-स्टैच्यू ऑफ यूनिटि की प्रतिकृति तथा गरबा के साथ सैल्फी लेते दिखे पर्यटक
सुरजकुंड, 18 फरवरी।
सुनील कुमार जांगड़ा.
37वें सुरजकुंड अन्तरराष्टï्रीय शिल्प मेंला के थीम स्टेट गुजरात के साधू बेट द्वीप पर स्थापित 182 मीटर की ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटि की प्रतिकृति शिल्प मेला में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी रही, जो मुख्य चौपाल के मंच के पीछे मुख्य रास्ते पर स्थापित की गई है। शिल्प मेले में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा के साथ सैल्फी लेते नजर आए। एकता की प्रतीक स्टैच्यू ऑफ यूनिटि सरदार वल्लभ भाई पटेल की महान विरासत का प्रतिनिधित्व करती है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटि का निर्माण मूर्तिकार राम वी सुतार द्वारा किया गया जो आम जनता के लिए वर्ष 2018 में पर्यटक स्थल के रूप में खोली गई। स्टैच्यू ऑफ यूनिटि भारत की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती है तथा यह वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण भी है। सरदार पटेल की राजनीतिक एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका को इस महान शिल्प के माध्यम से वर्णित किया गया है। थीम स्टेट गुुजरात के सर्वश्रेष्ठï पर्यटन गांव धोरडो की स्टालों पर भी पर्यटक बरबस खिंचे चले आए। इस गांव के स्टॉल पर गुजरात के प्रसिद्घ नृत्य गरबा के चित्रों के साथ हर पर्यटक मेला अवधि के दौरान सेल्फी लेता नजर आया। धोरडो में तीन माह का रण उत्सव मेले का भी आयोजन किया जाता है, जिसके कारण संयुक्त राष्टï्र विश्व पर्यटन संगठन ने इसे ग्रामीण विकास पर्यावरण के साथ संतुलित पर्यटन और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए पहचान दी है।
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गुजरात के नृत्य गरबा को यूनेस्को द्वारा घोषित किया गया अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर
थीम स्टेट गुजरात के नृत्य गरबा को पर्यटकों द्वारा खूब सराहा गया। शिल्प मेले में पहुंचे पर्यटक गरबा के स्टॉल के साथ खूब सैल्फी लेते नजर आए। यूनेस्को ने गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर गरबा को महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में घोषित किया है। इस महान सम्मान से गरबा 9 दिवसीय नवरात्री महोत्सव के दौरान समाज में सामाजिक समावेश और एकता का बल प्रदान करता है।