हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा लिखित व उनके जीवन पर आधारित है पुस्तक*
चरित्र, समर्पण और दृढ़-विश्वास जीवन के महत्वपूर्ण पहलू – राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
यह एक पुस्तक नहीं बल्कि जीवंत दस्तावेज – मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
चंडीगढ़, 9 मई।
सुनील कुमार जांगड़ा.
भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय द्वारा लिखित उनके जीवन पर आधारित पुस्तक ’’जनता की कहानी -मेरी आत्मकथा’’ का विमोचन किया। दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में आयोजित समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय व उनकी धर्मपत्नी वसंथा बंडारू को शॉल भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन धारण किया गया।
इस अवसर पर श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस पुस्तक में सार्वजनिक जीवन के संघर्षों की झलक दिखाई गई है, जो सार्थक परिणाम देगी। उन्होंने कहा कि भारत ने चुनौतियों को अवसरों में बदलने के तरीके ईजाद किए हैं, इसलिए आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया को भारत की ताकत और मजबूत सोच को दिखाया है। हमारी सेना ने भारतीयों की आन-बान और शान को ऊंचा करने का काम किया है। भारतीयता हमारी पहचान है और राष्ट्रवाद हमारे लिए सर्वोपरि है।
इस अवसर पर राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि चरित्र, समर्पण और दृढ़-विश्वास ही जीवन के तीन महत्वपूर्ण पहलू हैं। इन तीन पहलुओं पर कार्य करते हुए जीवन की हर चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में उनके जीवन के विस्तृत अनुभव संकलित किए गए हैं जो सदैव आने वाली पीढ़ियों के लिए प्ररेणादायी रहेंगे। पुस्तक में उनके व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को बेहतरीन तरीके से समेटा गया है। यह पुस्तक एक केंद्रीय मंत्री के रूप में उनकी प्रशासनिक कुशलता और एक जनप्रतिनिधि के रूप में लोगों की सेवा के प्रति समर्पण की झलक दिखाती है। उन्होंने कहा कि वे लेखक और कवि नहीं हैं लेकिन कोविड समय के दौरान उन्हें मिले अनुभव ऑडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से पुस्तक में समेटे गए हैं।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि उनका जीवन सदैव साधारण समाज के हितार्थ समर्पित रहा है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वे सभी का तहेदिल से आभार एवं अभिनन्दन करते है। आज के दिन का श्रेय वे अपनी माता ईश्वम्मा जी को देते हैं, जिनके प्रयासों से उन्होंने अपना जीवन सामाजिक कार्यों, विशेषकर झुग्गी विकास और आपदा राहत प्रयासों में सक्रिय किया। उनका यह समर्पण सांस्कृतिक एवं स्वैच्छिक संगठनों से जुड़े रहकर सामाजिक कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
दत्तात्रेय वास्तव में विनम्रता की मूर्ति – केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल
केंद्रीय विद्युत और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि इस पुस्तक से ऐसे साधारण व्यक्तित्व की कहानी प्रदर्शित होती है, जिन्हें जीवन में एक बार मिलने से ही सारी कहानी स्वतः ही सामने आ जाती है। उन्होंने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि जब श्री दत्तात्रेय पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी जी के मंत्रिमंडल में लेबर मिनिस्टर थे तब उनसे मिलने का अवसर मिला। इसके अलावा हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके मार्गदर्शन में कार्य करने का अनुभव सराहनीय रहा।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि श्री दत्तात्रेय वास्तव में विनम्रता की मूर्ति हैं, जिन्होंने सदैव समाज सेवा और जनहित को लेकर ही कार्य किया है। उन्होंने कहा कि श्री दत्तात्रेय की पुस्तक में सभी कार्यकर्ताओं की चिंता के बहुत से पहलू एवं अनुभव छिपे हुए हैं, इसलिए यह पुस्तक अवश्य ही लोगों को पढ़नी चाहिए। इसमें वटवृक्ष के नाते परिवार, समाज और जीवन के अनुभवों की जानकारी साझा की गई है।
यह पुस्तक केवल साहित्य नहीं प्रेरणा का स्त्रोत है – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक पुस्तक नहीं बल्कि जीवंत दस्तावेज है, जो उनके संघर्ष, सेवा, समर्पण और समाज के लिए चलने वाली यात्रा है, जो व्यक्ति को साधारण से असाधारण बना देती है। उन्होंने कहा कि यह गौरव का विषय है और इस कार्यक्रम में भाग लेकर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने ’’जनता की कहानी – मेरी आत्मकथा’’ पुस्तक के लिए राज्यपाल को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का शीर्षक ही बता रहा है कि यह जीवन का विवरण मात्र नहीं बल्कि जनसाधारण से जुड़ने और उनके लिए जुझने का अनुभव है। यह पुस्तक केवल साहित्य नहीं प्रेरणा स्त्रोत है जिससे राजनीतिक और सामाजिक जीवन के रास्ते पर चलने का बेहतर मार्ग प्रशस्त होगा।
इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केन्द्रीय मंत्री जी कृष्ण रेड्डी ने भी समारोह को सम्बोधित किया।
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, श्री एस पी सिंह बघेल, श्री अनुराग ठाकुर, हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार, शिक्षा मंत्री श्री महीपाल ढांडा, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्री विपुल गोयल, सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा, लोक निर्माण मंत्री श्री रणबीर गंगवा, स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव, विधानसभा उपाध्यक्ष श्री कृष्ण मिड्ढा, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री श्री राजेश नागर, खेल राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम सहित कई राज्यसभा व लोकसभा सांसद, पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व उपमुख्यमंत्री, पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं पूर्व आईएएस अधिकारी और कई विश्वविद्यालयों के कुलपति, राज्यपाल के परिवार के सदस्य जर्नादन रेड्डी, जिग्नेश रेड्डी, विजया लक्ष्मी, जसोदरा, वेदान्सी सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
प्रदेश के 143 ब्लाकों में खाद्य सुरक्षा एवं मिलावट जागरूकता सेमिनार किए जाएंगे आयोजित-खेल मंत्री गौरव गौतम
12 से 15 मई तक आयोजित होंगे सेमिनार
चंडीगढ़, 9 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा के युवा उद्यमिता कानून एंव खेल राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम ने प्रदेश के युवाओं और नागरिकों के स्वास्थ्य एवं कल्याण के प्रति अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है।
मंत्री श्री गौरव गौतम ने कहा कि 12 मई से 15 मई तक प्रदेश के सभी 143 ब्लाकों में ब्लाक स्तर पर खाद्य सुरक्षा एवं मिलावट जागरूकता विषय पर विशेष सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार की इस पहल के जरिये युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से होने वाले खतरों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं का स्वास्थ्य हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। आज के समय में खाद्य पदार्थों में मिलावट एक गंभीर समस्या बन गई है, जो हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। इस समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाना और युवाओं को सुरक्षित भोजन विकल्पों के बारे में शिक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य के साथ, हमने पूरे प्रदेश में ब्लॉक स्तर पर खाद्य सुरक्षा एवं मिलावट जागरूकता सेमिनार आयोजित करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि इन सेमिनारों के सफल आयोजन की जिम्मेवारी प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को सौंपी गई है। मंत्री ने सभी संबंधित संस्थानों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि निर्धारित तिथियों के भीतर अपने-अपने ब्लॉक में इन महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।
उन्होंने कहा कि सेमिनार में खाद्य सुरक्षा का महत्वः-दैनिक जीवन में सुरक्षित और पौष्टिक भोजन के महत्व को बताया जाएगा। इसके अलावा
खाद्य पदार्थों में मिलावट के सामान्य तरीकेः- विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट और उन्हें पहचानने के तरीके बताए जाएंगे।
मंत्री श्री गौरव गौतम ने प्रदेश के सभी नागरिकों, विशेषकर युवाओं से अपील की है कि वे इन सेमिनारों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और खाद्य सुरक्षा एवं मिलावट से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि यह जानकारी न केवल उनके स्वयं के स्वास्थ्य के लिए बल्कि उनके परिवार और समाज के स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गुरुग्राम में टेस्टिंग लैब बनाने की दिशा में आगे बढ़े नगर निगम-राव नरबीर सिंह
कैबिनेट मंत्री ने पिछले 10 वर्षों में स्टॉर्म वाटर ड्रेन की सफाई पर हुए खर्च का मांगा ब्यौरा
चंडीगढ़, 9 मई- हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम गुरुग्राम में टेस्टिंग लैब बनाने के कार्य में तेजी लाएं, ताकि सड़क निर्माण में इस्तेमाल होनी वाली इंटरलाकिंग टाइल के नमूनों की सही से जांच की जा सके।
मंत्री राव नरबीर सिंह आज गुरुग्राम शहर के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में निगम अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि शहर में आगामी मॉनसून सीजन में आमजन को जलभराव की समस्या से राहत मिले, इसके लिए प्रशासनिक स्तर धरातल पर गंभीरता से प्रयास अभी से किए जाएं।
उन्होंने निगम अधिकारियों से स्टॉर्म वाटर ड्रेन व वार्डों के भीतर सीवरेज सिस्टम की सफाई, निगम एरिया में स्थापित एसटीपी की कार्यकुशलता व जोनवार सफाई व्यवस्था की विस्तृत रिपोर्ट लेने उपरांत कहा कि 15 जून से पहले सभी ड्रेनों और सीवरेज लाइनों की सफाई पूरी कर ली जाए, ताकि मानसून के दौरान जलभराव की समस्या न आए।
उन्होंने कहा कि शहर में सफाई कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और आवश्यकतानुसार जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सीवर के ढक्कन सही लेवल पर ना होने के चलते बरसात के समय पानी की निकासी नही हो पाती है, जिससे जलभराव की स्थिति बनने के साथ-साथ सड़क को भी नुकसान होता है।
मंत्री राव नरबीर सिंह ने स्टॉर्म वॉटर ड्रेन की सफाई कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि निगम में जहां कहीं भी सफाई का काम करवाया जा रहा है। उस काम के पूरा होने के बाद संबंधित क्षेत्र की आरडब्ल्यूए से लिखित सहमति ली जाए। उसके बाद ही संबंधित ठेकेदार को भुगतान किया जाए।
उन्होंने कहा कि नगर निगम गुरुग्राम व मानेसर में स्वीपिंग मशीन व सुपर सकर मशीनों की कार्यप्रणाली को दुरुस्त किया जाए।
उन्होंने कहा कि निगम अधिकारियों ने 404 रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सफाई रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस संबंध में टेंडर की प्रक्रिया जारी है। 10 जून से पहले सभी स्थानों पे सफाई कार्य पूरा करवा दिया जाएगा। सफाई कार्य की मॉनिटरिंग के लिए एक जेई को 15 रेन वाटर हार्वेस्टिंग साइट्स की जिम्मेदारी दी गई है।
बैठक में जानकारी दी गई कि नगर निगम की 15 बड़ी परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है, जिनमें जहाजगढ़ में एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट), दौलताबाद और धनकोट में सिवरेज नेटवर्क, दौलतबाद में सामुदायिक केंद्र, सेक्टर 23 में रोड कार्पेटिंग, सेक्टर 12 व सेक्टर 14 में सामुदायिक केंद्रों का निर्माण कार्य प्रगति कार्य शामिल है।
इस मौके पर नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त प्रदीप दहिया व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
निरंतर प्रयासों से हरियाणा में मातृ मृत्यु दर 110 से घटकर 106 पर आई
मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार के लिए रणनीतिक पहलों की श्रृंखला लागू की गई: आरती सिंह राव
चंडीगढ़, 9 मई – हरियाणा की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री कुमारी आरती सिंह राव के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग पूरे राज्य में मातृ स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए अपने अथक प्रयास कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग गुणवत्तापूर्ण प्रसवपूर्व, प्रसव के दौरान और प्रसवोत्तर देखभाल सेवाएँ प्रदान करने की दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधा में आने वाली प्रत्येक गर्भवती महिला को व्यापक और सम्मानजनक देखभाल मिले।
हरियाणा की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा, “भारत में मातृ मृत्यु दर पर नवीनतम नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) विशेष बुलेटिन (2019-21) के अनुसार, हरियाणा में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 110 (2018-20) से घटकर 106 हो गई है – जो 4 अंकों का सुधार है। हरियाणा सरकार एमएमआर को 70 से नीचे लाने के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराती है। मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) को कम करना प्राथमिकता बनी हुई है। गर्भावस्था से लेकर प्रसव और प्रसवोत्तर अवधि तक हर चरण में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, पहुंच और प्रभावशीलता में सुधार के लिए कई रणनीतिक पहलों को लागू किया गया है।”
उन्होंने कहा कि राज्य में संस्थागत प्रसव 2024-25 में (स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली के आंकड़ों के अनुसार) बढ़कर 98.3% हो गया है। मातृ स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए, सरकारी प्रसव केंद्रों पर सभी प्रसव कक्षों को आधुनिक किया गया है। ये कक्ष आवश्यक दवाओं, उपकरणों और रसद से पूरी तरह सुसज्जित हैं। सुरक्षित प्रसव और बेहतर मातृ परिणाम सुनिश्चित करने के लिए प्रसव कक्ष प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन किया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), हरियाणा के मिशन निदेशक डॉ. रिपुदमन सिंह ढिल्लों ने बताया कि एनएचएम हरियाणा ने कई प्रभावशाली नीतियों और कार्यक्रमों को शुरू किया है और प्रभावी ढंग से लागू किया है, जिसमें उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की व्यवस्थित पहचान और प्रबंधन के लिए उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था (एचआरपी) मार्गदर्शन नोट, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं को संबोधित करने पर केंद्रित एक समर्पित मासिक अभियान जननी सुरक्षित माह, राज्य भर में प्रसवपूर्व देखभाल सेवाओं को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का विस्तार और राज्य तथा जिला स्तर पर नियमित निगरानी शामिल है। इससे जवाबदेही और बेहतर सेवा वितरण सुनिश्चित होता है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) और जननी सुरक्षा योजना जैसी केंद्र प्रायोजित योजनाएं राज्य में प्रभावी रूप से लागू की जा रही हैं। जेएसएसके के तहत, सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठाने वाली गर्भवती महिलाओं को मुफ्त दवा, निदान, आहार, रक्त आधान और रेफरल परिवहन की सुविधा मिलती है। इसमें महिलाओं की जेब से कोई खर्च नहीं होता है।
आपात स्थिति से निपटने हेतु उपायुक्तों को 1.10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत – डॉ. सुमिता मिश्रा
चंडीगढ़, 9 मई – हरियाणा सरकार द्वारा वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सभी उपायुक्तों को आपदा प्रबंधन के लिए 1.10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। प्रत्येक उपायुक्त को 5 लाख रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है, ताकि वे अपने जिले में त्वरित और प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित कर सके।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तायुक्त राजस्व एवं आपदा प्रबंधन डॉ. सुमिता मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे वित्तीय अनुशासन का पूर्ण रूप से पालन करें और स्वीकृत राशि का उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्यों के लिए ही करें। बिना सरकार की पूर्व स्वीकृति के स्वीकृत सीमा से अधिक व्यय न करें।
डॉ. मिश्रा ने यह भी स्पष्ट किया है कि खजाना कार्यालय से केवल वास्तविक आवश्यकता के अनुसार ही धनराशि का आहरण किया जाए। इसके अतिरिक्त, उन्हें प्रत्येक माह की 10 तारीख तक व्यय विवरण प्रपत्र संख्या 26 और 29 के माध्यम से लेखा शाखा को भेजना अनिवार्य होगा।
उन्होंने उपायुक्तों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली (NDMIS) पोर्टल पर मासिक व्यय विवरण अपलोड करने और प्राथमिकता के आधार पर उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं। वर्तमान स्थिति में केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) के सभी प्रावधानों व दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य है।
डॉ. सुमिता मिश्रा ने सभी उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि जिले स्तर पर नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय रहें। साथ ही वायु चेतावनी प्रणाली, आपात सेवाएं एवं चिकित्सा सुविधाएं भी पूर्ण रूप से संचालित रहें। उन्होंने आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी पर सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की घबराहट में खरीदारी की स्थिति को रोकने हेतु कड़े कदम उठाए जाएं।