
अल्मोड़ा, 14 मई।
अखिल नाथ.
स्रोत से संगम पश्चिमी रामगंगा अध्ययन पदयात्रा अपने तीसरे दिन तैतुरा गांव पहुंच गई है। हिमगिरि ग्रीन फाउंडेशन, इन्हेयर और पहाड़ संस्था के संयुक्त तत्वावधान में चल रही यह 150 किमी लंबी पदयात्रा रामगंगा पश्चिमी नदी के पारंपरिक ज्ञान, पारिस्थितिकी और समुदाय-नदी संबंधों के गहन अध्ययन का माध्यम बन रही है।
12 मई को गैरसैंण से प्रारंभ हुई यह यात्रा दूधातोली, पांचाली गांव और मेहलचोरी होते हुए आज तैतुरा पहुंची। तीसरे दिन की यात्रा के दौरान अध्ययन दल ने तैतुरा गांव के स्थानीय ग्रामीणों से संवाद किया और नदी से उनके संबंध, आजीविका और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर चर्चा की। इसके अतिरिक्त, ग्रामीणों के साथ एक संवाद सत्र का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों और युवाओं ने भी भाग लिया।
यात्रा का नेतृत्व पर्यावरण प्रेमी शंकर सिंह बिष्ट (हिमगिरि) और चिन्मय शाह (इनहेयर) कर रहे हैं। यात्रा का उद्देश्य पश्चिमी रामगंगा नदी के तटीय क्षेत्रों में निवास कर रहे समुदायों के पारंपरिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण करना, जलगम क्षेत्र की जैव विविधता को समझना और हिमालयी नदियों के संरक्षण हेतु जन-जागरूकता बढ़ाना है।
यात्रा चौथे दिन खजूरानी की ओर प्रस्थान करेगी, जहाँ अगले संवाद सत्र और अध्ययन गतिविधियाँ आयोजित होंगी।