चंडीगढ़, 5 अगस्त।
सुनील कुमार जांगड़ा.
हरियाणा के गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों, पुलिस आयुक्तों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन निवारण अधिनियम एवं नियम, 2022 के प्रावधानों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन निवारण अधिनियम एवं नियम, 2022 के प्रावधानों के तहत धर्म परिवर्तन करने का इरादा रखने वाले किसी भी व्यक्ति को धर्म परिवर्तन से पहले संबंधित उपायुक्त को प्रपत्र ‘क’ में एक घोषणा पत्र प्रस्तुत करना होगा। जिन मामलों में धर्मांतरण किया जाने वाला युवा नाबालिग है, वहाँ माता-पिता या जीवित माता-पिता दोनों को प्रपत्र ‘ख’ में एक घोषणा पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त, किसी भी धार्मिक पुजारी या धर्मांतरण समारोह का आयोजन करने वाले व्यक्ति को उस जिले के उपायुक्त को प्रपत्र ‘ग’ में पूर्व सूचना देनी होगी जहाँ धर्मांतरण की योजना है। ऐसी घोषणाएँ या सूचनाएँ प्राप्त होने पर, उपायुक्त एक रसीद जारी करके उनकी पावती देंगे, जिससे धर्मांतरण प्रक्रिया का औपचारिक दस्तावेज़ीकरण और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
इसके अलावा, अधिनियम में यह प्रावधान है कि सूचना प्रदर्शित होने के तीस दिनों के भीतर, कोई भी व्यक्ति उपायुक्त के समक्ष लिखित आपत्ति दर्ज करा सकता है। ऐसी आपत्तियाँ प्राप्त होने पर, उपायुक्त को निर्धारित अनुसार गहन सत्यापन और जाँच करने का अधिकार है। यदि जाँच के बाद, उपायुक्त पाते हैं कि प्रस्तावित धर्मांतरण अधिनियम का उल्लंघन है, जैसे कि बल प्रयोग, धोखाधड़ी, जबरदस्ती या अन्य निषिद्ध साधनों का प्रयोग, तो जिला उपायुक्त को एक विस्तृत और तर्कसंगत आदेश जारी करके धर्मांतरण की अनुमति देने से इनकार करने का अधिकार है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार का उद्देश्य व्यक्तिगत धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करना नहीं है, बल्कि नागरिकों को धोखे, जबरदस्ती या गैरकानूनी प्रलोभन से बचाना है। उन्होंने आगे बताया कि अधिनियम किसी भी व्यक्ति को गलत बयानी, बल प्रयोग, धमकी, अनुचित प्रभाव, प्रलोभन या कपटपूर्ण तरीकों (डिजिटल माध्यमों सहित) के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति का एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्मांतरण करने या ऐसा करने का प्रयास करने से रोकता है। यह विवाह द्वारा या विवाह के लिए धर्मांतरण पर भी प्रतिबंध लगाता है।
प्रवक्ता ने बताया कि गैरकानूनी धर्मांतरण के लिए एक से पाँच साल की कैद और कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति शादी करने के लिए अपना धर्म छिपाता है, तो उसे तीन से दस साल की कैद और कम से कम तीन लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या जनजाति के व्यक्ति का धर्मांतरण करने पर चार से दस साल की कैद और कम से कम तीन लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। सामूहिक धर्मांतरण, जिसे एक ही समय में दो से ज़्यादा लोगों के धर्मांतरण के रूप में परिभाषित किया गया है, के लिए पाँच से दस साल की कैद और कम से कम चार लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
अधिनियम में यह भी प्रावधान है कि शादी के लिए अपना धर्म छिपाने के प्रावधान का उल्लंघन करके किया गया कोई भी विवाह “अमान्य” माना जाएगा। हालाँकि, प्रवक्ता ने आगे बताया कि ऐसे विवाह से पैदा हुआ कोई भी बच्चा वैध माना जाएगा और उसकी संपत्ति का उत्तराधिकार उसके माता-पिता के उत्तराधिकार कानूनों के अनुसार होगा।
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पारिवारिक पेंशन मामलों में हरियाणा सरकार ने विभागों को दिए निर्देश
चंडीगढ़, 5 अगस्त-हरियाणा सरकार ने विधवा या तलाकशुदा बेटी और दिव्यांग बच्चों को पारिवारिक पेंशन के मामलों में विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए, ऐसे मामलों में हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2016 के प्रावधानों का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करने को कहा है।
हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जिनके पास वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का कार्यभार भी है, द्वारा सभी विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, उपमंडल अधिकारियों (नागरिक) को इस सम्बन्ध में एक पत्र जारी किया गया है।
पत्र में कहा गया है कि प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) के ध्यान में आया है कि विभिन्न विभागों के पेंशन स्वीकृति प्राधिकारियों द्वारा विधवा या तलाकशुदा बेटियों और दिव्यांग बच्चों के पेंशन मामले अक्सर नियमों के अनुरूप नहीं होते, जिससे दावेदार या आश्रित पारिवारिक सदस्य की आश्रितता तय करने में परेशानी आती है।
हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2016 के नियम 8(10)(बी) में पारिवारिक पेंशन के लिए परिवार की परिभाषा स्पष्ट की गई है। इस नियम के नियम 8(10)(बी) के नीचे दिए गए नोट-3 में प्रावधान है कि वैध रूप से गोद लिया गया बेटा या बेटी कानूनी तौर पर दत्तक बच्चों में शामिल हैंे, चाहे वे हिंदू कानून या किसी व्यक्तिगत विधि के तहत गोद लिए गए हों। यदि वे कर्मचारी के साथ रह रहे हैं और उस पर पूरी तरह से आश्रित हैं, तो वे पारिवारिक पेंशन के पात्र हैं। हालांकि, सौतेले बच्चों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
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जुलाई के अंत तक हरियाणा का लिंगानुपात बढ़कर हुआ 907, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में था 899
रिवर्स ट्रैकिंग के दौरान अवैध गर्भपात के मामलों में जुलाई में 32 प्राथमिकी की गईं दर्ज, 32 गिरफ्तार
हरियाणा ट्रांसजेंडर समुदाय की मदद से बालिकाओं के जन्म पर मनाया जाएगा जश्न
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधीर राजपाल ने हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार हेतु राज्य कार्यबल की साप्ताहिक बैठक की अध्यक्षता की
चंडीगढ़, 5 अगस्त — स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री आरती सिंह राव के निर्देशानुसार हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार हेतु राज्य कार्यबल (एसटीएफ) की साप्ताहिक बैठक आज यहां अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य श्री सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत अवैध गर्भपात पर अंकुश लगाने और राज्य के लिंगानुपात में और सुधार लाने के प्रयासों को तेज करने पर जोर दिया गया।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश सरकार के निरंतर प्रयासों से उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं, इस वर्ष (2025) 1 जनवरी से 31 जुलाई तक राज्य का लिंगानुपात सुधरकर 907 हो गया है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 899 था। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अवैध गर्भपात के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया और अधिकारियों को दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जिसमें दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सभी मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) और 12 सप्ताह से अधिक के गर्भपात के मामलों में रिवर्स ट्रैकिंग लागू कर रहा है, खासकर उन मामलों में जहां महिलाओं की पहले से ही एक या अधिक बेटियां हैं। अकेले जुलाई में संदिग्ध रिवर्स ट्रैकिंग मामलों में 32 एफआईआर दर्ज की गईं, जिनमें 32 गिरफ्तारियां हुईं। इसके अतिरिक्त चार और मामलों में एफआईआर प्रक्रियाधीन हैं और नियमों की उल्लंघना करने वाले निजी अस्पतालों और क्लीनिकों को 38 नोटिस जारी किए गए हैं।
एक अनूठी और समावेशी पहल के तहत अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि ट्रांसजेंडर समुदाय राज्य भर में लड़कियों के जन्म का जश्न मनाने में सक्रिय रूप से शामिल हो। इस प्रयास के तहत ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्य उन घरों में जाएंगे, जहां लड़की का जन्म होता है। ठीक वैसे ही जैसे वे पारंपरिक रूप से लड़के के जन्म पर करते हैं और लड़की के परिवार को ‘आपकी बेटी हमारी बेटी’ योजना के तहत एलआईसी में निवेश किए गए 21,000 रुपये का प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे। इसके लिए, हरियाणा सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय को भी प्रोत्साहित करेगी और ऐसे ट्रांसजेंडरों को न्यूनतम 1,100 रुपये की राशि देने का प्रस्ताव है। यह पूरा अभियान संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) की देखरेख में चलाया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने लिंग निर्धारण परीक्षण और अवैध गर्भपात में शामिल आईवीएफ केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई करने के भी आदेश दिए। यह निर्णय लिया गया कि बेहतर निगरानी के लिए आईवीएफ के माध्यम से होने वाले सभी प्रत्यारोपणों को प्रसवपूर्व देखभाल (एएनसी) के तहत पंजीकृत किया जाना चाहिए।
उन्होंने पुलिस विभाग को अवैध गर्भपात केंद्रों पर नज़र रखने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय करने के लिए भी कहा, साथ ही अगले सप्ताह तक अब तक दर्ज की गई एफआईआर में हुई प्रगति पर रिपोर्ट भी मांगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान पर एक जागरूकता विज्ञापन तैयार किया जा रहा है और जल्द ही इसे राज्य भर के सिनेमाघरों में प्रसारित किया जाएगा।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक रिपुदमन सिंह ढिल्लो और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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अनुसूचित जाति के परिवारों को सूक्ष्म वित्त योजना के तहत मिलेगा लोन
आगामी 21 अगस्त तक कर सकते हैं आवेदन
चंडीगढ़, 5 अगस्त — हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने अनुसूचित जाति के परिवारों से आय उपार्जन/स्वयं के रोजगार हेतु सूक्ष्म वित्त योजना के माध्यम से 100000 (एक लाख) रुपये एवं टर्म लोन के माध्यम से 200000 (दो लाख) रुपये के ऋण के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस लोन के लिए अनुसूचित जाति का कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 से 45 वर्ष है व पारिवारिक आय तीन लाख रुपये से कम है। वह ऋण हेतु अपने दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, परिवार पहचान पत्र, पैन कार्ड व बैंक कॉपी पासपोर्ट साईज दो फोटो लेकर हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम, प्लॉट नं० 199, इण्डस्ट्रियल ऐरिया फेस-1, पंचकूला दूरभाष नं0 0172-2991227 (पंचकूला) से सम्पर्क कर सकते हैं या प्रार्थी hscfdc.org.in साइट पर क्लिक करके भी ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अन्तिम तिथि 21 अगस्त 2025 है।
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टीबी रोगियों हेतु नया अभियान, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सभी विभाग और संस्थान टीबी जागरूकता और उन्मूलन गतिविधियों में होंगे शामिल
भारत सरकार का लक्ष्य 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना
यह हरियाणा और भारत को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
चण्डीगढ़, 5 अगस्त — भारत सरकार का लक्ष्य 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी विभागों और संस्थानों का सहयोग बहुत ज़रूरी है। इसी दिशा में, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सभी विभागों और संस्थानों ने टीबी जागरूकता और उन्मूलन की गतिविधियों में भाग लेना जरूरी है, इसी सन्दर्भ में हरियाणा ने आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सभी विभागों और संस्थानों में टीबी जागरूकता और उन्मूलन गतिविधियों को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण नया अभियान शुरू किया है। यह हरियाणा और भारत को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस पहल के तहत हरियाणा राज्य टीबी सेल की एक टीम ने पंचकूला के मेयर श्री कुलभूषण गोयल और पार्षदों से मुलाक़ात की। टीम में जिला टीबी अधिकारी, पंचकूला डॉ. संदीप छाबड़ा, डब्ल्यूएचओ सलाहकार डॉ. सुखवंत सिंह, चिकित्सा अधिकारी डॉ. शरणजोत सिंह और जिला कार्यक्रम समन्वयक सुश्री ललिता शामिल थी।
उन्होंने सभी को राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के बारे में बताया और समझाया कि टीबी मुक्त भारत के लिए शहरी कार्य मंत्रालय कैसे सहयोग कर सकता है। राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) और शहरी मामलों के मंत्रालय के सहयोग से टीबी मुक्त भारत अभियान को एक नई गति मिलेगी। यह साझेदारी टीबी के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करेगी।
उन्होंने बताया कि टीबी की रोकथाम के लिए शहरी मलिन बस्तियों और घनी आबादी वाले इलाकों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे और टीबी का पता लगाना के लिए स्वास्थ्य जांच शिविरों और डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से टीबी के मामलों का सक्रियता से पता लगाया जाएगा। समुदाय की भागीदारी के लिए स्थानीय शहरी निकायों, जैसे नगर निगमों को इस अभियान में शामिल किया जाएगा ताकि समुदाय स्तर पर टीबी नियंत्रण के प्रयासों को बढ़ाया जा सके। साथ ही, सभी संस्थाओं को जोड़ने के लिए मंत्रालय के सभी संगठन जैसे कि कार्यालय, सरकारी और स्वायत्त संस्थाएं और पीएसयू, टीबी जागरूकता और उन्मूलन की गतिविधियों में शामिल होंगे।
इसके अतिरिक्त, सभी कार्यालयों में टीबी की रोकथाम, जाँच और इलाज के बारे में जानकारी देने वाले पोस्टर और सामग्री लगाई जाएगी। नगर निगम और नगर पालिकाओं जैसे शहरी निकायों द्वारा अपने क्षेत्रों में लगातार टीबी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। सभी कर्मचारियों को टीबी के लक्षण, यह कैसे फैलता है और मुफ़्त इलाज की सुविधाएं कहाँ उपलब्ध हैं, इसकी जानकारी दी जाएगी। मंत्रालय और उसके संस्थानों के सोशल मीडिया हैंडल्स पर टीबी से जुड़े संदेश प्रसारित किए जाएंगे। मंत्रालय के सभी दफ़्तरों में ‘निक्षय मित्र‘ बनाए जाएंगे। ये निक्षय मित्र टीबी मरीज़ों को गोद लेंगे और उनके इलाज में मदद करेंगे। हरियाणा की यह पहल टीबी से लड़ने में हमारी मदद करेगी और हमें एक टीबी-मुक्त हरियाणा और भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य के करीब लाएगी।
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सभी गौशालाओं में गोबर गैस प्लांट स्थापित करें: श्याम सिंह राणा
- गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना है
-बजट में की गई विभागीय घोषणाओं की समीक्षा की
चंडीगढ़, 5 अगस्त।
हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्याम सिंह राणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सभी गौशालाओं में गोबर गैस प्लांट स्थापित करें, इसके अलावा यहां पर गोबर से ही पेंट बनाने तथा दूध से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने की संभावनाओं की तलाश करें। इससे जहां गौशालाएं खर्च के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेंगी वहीं लोगों को बेहतर गुणवत्ता के दुग्ध-उत्पाद मिल सकेंगे।
श्री राणा आज यहां पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस अवसर पर बैठक में पशुपालन एवं डेयरी विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री विजय दहिया, महानिदेशक डॉ. प्रेम सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे करनाल स्थित “नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टिट्यूट” के वैज्ञानिकों के साथ मीटिंग करके इस इंस्टिट्यूट की आधुनिक तकनीकों को सीखें और प्रदेश के पशुओं की नस्ल सुधार और उनके दुग्ध उत्पादन आदि में प्रयोग करें। उन्होंने एनडीआरआई का अधिक से अधिक सदुपयोग करने की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए।
श्री श्याम सिंह राणा ने मार्च 2025 में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट में की गई विभागीय घोषणाओं की समीक्षा की और इन सभी को निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने महिलाओं को डेयरी स्थापित करने के लिए एक लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण देने, देसी सांड के वीर्य की लिंग आधारित छंटाई के लिए प्रयोगशाला बनाने, गौ सेवा आयोग के तहत पंजीकृत गौशालाओं में शैड बनाने, गौ अभ्यारण्य स्थापित करने, पशु चिकित्सा संस्थाओं में दवाई, उन्नत डाइग्नोस्टिक उपकरण लगाने जैसी घोषणाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को जर्जर हालत के पशु चिकित्सा भवनों को जरुरत के अनुसार मरम्मत करने तथा नया भवन बनाने के भी निर्देश दिए।
“हरियाणा राज्य भण्डारण निगम” से संबंधित घोषणाओं की भी समीक्षा की
उक्त बैठक के बाद, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने “हरियाणा राज्य भण्डारण निगम” से संबंधित घोषणाओं की भी समीक्षा की और निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में 3 लाख मीट्रिक टन क्षमता के नए गोदाम जल्द से जल्द बनाए जाएं। इस दौरान कोशिश करें कि गोदाम के पास ही अतिरिक्त जमीन उपलब्ध हो ताकि साथ में ही फसलों का खरीद केंद्र बनाया जा सके। इससे जहां फसल की ढुलाई का खर्च बचेगा वहीं अनाज मंडियों में भीड़ भी कम होगी। उन्होंने आधुनिक तकनीक का एक लाख टन क्षमता का प्रस्तावित सायलो तथा हिसार एयरपोर्ट पर बनने वाले गोदाम के कार्य की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी कार्य निर्धारित अवधि में पूरा करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर बैठक में हरियाणा राज्य भण्डारण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ. शालीन भी उपस्थित थे।