
फरीदाबाद 24 सितंबर।
सुनील कुमार जांगड़ा.
हरियाणा प्रॉपर्टी कंसलटेंट फेडरेशन के प्रदेश महासचिव गुरमीत सिंह देओल ने हरियाणा सरकार से अपील के साथ सुझाव दिया और बताया कि डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग हरियाणा सरकार द्वारा प्लाट धारकों एवं बिल्डरों को चार मंजिला भवन फ्लैट के रूप में विकसित करने की अनुमति देते हुए फ्लोर रेशो एरिया परचेज की दरों में 25 से 30% की वृद्धि 300 गज से बड़े साइज के सभी प्लॉटों पर कर दी है। इससे भवन निर्माण की लागत में वृद्धि होने से फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ जाएगा। इस प्रकार सरकार के राजस्व में वृद्धि तो होगी लेकिन यह पैसा उन्हीं सेक्टरों के विकास और मूलभूत सुविधाओं के विस्तार में खर्च किया जाना चाहिए और इन कार्यों की निगरानी में स्थानीय आर डब्ल्यू ए के पदाधिकारियों की सहभागिता आगामी योजना बनाने में सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके साथ-साथ पार्ट परचेज एरिया खरीदने का भी ऑप्शन सॉफ्टवेयर में अवश्य किया जाए क्योंकि कई जगहों पर चार मंजिला फ्लैट बनाने की सुविधा न होने के कारण तीन मंजिला फ्लैट का निर्माण एवं प्रारूप पास करवाने के लिए पूरे चार मंजिल का ही परचेज एरिया कास्ट जमा करवानी अनिवार्य मौजूदा सॉफ्टवेयर में कर रखी है। जो की पूरी तरह अनुचित है।
चार मंजिला फ्लैट के भवन का प्रारूप पास करवाने से पहले पड़ोसियों से अनामति प्रमाण पत्र/एनओसी लिया जाना अनिवार्य है। लेकिन जहां पर कोई प्लॉट रिंज्यूम है, कोर्ट केस में है, प्लाट का मालिक आउट ऑफ इंडिया या अनट्रेसेबल है। तो उस केस में एनओसी कैसे ली जा सकती है। क्या जब तक प्रारूप पास नहीं किया जाएगा यह तो गलत है। साथ वाले खाली प्लॉटों से एनओसी की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए।