नूँह/तावड़ू 08 दिसंबर।
सुनील कुमार जांगड़ा.
जिला नूहू में उप मंडल तावडू के अंतर्गत गाँव बिस्सर-अकबरपुर स्थित कामधेनु आरोग्य संस्थान के सभागार में मासिक हवन एवं आरोग्य पीठ के वैलनेस न्यूरोथैरेपिस्ट द्वारा निःशुल्क न्यूरोपैथी उपचार शिविर तथा विश्वविख्यात जादूगर सम्राट शंकर के जादू का आयोजन किया गया ।
इस अवसर पर संस्थान में मुख्य अतिथि विश्व विख्यात जादूगर सम्राट शंकर,आशीर्वचन पूज्य श्री वेंकटेश भाई , सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक, श्रीधाम वृन्दावन, मुख्य वक्ता आचार्य रामगोपाल दीक्षित, संस्थापक, आरोग्य पीठ, विशिष्ट अतिथि पी. सी नैनवाल , डायरेक्टर-दीपिका एंटरप्राइसिस तथा हरियाणा राज्य और देश के अनेक महानुभाव उपस्थित रहे।
सर्वप्रथम डॉ. एस.पी. गुप्ता ने हवन का शुभारम्भ किया । हवन का संचालन आदर्श गर्ग तावडू ने किया । हवन प्रथा के अनुसार दिसंबर मास में जिन लोगों के जन्मदिवस, शादी की वर्षगांठ एवं पुण्यतिथि थी, उनके नाम से अग्नि देव को आहुति अर्पित की गई तथा बंगलादेश मे हुए नरसिंहार और मंदिरों पर हुए आक्रमण के लिए शांति हेतु समस्त मानव जाति के हित में सुख-शांति के लिए प्रार्थना की गई।
संस्थान के महामंत्री प्रियंक गुप्ता ने मंच का संचालन करते हुए कार्यक्रम का प्रारंभ किया। मुख्य अतिथि विश्व विख्यात जादूगर सम्राट शंकर का स्वागत शशि गुप्ता, यशपाल सिंगल, आचार्य मनीष शर्मा ने, पूज्य श्री वेंकटेश भाई जी का राम कुमार गुप्ता, श्याम सुन्दर गर्ग और ऊषा गर्ग ने, आचार्य रामगोपाल दीक्षित जी का राखी जिंदल, पुरेन्द्र गोयल और रुचिर गुप्ता ने, श्री पी.सी नैनवाल का अनुपम गुप्ता और दीपक मंगला ने, डॉक्टर एस के मित्तल जी का रमेश कांडपाल और अंजू गुप्ता जी द्वारा किया गया।
संस्थान के संस्थापक डॉ एस.पी. गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागतार्थ परिचय करवाते हुए बताया कि कामधेनु संस्थान मे इस बार मासिक हवन के साथ निशुल्क न्यूरोपैथी शिविर का भी आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जादूगर सम्राट शंकर को वे 1978 से जानते है और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक श्री वेंकटेश जी, आचार्य राम गोपाल दीक्षित जी, समाजसेवी पी सी नैनवाल और डॉक्टर एस के मित्तल का विस्तृत परिचय दिया। उन्होंने बताया कि राम गोपाल दीक्षित जी 5 वर्षों तक राष्ट्रपति भवन मे सलाहकार रहे है और डॉ एस के मित्तल जी ने तमिलनाडु राज्य के प्राचीन खेल जलिकट्टू को शुरू करवाने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। । डॉ गुप्ता ने अपने सम्बोधन मे बताया कि गौमाता इस ब्रह्मांड का एक सर्वश्रेष्ट प्राणी है जो जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी की किसी ना किसी रूप मे सेवा करती है। । उन्होंने संस्थान मे निर्मित पदार्थों की जानकारी देते हुए बताया कि सभी को गोसेवा अवश्य करनी चाहिए। सभी को गोग्रास अवश्य निकलना चाहिए। और जो भी गोसेवा करते है उसका प्रत्यक्ष सकारात्मक प्रभाव उनके जीवन मे देर-सबेर अवश्य दिखाई पड़ेगा। ।
आचार्य राम गोपाल दीक्षित ने अपने सम्बोधन मे बताया कि अर्धनारिश्वर का सिद्धांत, न्यूरोपैथी जिसमे शरीर के संतुलन के बारे मे बताया गया है। यह सिद्धांत करीब-करीब विलुप्त हो चुका था जो आज वेलनेस न्यूरोपैथी के रूप मे हमारे सामने है । शरीर मे डिसऑर्डर के कारण बीमारी होती है । शरीर का ढांचा जो 2 भागों मे विभाजित है जैसे इडा-पिंगला नाड़ी टेस्टोंस्टेरॉन – प्रोजेसटेरोन, सूर्य-चंद्र, गर्म-ठंडा, ऐसिड-अलकलाइन, इनमे संतुलन होना चाहिए ताकि पूरा शरीर स्वस्थ रहे । हमारे शरीर मे बहुत सी बीमारियाँ शरीर के दोनों भागों मे असंतुलन के कारण होती है । संतुलन करने से कई बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है । दीक्षित जी ने बताया कि सभी पद्दतियो जैसे एलोपथी, होमियोपैथी इत्यादि मे किसी ना किसी रिपोर्ट या दवाई की जरूरत पड़ती है जबकि न्यूरोपैथी मे रिपोर्ट, दवाई इत्यादि की कोई जरूरत नहीं है। न्यूरोपैथी पद्दती किसी भी उम्र मे सीखी जा सकती है । न्यूरोपैथी रोजगार और आरोग्य के क्षेत्र मे आने वाले समय मे बहुत बड़ा कारण बनेगी ।
डॉ एस के मित्तल ने अपने वक्तव्य मे श्रीमती शशि गुप्ता और डॉ एस के गुप्ता जी का उन्हे आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद किया और कहा कि यहाँ पर 3 जादूगर, डॉ एस के गुप्ता, राम गोपाल दीक्षित जी और जादूगर सम्राट शंकर, पहले से ही मोजूद है उनके बीच मे कुछ भी कहना अतिशयोक्ति होगी । गुप्ता जी ने यह स्थान जहां पर कल्चर के नाम पर सिर्फ ऐग्रिकल्चर था, की अभूतपूर्व वृद्धि और संवर्धन किया है ।
आचार्य वेंकटेश ने अपने आशीर्वचन मे “जय गोमाता, जय गोपाल, भक्त वत्सल प्रभु दीनदयाल” भजन की पंक्तियाँ गाई और बताया कि गोमाता की सेवा से हर शुभकामना पूर्ण होती है चाहे वह आरोग्य हो, धन हो, संतति हो । सभी संकल्पों को पूर्ण करने वाली गोमाता है।गोमाता सभी की माता है । विश्व मंगल के लिए गोसेवा अनिवार्य है । विश्व मंगल के लिए गोनिमित्त भोजन से पहले गोग्रास किसी ना किसी रूप मे अवश्य निकालना चाहिए । गोमाता के शरीर मे सभी देवताओं का वास है । हम सबके इष्ट श्री हरि है । श्री हरि के इष्ट गोमाता है। जब सभी देवताओं का निवास गोमाता के शरीर मे हो गया तो श्री लक्ष्मी जी और श्री गंगा जी बची रही तो गोमाता ने श्री लक्ष्मी जी को अपने गोबर मे और श्री गंगा जी को अपने मूत्र मे स्थान दिया। पंचगव्य की महिमा अतिशय अपार है। वेंकटेश जी ने कहा कि यदि गोमाता सुरक्षित रहेगी तो हम भी सुरक्षित रहेंगे। । उन्होंने यहाँ आने पर अपनी खुशी का इजहार किया।
जादूगर सम्राट शंकर ने उन्हें यहाँ आमंत्रित करने के लिए डॉ गुप्ता का आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि उनकी उम्र 75 वर्ष की है और वे आज भी जादू दिखते है। । उनके स्वस्थ शरीर का राज उचित खानपान और योग का नियमित अभ्यास है। अब तक वो 30000 से ज्यादा शो कर चुके है उनमे से 20000 से ज्यादा शो परोपकारार्थ किए है। । उन्होंने अपने जादू की कुछ झलकियां भी पेश की जिसको देखकर हर कोई मंत्र मुग्ध हो गया।
अन्त में कामधेनु आरोग्य संस्थान की अध्यक्षा शशि गुप्ता ने सभी महानुभावों का कामधेनु प्रांगण में पधारने और मार्गदर्शन देने पर धन्यवाद व्यक्त किया तथा साधुवाद दिया ।
इसके उपरांत मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों ने कामधेनु आरोग्य वैलनेस संस्थान एवं कामधेनु गोधाम का अवलोकन किया तथा गौ वंश को सवामणी एवं चारा अर्पित करने के उपरान्त प्रसाद ग्रहण किया। अधिकतर पधारे हुए अतिथियों ने न्यूरोपैथी शिविर का लाभ लिया। ।
इस अवसर पर प्रवीण जैन, सीएमडी टूलिप ग्रुप, राम कुमार गुप्ता, कैथल, विपिन गुप्ता, संपादक, नैशनल एक्स्प्रेस, के के बंसल एवं सूरज बंसल, पूर्व आई.पी.एस डी जी पी यशपाल सिंघल, पूर्व आई.पी.एस, श्रीमती आशा विष्णु भगवान, आचार्य देवकरण, राकेश शर्मा, नारनोल, योगेश गुप्ता द्वारका, विनोद गोयल आई आर एस, सी ऐ एस के अग्रवाल, गौ भक्त आचार्य मनीष शर्मा, दिनेश गुप्ता, नवीन झा दिल्ली, राजेन्द्र सिंह गुरुग्राम, तेजपाल बिस्सर, कृष्ण कुमार बिस्सर, आयुष गुप्ता, दीपक के आर गुप्ता, सुनील कुमार गर्ग, नीलम वर्मा व देश के अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।