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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर 200 नई अटल श्रमिक किसान कैंटीन की करेंगे शुरुआत

किसानों और मजदूरों को मात्र 10 रुपये प्रति थाली की रियायती दर पर मिलेगा स्वच्छ भोजन

एचएसआईआईडीसी राज्यभर में अपने सभी इंडस्ट्रियल एस्टेट में रियायती भोजन कैंटीन स्थापित करेगा- मुख्यमंत्री

चंडीगढ़, 3 अप्रैल।
सुनील कुमार जांगड़ा.

हरियाणा में 600 रियायती भोजन कैंटीन स्थापित करने के अपने संकल्प पत्र में उल्लिखित प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने पहले चरण में इस साल अगस्त तक 200 नई अटल श्रमिक किसान कैंटीन शुरू करने का निर्णय लिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी 15 अगस्त, 2025 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन कैंटीनों का उद्घाटन करेंगे।

इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया। अटल श्रमिक किसान कैंटीन में किसानों और मजदूरों को मात्र 10 रुपये प्रति थाली की रियायती दर पर स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों का प्रबंधन महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों द्वारा किया जाता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पूरे राज्य में विभिन्न स्थानों पर 175 सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीन संचालित हैं। इनमें श्रम विभाग की 115, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) की 53 और चीनी मिलों की 7 कैंटीन शामिल हैं। इन कैंटीनों का प्रबंधन महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। 200 नई अटल श्रमिक किसान कैंटीनों की स्थापना के साथ प्रदेश में इनकी संख्या बढ़कर 375 हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन कैंटीनों के लिए स्थानों की पहचान करने का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से राज्य में कुल 600 ऐसी कैंटीन खोलने का लक्ष्य रखा गया है।

एचएसआईआईडीसी कैंटीनों के लिए बुनियादी ढांचे को सीएसआर पहलों के माध्यम से विकसित किया जा सकता है

श्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) को राज्यभर में अपने सभी इंडस्ट्रीयल एस्टेटों में सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीन स्थापित करने के निर्देश दिए, ताकि श्रमिकों को सस्ती दरों पर पौष्टिक भोजन मिल सके। मुख्यमंत्री ने यह भी प्रस्ताव दिया कि इन कैंटीनों के लिए बुनियादी ढांचे को कंपनियों की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहलों के माध्यम से विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कई बड़ी कंपनियों ने इस पहल में योगदान देने में रुचि दिखाई है।

उन्होंने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) और श्रम विभाग को इन कैंटीनों की स्थापना के लिए मंडियों और निर्माण स्थलों पर अतिरिक्त स्थानों की पहचान करने और इनका दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने खनन स्थलों पर मजदूरों और कामगारों की सहायता के लिए अटल श्रमिक किसान कैंटीन खोलने का सुझाव भी दिया।

राज्य में संचालित सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों के लिए एक समर्पित पोर्टल स्थापित करें

मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों के लिए एक समर्पित पोर्टल स्थापित करने के निर्देश दिए, ताकि इन कैंटीनों के बारे में जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि इन कैंटीनों में भुगतान क्यूआर कोड के माध्यम से किया जाना चाहिए, जिससे डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिले।

सभी सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों में खाद्य पदार्थों का एक समान मेनू अपनाया जाए

श्री नायब सिंह सैनी ने निर्देश दिए कि राज्यभर में संचालित सभी सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों में खाद्य पदार्थों का एक समान मेनू अपनाया जाए। उन्होंने हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एचएसआरएलएम) को एक मानकीकृत मेनू तैयार करने के निर्देश दिए, जिसमें बाजरे से बने खाद्य पदार्थ भी शामिल हों। इसके अतिरिक्त, उन्होंने इन कैंटीनों में नाश्ता उपलब्ध कराने के महत्व पर बल दिया तथा मजदूरों और किसानों को इडली और डोसा जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन परोसने का सुझाव दिया।

बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव डी. सुरेश, श्रम विभाग के प्रधान सचिव राजीव रंजन, विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) के मुख्य प्रशासक मुकेश कुमार आहूजा, श्रम आयुक्त मनी राम शर्मा, एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक सुशील सारवान, उद्योग विभाग के मुख्य समन्वयक सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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डीसी और एसडीएम प्रतिदिन व्यक्तिगत रूप से समाधान शिविर में उपस्थित होकर जनता की शिकायतों का मौके पर करें समाधान – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने समाधान शिविर में जनता से की बातचीत, लोगों की संतुष्टि के स्तर के बारे में प्रत्यक्ष रूप से फीडबैक लिया

मुख्यमंत्री ने शिकायतों का समय पर समाधान सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

राज्य सरकार का उद्देश्य लोगों के जीवन को आसान बनाना है – नायब सिंह सैनी

चंडीगढ़, 3 अप्रैल।
सुनील कुमार जांगड़ा.

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला और उपमंडल स्तर पर आयोजित समाधान शिविरों में जनता से बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने लोगों की संतुष्टि के स्तर के बारे में प्रत्यक्ष रूप से जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों और उपमंडल मजिस्ट्रेटों (एसडीएम) को भी प्रतिदिन व्यक्तिगत रूप से शिविर में उपस्थित होकर लोगों की शिकायतों का मौके पर ही समाधान करने के निर्देश दिए, ताकि शिकायतों का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित हो सके। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों और एसडीएम से प्राप्त शिकायतों, निपटाई गई शिकायतों और लंबित शिकायतों की संख्या के बारे में भी जानकारी हासिल की। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अक्टूबर से मार्च 2025 तक सभी जिलों में समाधान शिविरों में प्राप्त 18,925 शिकायतों में से 10,955 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है, 6,639 लंबित हैं और 1,331 को खारिज कर दिया गया है। इसी प्रकार, राज्यभर में शहरी स्थानीय निकायों में आयोजित समाधान शिविरों में प्राप्त 8,635 शिकायतों में से 5,761 का समाधान किया जा चुका है, 1,813 लंबित हैं और 1,061 को खारिज कर दिया गया है।

विभिन्न विभागों से संबंधित जन शिकायतों का एक ही स्थान पर समाधान करने के लिए लगाए जा रहे समाधान शिविर

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि विभिन्न विभागों से संबंधित जन शिकायतों का एक ही स्थान पर समाधान सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने जिला एवं उपमंडल मुख्यालय स्तर पर समाधान शिविर शुरू किए हैं। ये शिविर प्रत्येक कार्य दिवस में प्रातः 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित किए जाते हैं। इन शिविरों में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहते हैं, ताकि अपने-अपने विभागों से संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान किया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि समाधान शिविरों के संबंध में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग राज्य सरकार की इस पहल का लाभ उठा सकें।

मुख्यमंत्री ने जिलों में लंबित शिकायतों का लिया संज्ञान

मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में शिकायतों के लंबित रहने का कड़ा संज्ञान लेते हुए उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर सप्ताह में एक बार इन शिकायतों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करें, ताकि लंबित मामलों की संख्या शून्य हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नीतिगत निर्णयों से जुड़ी शिकायतों को मुख्य सचिव कार्यालय को भेजा जाना चाहिए, जहां उनके समाधान के लिए सरकार के स्तर पर निर्णय लिए जा सकते हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य लोगों के जीवन को आसान बनाना है, ताकि उन्हें अपने काम करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़ें।

यदि शिकायतकर्ताओं को एक ही मुद्दे के लिए बार-बार समाधान शिविरों में जाना पड़ता है तो अधिकारी जवाबदेह होंगे

मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि जिला स्तर के अलावा उप-मंडल मुख्यालयों पर भी नियमित रूप से समाधान शिविर आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि एसडीएम के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी भी इन शिविरों में मौजूद रहें, ताकि उनके विभागों से संबंधित जन शिकायतों का तुरंत समाधान सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि यदि शिकायतकर्ता को एक ही मुद्दे के लिए बार-बार समाधान शिविरों में जाना पड़ता है तो इसके लिए अधिकारी जवाबदेह होंगे।

मुख्यमंत्री ने समाधान शिविरों में लोगों से किया संवाद

मुख्यमंत्री ने जिला एवं उपमंडल मुख्यालयों पर आयोजित समाधान शिविरों में लोगों से संवाद किया तथा उपस्थित लोगों से फीडबैक लिया। संवाद के दौरान, रोहतक में समाधान शिविर में आई एक महिला ने एक निजी स्कूल द्वारा धारा 134-ए के तहत बच्चे के दाखिले के लिए फीस मांगने की शिकायत की। इस पर मुख्यमंत्री ने उपायुक्त को शिकायतकर्ता की सहानुभूतिपूर्वक सुनवाई करने तथा मामले की गहन जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने उपायुक्त को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जिले का कोई भी स्कूल इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त न हो।

पानीपत में समाधान शिविर में अपने राशन कार्ड से संबंधित शिकायत लेकर आए एक प्रवासी मजदूर से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने “एक राष्ट्र- एक राशन कार्ड” योजना पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह योजना प्रवासी मजदूरों तथा उनके परिवारों को देशभर में किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाती है।
एक अन्य मामले में, यमुनानगर के बिलासपुर में समाधान शिविर में आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को बताया कि कई प्रयासों के बावजूद, वह अपनी फसल के नुकसान का विवरण ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने में असमर्थ है। इस पर श्री नायब सिंह सैनी ने बिलासपुर के एसडीएम को निर्देश दिए कि वे इस मुद्दे को वित्त आयुक्त, राजस्व के समक्ष उठाएं और सुनिश्चित करें कि इसका जल्द से जल्द समाधान हो। मुख्यमंत्री ने शिकायतों की स्थिति के बारे में डबवाली के एसडीएम से भी फीडबैक मांगा और उन्हें सीवरेज, बिजली, सिंचाई, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी और किसान क्रेडिट कार्ड से संबंधित सभी मुद्दों को तुरंत हल करने के निर्देश दिए।
पानीपत में समाधान शिविर में शिकायतों की अधिक संख्या और बड़ी संख्या में लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए, मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने निर्देश दिए कि एक वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही स्थिति का आकलन करने के लिए पानीपत का दौरा करेंगे ताकि इस दिशा में उचित कदम उठाए जा सकें।
बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, सूचना जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक के मकरंद पांडुरंग, विशेष सचिव निगरानी एवं समन्वय श्रीमती प्रियंका सोनी, संयुक्त सचिव निगरानी एवं समन्वय प्रकोष्ठ श्रीमती मीनाक्षी राज और मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती उपस्थित थे।

By HUWeb

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