
फरीदाबाद.21 सितंबर.
सुनील कुमार जांगड़ा.
हरियाणा प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स फेडरेशन के प्रदेश महासचिव सरदार गुरमीत सिंह देओल ने
राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन सुनील सिंघवी को रियल एस्टेट एजेंट्स बिल्डरों एवं कारोबारियों की निम्नलिखित समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान करवाएं जाने के लिए मांग पत्र सौंपा।
जिसमें उन्होंने उपरोक्त संदर्भ में अचल संपत्ति को ट्रांसफर/सेल-परचेज किए जाने बारे एक राष्ट्रीय नीति बनाई जाएं।
- जिस प्रकार विदेश में बैठकर कोई भी संपत्ति धारक हमारे देश में अपनी संपत्ति को बेचने या देखरेख करने के अपने सभी अधिकारों को अपने किसी विश्वास पात्र के नाम जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी देकर निश्चित रहता है। ठीक उसी प्रकार अपने देश में भी उसे यह अधिकार अवश्य दिया जाए।
3.जीपीए के लिए हरियाणा सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा अपनाई जा रही अलग-अलग नीति व ब्लड रिलेशन की बाध्यता को समाप्त किया जाए।
4.हरियाणा प्रदेश में हर जिले में उसके अधीन आने वाली तहसीलों अथवा उप तहसीलों में उस जिले की किसी भी प्रॉपर्टी को किसी भी तहसील में पंजीकृत करने की सुविधा दी जानी चाहिए। क्योंकि आए दिन कभी किसी तहसील में पावर सप्लाई नहीं आ रही, तो कभी सर्वर डाउन है, कभी स्टाफ नहीं है और अन्य कई प्रकार की बाधाओं के कारण बेचने और खरीदने वालों के साथ-साथ उनके साथ आए हुए उनके शुभचिंतकों, अर्जीनवीसों, वकीलों, पंच, सरपंचों, नंबरदारों, बैंक लोन केस में पैनल पर आए हुए उनके नुमाइंदों के साथ-साथ रियल एस्टेट एजेंट्स सभी को लगातार कई-कई दिन तक परेशान होना पड़ता है।
5.हर जिले में एक-एक लीगल एक्सपर्ट कमेटी का गठन करके हर प्रकार के झगड़े, कोर्ट केस इत्यादि के लिए खुला दरबार लगाकर पुराने पेंडिंग चले आ रहे अचल संपत्ति के विवादों का निपटारा शीघ्रता से किया जाना चाहिए। - बढ़ती हुई आबादी के लिए आने वाले वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के स्वप्न को साकार करने के लिए भवन निर्माण का कार्य तभी संभव है जब वर्टिकल रूप में बहु मंजिला इमारतों को बनाने की नीति में और अधिक विस्तार किया जाएं।
- हरियाणा सरकार द्वारा स्टिल्ट प्लस 4 मंजिला फ्लैट बनाने की जो योजना लॉन्च की गई थी। उसके ऊपर लगाई गई अस्थाई रोक को तुरंत प्रभाव से हटाया जाएं।
- अचल संपत्तियों के खरीदने और बेचने पर लगने वाली स्टैंप ड्यूटी एवं पंजीकरण शुल्क को एक राष्ट्रीय नीति के तहत पूरे देश में एक समान दर पर लागू किया जाए।
- एचएसवीपी व अन्य विभागों में भी ब्लड रिलेशन अर्थात फैमिली में प्रॉपर्टी को ट्रांसफर करवाते समय न्यूनतम प्रशासकीय शुल्क राशि वसूल की जानी चाहिए।
- इनकम टैक्स में प्रोफेशनल जैसे की डॉक्टर, सीए, आर्किटेक्ट की टोटल इनकम के 50% पर ही टैक्स लगता है। ऐसे ही रियल एस्टेट कंसलटेंट के तौर पे हमारे लिए भी इनकम टैक्स में ये प्रावधान होना चाहिए। इसके लिए यदि सरकार की तरफ़ से सर्टिफिकेट कोर्स या कुछ भी इस तरह से करना हो तो, सरकार इसे इंप्लीमेंट कराये और हमारी 50% इनकम पर ही टैक्स लगे।
हम आशा करते हैं कि, उपरोक्त सभी विषयों से हमारे रियल एस्टेट कारोबारियों, आम लोगों के साथ-साथ सरकार को बहुत ही फायदा मिलेगा और आप इसे लागू करवाने में अपना भरपूर सहयोग अवश्य देंगे।