अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को प्रथम व द्वितीय श्रेणी में पदोन्नत करने के मामले में सौंपा ज्ञापन
चंडीगढ़, 17 अप्रैल।
सुनील कुमार जांगड़ा.
हरियाणा के सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय सेवा मंत्री कृष्ण कुमार बेदी से आज यहां हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के कर्मचारियों पर क्रीमीलेयर के प्रावधान को लागू न कर सभी अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को प्रथम व द्वितीय श्रेणी में पदोन्नत करने के लिए ज्ञापन सौंपा।
श्री कृष्ण कुमार बेदी ने प्रतिनिधिमंडल को उपयुक्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार कर्मचारियों के हितों का पूरा ध्यान रख रही है और इस मामले में भी नियमानुसार उपयुक्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी एक मामले में हरियाणा सरकार द्वारा 7 अक्टूबर, 2023 को जारी हिदायतों को सही माना है व सभी अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को प्रथम व द्वितीय श्रेणी में पदोन्नति देना उचित ठहराया है। साथ ही, उच्च न्यायालय द्वारा अनुसूचित जाति के कर्मचारियों पर क्रीमीलेयर को लागू करने बारे भी हरियाणा सरकार को निर्देश जारी किए हैं। जबकि भारतीय संविधान के अनुसार व इन्दिरा साहनी बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया मामले में संवैधानिक पीठ द्वारा यह तय किया गया कि अनुसूचित जाति वर्ग पर क्रीमीलेयर लागू नहीं होता। इसलिए इस मामले में सरकार संवेदनशीलता के साथ विचार कर उचित कार्रवाई करे।
प्रतिनिधिमंडल में बीएन रंगा, सत्यवान सरोहा, दिनेश, चंद्र मोहन, देवेंद्र कटारिया, विनोद मोहरी, सतपाल, सलीम कुमार, जगदीश सिंह, हरि निवास भट्ट, चंद्र निम्मा, राजीव, राजेश, कृष्ण कुमार, संदीप तूर, महिपाल सिहाग और नरेश नरवाल शामिल थे।
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श्रम विभाग द्वारा सभी जिलों में चलाया जा रहा 10 दिवसीय पंजीकरण अभियान संपन्न
ई – श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के लिए उमड़ी श्रमिकों की भीड़
ब्लिंकिट, स्विग्गी, ज़ोमेटो, फ्लिपकार्ट, अमेज़ॉन और अर्बन कंपनी जैसे प्लेटफॉर्म्स से शामिल हुए श्रमिक
चंडीगढ़, 17 अप्रैल।
सुनील कुमार जांगड़ा.
हरियाणा सरकार के श्रम विभाग द्वारा राज्य के सभी जिलों में पिछले 10 दिन से गिग वर्कर्स और असंगठित श्रमिकों के लिए चलाया जा रहा विशेष पंजीकरण अभियान आज संपन्न हो गया।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस अभियान के दौरान श्रम विभाग को गिग वर्कर्स की बहुत ही उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है और बड़ी संख्या में उनका पंजीकरण किया गया है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य इस पहल के अंतर्गत एक अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। इस अभियान के दौरान राज्य के सभी जिलों में जागरूकता और पंजीकरण शिविर लगाए गए जिनमें बड़ी संख्या में श्रमिकों ने भाग लिया। इस दौरान कई स्थानों पर श्रमिकों की सक्रीय भागीदारी और भारी भीड़ देखने को मिली।
अभियान को प्रभावी बनाने के लिए प्रिंट मीडिया, पेम्पलेट वितरण, जन घोषणाएं, घर – घर जाकर जनसम्पर्क, सोशल मीडिया अभियान तथा स्थानीय निकायों और श्रम कल्याण अधिकारीयों के सहयोग से जागरूकता फैलाई गई। इसके अलावा ब्लिंकिट, स्विग्गी, ज़ोमेटो, फ्लिपकार्ट, अमेज़ॉन और अर्बन कंपनी जैसी पलटफोर्म आधारित कंपनियों से संपर्क किया गया और इस पंजीकरण अभियान के बारे में जानकारी दी गई ताकि वे इसमें भाग ले सकें।
गौरतलब है कि श्रम विभाग के ई – श्रम पोर्टल पर अब तक असंगठित क्षेत्र के लगभग 54 लाख श्रमिकों का पंजीकरण हो चुका है। इस ऑनलाइन पंजीकरण का आरम्भ 2021 में किया गया था और बीती 7 अप्रैल से खासतौर से गिग वर्कर्स के लिए पहली बार पंजीकरण अभियान चलाया गया था। प्रवक्ता ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों, गिग और प्लेटफार्म आधारित कर्मचारियों को भारत सरकार के ई – श्रम पोर्टल से जोड़ना था। यह पोर्टल श्रम और रोज़गार मंत्रालय द्वारा विकसित एक राष्ट्रीय डेटाबेस है, जो असंगठित श्रमिकों को औपचारिक पहचान और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्रदान करना है।
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हरियाणा के मुख्य सचिव से मिले 13 देशों के 28 प्रतिनिधि
चंडीगढ़, 17 अप्रैल।
विधायी प्रारूपण (लेजिस्लेटिव ड्राफ्टिंग) से संबंधित 36वें अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे 13 देशों के 28 प्रतिनिधियों ने आज यहां हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी से मुलाकात की।
कोटे डी आइवर, इक्वाडोर, होंडुरास, ग्वाटेमाला, श्रीलंका, मंगोलिया, म्यांमार, नाइजर, नाइजीरिया, मालदीव, तंजानिया, जाम्बिया और जिम्बाब्वे जैसे देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिभागी लोकसभा के संसदीय लोकतंत्र अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (PRIDE) के सहयोग से आयोजित पांच दिवसीय कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने समावेशी कानून बनाने की प्रक्रियाओं के महत्व पर बल देते हुए कहा, “किसी भी कानून की रूपरेखा सभी हितधारकों की आवाज सुनकर ही प्रभावी ढंग से तैयार की जा सकती है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कानून की प्रासंगिकता और प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के लिए उसमें समाज की आकांक्षाओं, भावनाओं और जरूरतें प्रतिबिंबित होनी चाहिए। श्री रस्तोगी ने कहा कि भारतीय संविधान सावधानीपूर्वक तैयार किया गया दस्तावेज है और यह कानून बनाने के लिए एक व्यापक रूपरेखा और स्पष्ट प्रक्रिया प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान एक मार्गदर्शक प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य करता है। इसमें सुनिर्धारित प्रक्रियाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि कानून मजबूत होने के साथ-साथ अनुकूलनीय भी हों। उन्होंने भारत में हरियाणा की विशिष्ट स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि हरियाणा देश में सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय और कर संग्रह वाला एक छोटा लेकिन प्रगतिशील राज्य है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने व्यक्तिगत रूप से सभी विदेशी प्रतिनिधियों को श्रीमद्भगवद्गीता की एक-एक प्रति भी भेंट की। उन्होंने कहा कि महाभारत एक ऐसी कथा है, जो किसी की भी कल्पना से परे है, जिसमें कर्म का महान सिद्धांत निहित है। जीवन में ऐसे हालात आते हैं, जब व्यक्ति को सांत्वना और सहारे की जरूरत होती है। ऐसे समय में श्रीमद्भगवद्गीता हमारे लिए शक्ति-स्तंभ का काम करती है।
मुख्य सचिव ने कहा कि जब आप अपने देशों को लौटेंगे, तो आप अपने साथ न केवल पेशेवर अंतर्दृष्टि बल्कि हमारी परंपराओं की गर्मजोशी और सहयोग की भावना भी ले जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि 16 अप्रैल से 21 अप्रैल तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों के बीच ज्ञान को साझा करना और विधायी मसौदा तैयार करने के कौशल को बढ़ाना है। इसमें उन्नत प्रारूपण तकनीक, तुलनात्मक विधायी रूपरेखा और विधायी प्रक्रियाओं में प्रौद्योगिकी के एकीकरण से संबंधित सत्र शामिल हैं।
इक्वाडोर के वित्तीय नीति और विनियमन निकाय के निदेशक श्री एलेजांद्रो निकोलस वीसन नेमलसेफ ने सभी प्रतिनिधियों की मेजबानी के लिए मुख्य सचिव का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यहां मिले प्रशिक्षण ने उन्हें न केवल अधिक कुशल पेशेवर बनाया है, बल्कि बेहतर इंसान भी बनाया है। उन्होंने कहा कि भारत की मूल ताकत उसके लोगों में निहित है। भारत के लोग बेहद प्यार करने वाले और गर्मजोशी से भरे हैं और भारत आना उनके लिए एक शानदार अनुभव रहा है।
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय में विधायी विभाग के पूर्व सचिव और पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. के.एन. चतुर्वेदी ने इस अवसर पर विदेशी प्रतिनिधियों के लिए एक महीने के पाठ्यक्रम का संक्षिप्त विवरण दिया।
इस अवसर पर उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश, कार्मिक, प्रशिक्षण और संसदीय कार्य विभाग के विशेष सचिव आदित्य दहिया और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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- हरियाणा में रबी विपणन सीजन में फसल की खरीद का कार्य तेज़ी से बढ़ रहा है आगे
- एक अप्रैल से अब तक 31.52 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद
- 15 मार्च से अब तक 4.93 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद हो चुकी है
- किसानों के खातों में पहुंची खरीद की कीमत
चंडीगढ़, 17 अप्रैल।
हरियाणा में रबी विपणन सीजन के दौरान तेज़ी से फसल खरीद का कार्य चल रहा है। बीती एक अप्रैल से अब तक प्रदेश भर में कुल 31.52 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। इसमें से 8.59 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उठान किया जा चुका है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि अब तक 2 लाख से अधिक किसानों से गेहूं की खरीद की गई है तथा 14 सौ करोड़ रुपए की राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे तौर पर स्थानांतरित की जा चुकी है। पिछले वर्ष 16 अप्रैल तक 18.24 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी।
राज्य में रबी विपणन सीजन 2025 – 26 के दौरान 15 मार्च से सरसों की खरीद शुरू की गई है। राज्य में दो खरीद संस्थाओं हैफेड और हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन द्वारा सरसों की खरीद का कार्य किया जा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि इस साल 16 अप्रैल तक राज्य में खरीद संस्थाओं द्वारा 4.93 लाख मीट्रिक टन सरसों की खरीद की जा चुकी है। इसमें 3.40 लाख मीट्रिक टन सरसों का उठान किया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा अब तक एक लाख 71 हज़ार किसानों से सरसों की खरीद की गई है तथा 1843 करोड़ रुपए की राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे तौर पर स्थानांतरित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की फसल का एक – एक दाना खरीदने को प्रतिबद्ध है।
क्रमांक: 2025
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डीएचबीवीएन की लापरवाही पर आयोग सख्त, उपभोक्ता को 5 हजार रुपये मुआवज़ा देने के निर्देश
चंडीगढ़, 17 अप्रैल।
हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में बिजली विभाग की खामियों के चलते शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। सिरसा निवासी श्री रघबीर सिंह ने आयोग को दी गई शिकायत में बताया कि उन्होंने औद्योगिक विद्युत कनेक्शन लेने के बाद निर्धारित सब्सिडी के लिए आवेदन किया था, परंतु निगम द्वारा उन्हें यह लाभ प्रदान नहीं किया गया। शिकायतकर्ता के अनुसार, उन्होंने सब्सिडी के लिए सभी पात्रताएं पूरी की थीं। उनका कनेक्शन 20 किलोवाट से कम लोड का है और इकाई ‘सी’ श्रेणी खंड में आती है।
आयोग के प्रवक्ता ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि आयोग की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि शिकायतकर्ता श्री रघबीर सिंह, जो कि एक औद्योगिक इकाई के संचालक हैं, विद्युत सब्सिडी के पूर्णतः पात्र हैं। उनकी इकाई ‘सी’ श्रेणी खंड में आती है तथा कनेक्शन का लोड 20 किलोवाट से कम है, जो कि निर्धारित सीमा के भीतर आता है।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा दिनांक 29 जुलाई 2024 को जारी पत्र का हवाला देकर शिकायतकर्ता की पात्रता को नकारा गया और पूर्व प्रभाव से नई शर्तें थोप दी गईं, जो आयोग के अनुसार न केवल प्रशासनिक रूप से गलत, बल्कि कानूनी रूप से भी अमान्य हैं। शिकायतकर्ता को अनेक बार एस.डी.ओ. कार्यालय के चक्कर लगाने पड़े, जिससे उन्हें अत्यधिक मानसिक परेशानी हुई।
आयोग ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को निर्देश दिया है कि वह शिकायतकर्ता पर किया गया चार्जबैक निरस्त करे और दिनांक 21 दिसंबर 2018 या विद्युत कनेक्शन की तिथि (जो भी बाद में हो) से 2 रुपये प्रति यूनिट की दर से बकाया सब्सिडी जारी करे। यह समस्त कार्यवाही 28 अप्रैल 2025 तक पूर्ण की जाए।
इसके अतिरिक्त, हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 की धारा 17(1)(एच) के अंतर्गत शिकायतकर्ता को पाँच हजार रुपये की क्षतिपूर्ति दी जाए, जो निगम अपने स्वयं के कोष से देगा और संबंधित दोषी अधिकारियों से वसूली करने के लिए स्वतंत्र रहेगा।