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चंडीगढ़: अंतरराष्ट्रीय शख्शियत भारत की बेटी डा0 संजीव कुमारी, गांव वजीरपुर टीटाणा पानीपत द्वारा लिखी पुस्तक ‘जकड़ी: हरियाणवी लोकगायन’ का विमोचन डा. चंद्र त्रिखा, निदेशक हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा किया गया। जकड़ी हरियाणा के प्रसिद्ध लोकगीत हैं। इसमें गीत आरंभ होने के साथ ही दो या अधिक जनों के बीच बातचीत शुरू होती है तथा अंत तक पूरी हो जाती है। जकड़ी किसी भी अवसर पर गा दिए जाने वाले हरियाणवी लोकगीत हैं।
161 पृष्ठों की इस पुस्तक में डॉ. संजीव कुमारी ने जकड़ी गीतों के संग्रह को प्रकाशित किया है। इससे पहले भी वे कई पुस्तकें लिख चुकी हैं। जिसमें पर्यावरणीय सतसई ‘झड़ते पत्ते’ बेहद चर्चित पुस्तक है। जो इंडिया बुक ऑफ़ रिर्कोडस में दर्ज है व हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा 2018 में श्रेष्ठ कृति पुरस्कार से नवाजी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त डॉ. संजीव कुमारी की श्री देवनारायण व पाबूजी पर लिखी तीन पुस्तकें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है। डॉ. संजीव कुमारी ने हरियाणवी साहित्य पर काम किया है। हरियाणा के लोकगीत, तिसाया जोहड़, हरियाणा: लोकगीतों के झरोखे से पुस्तकें हरियाणा साहित्य अकादमी व हरियाणा ग्रंथ अकादमी पंचकूला द्वारा प्रकाशित हैं। माननीय निदेशक महोदय जी ने डॉ. संजीव को बधाई देते हुए लेखन में निरंतर आगे बढ़ते रहने के लिए शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर बनवारी लाल बटार , वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, विनोद खुंगर, वीरेंद्र सिंह ,मनीषा व अन्य मौजूद रहे। इस अवसर पर गणमान्य व सम्मानित जनों ने डा. संजीव कुमारी को बधाई प्रेषित की है।