी से पहले किसी व्यक्ति को विशेष आर्थिक क्षेत्र या मुक्त व्यापार भंडारण क्षेत्र में रखे गए माल के प्रदाय को न तो माल का प्रदाय और न ही सेवाओं का प्रदाय माना जाएगा।

हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025

हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों से बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबन्धन (विशेष उपबन्ध) अधिनियम, 2021 को संशोधित करने के लिए हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों के बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुखसुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2025 पारित किया गया।

हरियाणा नगरपालिका क्षेत्र से बाहर नागरिक सुविधाओं और अवसंरचना की कमी वाले क्षेत्रों का प्रबंधन (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2021 राज्य के नगरपालिका क्षेत्रों से बाहर स्थित नागरिक सुविधाओं की कमी वाले क्षेत्रों में आवष्यक सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य राज्य के निवासियों के जीवन स्तर में सुधार लाना था। कुल 684 आवासीय कॉलोनियांे (अनधिकृत) को नियमित करने पर विचार किया गया था।

हरियाणा के मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों के नियमितीकरण की घोषणा की। इसमें ‘‘पिछले दस वर्ष में लगभग 2145 अनधिकृत आवासीय कॉलोनियों को भी अधिनियमित किया गया है। अब अनधिकृत औद्योगिक कॉलोनियों पर भी इसी प्रकार ध्यान देना होगा। इसलिए निर्णय लिया है कि यदि कम से कम 50 उद्यमी, जिनकी इकाइयाँ कम से कम 10 एकड़ सन्निहित भूमि पर स्थित हैं सामूहिक रूप से एक पोर्टल पर आवेदन करते हैं तो ऐसी सभी औद्योगिक इकाइयों को सभी विभागों द्वारा जाएगा तब तक वैध औद्योगिक इकाइयां माना जाएगा जब तक कि सरकार समूह के आवेदन पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेती।’’

तदनुसार, उपरोक्त बजट घोषणा के अनुपालन में सरकार राज्य में विकसित अनधिकृत औद्योगिक प्रतिष्ठानों पर भी समान ध्यान देना चाहती है, ताकि इन प्रतिष्ठानों को बुनियादी नागरिक सुविधाएँ और बुनियादी ढांचा प्रदान किया जा सके। ऐसे क्षेत्रों में स्वस्थ वातावरण सुनिचित करने के लिए न्यूनतम बुनियादी ढांचा प्रदान करना राज्य सरकार का प्राथमिक उद्देश्य है। इसलिए उपर्युक्त के मद्देनजर, स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचागत सुविधाएं प्रदान करने के लिए, यह प्रस्तावित है कि हरियाणा नगरपालिका क्षेत्र के बाहर नागरिक सुविधाओं और बुनियादी ढांचे की कमी वाले क्षेत्रों का प्रबंधन (विशेष प्रावधान) संशोधन विधेयक,2025 नामक एक विधेयक अधिनियमित किया गया है।

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“साउथर्न राइस ब्लैक-स्ट्रिक ड्वार्फ वायरस” को लेकर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब

चंडीगढ़ , 26 अगस्त – हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि राज्य सरकार “साउथर्न राइस ब्लैक-स्ट्रिक ड्वार्फ वायरस” को लेकर सचेत है। कृषि वैज्ञानिक इस पर निगरानी कर रहे हैं और किसानों को जागरूक किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि जैविक खेती और धन की सीधी बिजाई में इस वायरस से नुकसान की कोई सूचना नहीं है। अगर किसान राज्य सरकार की कृषि नीति और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार धान की बिजाई करें तो इन बिमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है। कृषि मंत्री आज विधानसभा सत्र के दौरान सदन में कुछ सदस्यों द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। श्री श्याम सिंह राणा ने बताया ने बताया कि "साउथर्न राइस ब्लैक-स्ट्रिक ड्वार्फ वायरस"(SRBSDV) एक विषाणु जनित रोग है जो धान की फसल को प्रभावित करता है और भारत के कई धान-उत्पादक क्षेत्रों में चिंता का विषय बन चुका है। यह रोग "सफेद पीठ वाली फुदका" (White-Backed Plant Hopper-WBPH) नामक वाहक द्वारा फैलता है, जो धान के पौधों का रस चूसकर संक्रमित पौधों से स्वस्थ पौधों में वायरस को फैलाता है। उन्होंने बताया कि इस वायरस के कारण संक्रमित धान के पौधों की सामान्य वृद्धि रुक जाती है, जिससे पौधे बौने रह जाते हैं और उनकी ऊँचाई सामान्य से बहुत कम हो जाती है। उनकी पत्तियाँ गहरे हरे रंग की हो जाती हैं, नई कलियों का विकास धीमा पड़ जाता है या पूरी तरह रुक जाता है। जड़ों का रंग भूरा पड़ जाता है और वे पर्याप्त विकसित नहीं हो पाती , जिससे पौधे की पानी और पोषक तत्व सोखने की क्षमता कम हो जाती है। कृषि मंत्री ने बताया कि इस वायरस का प्रकोप हरियाणा में सबसे पहले खरीफ 2022 के मौसम में पाया गया था। खरीफ 2022 में कुछ ही मामले सामने आए थे, लेकिन समय पर की गई कार्रवाई और चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार) तथा हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा चलाई गई जागरुकता मुहिम से बड़े नुकसान को रोक लिया गया। खरीफ 2023 और 2024 में प्रभावी रोकथाम और किसानों में जागरुकता के कारण रोग का कोई प्रकोप नहीं हुआ। खरीफ 2025 से पहले किसानों को भलिभाँति जागरूक किया गया और सावधानियाँ दोहराई गई। इसके बावजूद 2025 में यह रोग पुनः उभरकर सामने आया। सबसे पहले इसके मामले कैथल जिले से मिले और बाद में अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, जींद और पंचकूला जिलों से भी रिपोर्ट हुए। इन क्षेत्रों के किसानों ने अपने खेतों में पौधों के असामान्य रूप से बौना होने की शिकायत की। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार) के वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों ने विस्तृत सर्वेक्षण किया है जिसमें तथ्य पाए गए कि यह रोग सबसे अधिक हाइब्रिड धान की किस्मों में पाया गया, उसके बाद परवल (गैर-बासमती) और फिर बासमती धान की किस्मों में इसकी समस्या मिली है। यह समस्या मुख्यतः उन खेतों में अधिक देखी गई जहाँ किसान 25 जून से पहले धान की रोपाई कर चुके थे। कृषि मंत्री ने बताया कि उक्त वायरस अथवा बीमारी की पुष्टि हेतु चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार) के वैज्ञानिकों ने संक्रमित पौधों के नमूने लेकर RT-PCR (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन) तकनीक से परीक्षण किया। इसके परिणामों ने पुष्टि की कि पौधे "साउथर्न राइस ब्लैक-स्ट्रिक ड्वार्फ वायरस" से संक्रमित हैं। उन्होंने इस वायरस से बचाव के क़दमों की जानकारी देते हुए बताया कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार) ने धान की फसल में एस.आर.बी.एस.डी.वी. (SRBSDV) से बचाव हेतु किसानों को एडवाइजरी जारी की गई। इसके अलावा प्रभावित जिलों में कुल 235 जागरूकता शिविर आयोजित किए गए, जिनमें 5,637 किसानों को रोग प्रबंधन उपायों की जानकारी दी गई तथा किसानों को "सफेद पीठ वाली फुदका" वाहक को नियंत्रित करने के लिए अनुशंसित कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी गई। श्री श्याम सिंह राणा ने सदन को अवगत करवाया कि लगभग 40 लाख एकड़ में बोई गई धान की फसल में से लगभग 92,000 एकड़ को वायरस से प्रभावित पाया गया है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार) द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार प्रभावित जिलों में 656 एकड़ में धान का पुनः रोपण किया गया है। कुछ जिलों में संक्रमण का स्तर अपेक्षाकृत कम रहा और प्रभावित पौधों को उखाड़कर नष्ट करने से इस पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया। प्रभावित खेतों में अनुमानित फसल क्षति अपेक्षाकृत कम रही है, जो लगभग 5 से 10 प्रतिशत तक है। उन्होंने आगे बताया कि कृषि उपनिदेशक, अंबाला ने सूचना दी है कि 6,350 एकड़ धान की फसल वायरस से प्रभावित हुई है, जिसमें प्रभावित क्षेत्र में अनुमानित उपज हानि 5-10 प्रतिशत आंकी गई है। जब वायरस का प्रकोप पाया गया तो कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने तुरंत कार्रवाई की। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा हरियाणा का कृषि विभाग की एक संयुक्त टीम ने सर्वेक्षण किया। यह सर्वेक्षण 06 अगस्त 2025 को ब्लॉक साहा के गाँव मुलाना, हमीदपुर और नाहौनी तथा 07 अगस्त 2025 को अंबाला-1 के गाँव सरंगपुर और मतेहरी शेखां में किया गया। सर्वेक्षण के दौरान, धान के बौनापन रोग का ज्ञात वाहक( व्हाइट बैक्ड प्लांट हॉपर-WBPH) खेतों में नहीं पाया गया। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सीमित संख्या में बौने पौधे अवश्य देखे गए। यह देखा गया कि किसानों ने पहले ही अपने खेतों में कीटनाशक का छिड़काव कर दिया था, जिससे सर्वेक्षण के समय इस वाहक (WBPH) की उपस्थिति नहीं पाई गई। कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों को अपने खेतों की सतर्कता से लगातार निगरानी बनाए रखने तथा कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि डाइनाइट्रोफ्यूरॉन 20% SG (ओशीन या टोकन) @ 80 ग्राम/एकड़ या पाइमेट्रोज़ीन 50% WG (चेस) @ 120 ग्राम/एकड़ या इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL @ 40-50 मिली/एकड़, 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जाए। उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर WBPH के प्रकोप के अनुसार छिड़काव दोहराया जा सकता है। किसानों को यह भी सलाह दी गई कि वे खेतों में जलस्तर कम रखें, यूरिया का संतुलित उपयोग करें और लाइट-ट्रैप लगाएँ। इसके अतिरिक्त, खेतों में पाए जाने वाले बौने पौधों को उखाड़कर नष्ट किया जाए ताकि आगे नुकसान न हो। अनेक प्रभावित किसानों ने बताया कि रोकथाम के उपाय अपनाने के बाद संक्रमण पास के दूसरे पौधों तक नहीं फैला। उन्होंने जानकारी दी कि फसल को वायरस से बचाने हेतु सर्वोत्तम व्यावहारिक उपायों की पहचान से संबंधित अनुसंधान के संदर्भ में यह उल्लेखनीय है कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार) ने किसानों को परामर्श केवल सहायक अनुसंधान कार्य और प्रौद्योगिकी के सत्यापन के उपरांत ही जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर यह रोग कुछ विशेष सीमित क्षेत्रों में प्रकट हुआ है, अधिकांश धान के खेत अब भी अप्रभावित हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि विभाग ने न केवल किसानों को संक्रमित पौधों को हटाने की सलाह दी, बल्कि व्यापक जागरूकता अभियान चलाया। समाचार पत्रों में विज्ञापनों के माध्यम से व्यापक प्रचार किया गया और किसानों को रोग फैलाने वाले वेक्टर (WBPH) के रासायनिक नियंत्रण की भी सलाह दी। इन संयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप बौनापन रोग बहुत ही छोटे क्षेत्र तक सीमित रहा और धान की फसल पर इसका प्रभाव बहुत कम पड़ा। उन्होंने बताया कि समय पर किए गए उपायों के कारण रोग का प्रकोप अब नियंत्रित हो चुका है। यद्यपि वर्तमान में यह रोग कोई बड़ा खतरा नहीं है, फिर भी चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हिसार) के वैज्ञानिक तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारी स्थिति की निरंतर निकटता से निगरानी कर रहे हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसानों को इनपुट सब्सिडी दी जाती है, जिसकी सीमा प्रति किसान 5 एकड़ तक है। साथ ही गेहूं, धान या गन्ना जैसी फसलों में बाढ़, जलभराव, आग, भारी वर्षा, ओलावृष्टि, कीट प्रकोप या धूलभरी आंधी जैसी घटनाओं के कारण हानि 25 प्रतिशत या उससे अधिक होनी आवश्यक होती है। वर्तमान मामले में, खरीफ 2025 सीजन के दौरान "साउथर्न राइस ब्लैक-स्ट्रिक ड्वार्फ वायरस" के प्रकोप के कारण धान की फसल में हानि लगभग 5 से 10 प्रतिशत के बीच दर्ज की गई है।


हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य, हथीन ब्लॉक के तीन स्कूल होंगे अपग्रेड

चंडीगढ़, 26 अगस्त। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पिछले साढ़े 10 वर्षों में प्रदेश में शिक्षा सुधार के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के बजट में हर 10 किलोमीटर पर संस्कृति मॉडल स्कूल खोलने की घोषणा की गई थी, जिसे सरकार ने पूरा कर दिया है।

मुख्यमंत्री विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान हथीन ब्लॉक में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालयों के अपग्रेड से संबंधित पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि राजकीय माध्यमिक विद्यालय सापनकी, राजकीय माध्यमिक विद्यालय मालुका तथा राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय स्वामिका के अपग्रेड का प्रस्ताव प्रदेश सरकार के समक्ष विचाराधीन हैं ।

उन्होंने कहा कि हथीन ब्लॉक में राजकीय माध्यमिक विद्यालय, सापनकी में मानदंड अनुसार छात्र संख्या 210 है जबकि उपलब्धता 227 है । उन्होंने कहा कि विद्यालय के अपग्रेड हेतु सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है मानदंडों में छूट प्रदान करते हुए यह स्वीकृति प्रदान की गई है । इसी प्रकार हथीन ब्लॉक के राजकीय माध्यमिक विद्यालय, मालुका और राजकीय कन्या माध्यमिक विद्यालय, स्वामिका में भी विद्यालयों के अपग्रेड हेतु मानदंडों में छूट प्रदान करते हुए प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है ।
उन्होंने कहा कि सरकार स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित कर रही है। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन को भर्ती प्रक्रिया के लिए कहा गया है और जल्द ही विद्यालयों में और भी शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे।


मुख्यमंत्री, विधानसभा स्पीकर, मंत्री और विधायकों के साथ साइकिल से विधानसभा पहुंचे, दिया नशामुक्ति और पर्यावरण जागरूकता का संदेश

चंडीगढ़, 26 अगस्त– हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज एक अनोखा उदाहरण पेश किया। वह एमएलए हॉस्टल से साइकिल चलाकर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान उनके स्पीकर श्री हरविंदर कल्याण, मंत्रिमंडल के सदस्य और कई विधायक भी साइकिल यात्रा में शामिल हुए। यह पहल नशामुक्ति और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विधानसभा की तरफ से आयोजित की गई थी।

सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि व्यायाम से इंसान एक्टिव रहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आह्वान है ‘फिट इंडिया, स्वस्थ इंडिया’। जब हम योग और व्यायाम करेंगे तो स्वस्थ रहेंगे और जब स्वस्थ रहेंगे तो विकास की रफ्तार भी तेज होगी।

युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा हमारे देश की सबसे बड़ी संपत्ति हैं, लेकिन नशा इस अनमोल संपत्ति को बर्बाद कर देता है। उन्होंने कहा कि नशा इंसान की सेहत, परिवार और समाज तीनों को नुकसान पहुंचाता है और धीरे-धीरे उसे गरीबी व बीमारी की ओर धकेल देता है।

उन्होंने कहा कि राज्य में साइक्लोथॉन यात्रा और मैराथन कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जा रहे हैं ताकि युवा जागरूक हों। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में युवा इन अभियानों में शामिल होकर नशामुक्त और स्वस्थ हरियाणा बनाने का संकल्प ले रहे हैं।


बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश में हर 20 किलोमीटर पर एक राजकीय महाविद्यालय संचालित – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी*

चंडीगढ़, 26 अगस्त– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार की नीति प्रदेश में प्रत्येक 20 किलोमीटर के दायरे में राजकीय महाविद्यालय स्थापित करने की है। इसके तहत जिला पलवल के गांव जनौली के आसपास पहले से ही 7 राजकीय महाविद्यालय संचालित हैं।

मुख्यमंत्री आज हरियाणा विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान विधायक श्री रघुवीर तेवतिया द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बेटियों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ एक रोडमैप तैयार किया और हर 20 किलोमीटर की परिधि में महाविद्यालयों की स्थापना सुनिश्चित की। आज इसी विज़न का बड़ा लाभ प्रदेश के विद्यार्थियों को मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि जनौली से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजकीय महाविद्यालय, पलवल में वर्तमान में 560 छात्र और 733 छात्राएं अध्ययनरत हैं। इस महाविद्यालय की कुल क्षमता 1293 सीटों की हैं। इसके अलावा, जलौली से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित राजकीय कन्या महाविद्यालय, मंडकोला में 339 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि पृथला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत गांव जनौली, जिला पलवल में वर्ष 2015 से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) भी संचालित है।


हरियाणा के विकास पुरुष चौधरी बंसीलाल की जयंती पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दी श्रद्धांजलि*

चौधरी बंसीलाल ने हरियाणा को दी नई पहचान – मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 26 अगस्त– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने आज हरियाणा विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विकास पुरुष स्वर्गीय चौधरी बंसीलाल की जयंती पर सदन में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी बंसीलाल चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे और लगभग 11 वर्षों से अधिक उन्होंने प्रदेश का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने हरियाणा के चहुँमुखी विकास को सुनिश्चित किया इसलिए उन्हें प्रदेश का निर्माता और विकास पुरुष कहा जाता है।
उन्होंने बताया कि चौधरी बंसीलाल सात बार हरियाणा विधानसभा के सदस्य, तीन बार लोकसभा के सदस्य और दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। केंद्र सरकार में भी उन्होंने रक्षा मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय और रेलवे मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभालकर अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली का परिचय दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी बंसीलाल एक कर्मयोगी, मूल्य-आधारित राजनीति के प्रतीक और कुशल प्रशासक थे। उनका व्यक्तित्व स्पष्टवादी और दूरदर्शी था। पाँच दशकों के उनके राजनीतिक जीवन में उनके कठोर परिश्रम और नीतियों ने हरियाणा को नई पहचान दिलाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चौधरी बंसीलाल का योगदान और उनकी दूरदर्शी नीतियां हमेशा हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी।


गरीब परिवारों के हितों की सुरक्षा प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनशील: मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 26 अगस्त– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि राज्य सरकार गरीब परिवारों के हितों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह संवेदनशील है। विपक्ष द्वारा बीपीएल कार्ड को लेकर की जा रही भ्रामक बातों के विपरीत, सरकार ने इस प्रक्रिया को और पारदर्शी एवं सरल बनाया है।

विधानसभा में चल रहे मानसून सत्र के दौरान प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि जब विपक्ष के लोगों ने गरीब व्यक्ति के बी पी एल कार्ड नहीं बनाने बारे हल्ला किया तो प्रदेश सरकार ने स्वतः सत्यापन के लिए पोर्टल खोला जिस के माध्यम से कोई भी परिवार अपनी आय का विवरण पोर्टल पर स्वयं दर्ज कर सकता था, ताकि उन्हें बीपीएल कार्ड से जुड़ी योजनाओं

By HUWeb

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