Skip to content

Haryana Uday News

Menu
  • Latest
  • हेल्थ न्यूज़
  • फरीदाबाद
  • क्राइम न्यूज़
  • देश-दुनिया
  • Uncategorized
Menu

प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री द्वारा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सौंपा मांगपत्र:डॉ एस पी अग्रवाल

Posted on April 2, 2025

प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के उद्योगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे तथा सुझाव

गुरुग्राम.2 अप्रैल।
सुनील कुमार जांगड़ा.

प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री,के चेयरमैन दीपक मैनी ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को विभिन्न स्तर पर मांग पत्र सोपा जिसमें इंडस्ट्रियल प्लॉट्स आवंटन :उन औद्योगिक समूहों/लघु उद्योगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जिनकी इकाइयां 5 साल से अधिक समय से चल रही हैं या जो पहले से उद्योग चला रहे हैं या किराए के परिसर में काम कर रहे हैं । उन्हें सस्ती दर पर प्लॉट्स आवंटित किए जाए, पहले यही व्यवस्था थी, लेकिन पिछले कुछ समय से व्यवस्था बदल गई है और ई-नीलामी शुरू हो गई है, जिससे जरूरतमंद वंचित रह जाते हैं और प्रॉपर्टी डीलर और निवेशक प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेते हैं, जो गलत प्रथा है। उद्योगों के विस्तार और विकास के लिए यह बहुत जरूरी है। क्योंकि औद्योगिक इकाइयां न केवल सरकार को राजस्व देती हैं, बल्कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार देकर राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं ।

अगली कड़ी में पीएफटीआई राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन डॉ. एस. पी. अग्रवाल ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों से शराब के ठेके हटाना:औद्योगिक क्षेत्रों में शराब के ठेकों की उपस्थिति न केवल कार्यक्षेत्र की गरिमा को प्रभावित करती है, बल्कि यह दुर्घटनाओं और विवादों को भी जन्म देती है। कई श्रमिक ड्यूटी के समय या लंच ब्रेक के दौरान शराब का सेवन करते हैं, जिससे उनकी उत्पादकता में कमी आती है और सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ती हैं। ऐसे में औद्योगिक क्षेत्रों से शराब के ठेकों को तुरंत हटाने का निर्णय लिया जाना चाहिए ।

उद्योगों में पुलिस की गैर जरूरी दखलअंदाजी बंद की जाए :
अगर किसी उद्योग का कोई कर्मचारी पुलिस थाने जाता है तो मालिक को अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है, जबकि मालिक का इसमें कोई दखल नहीं होता और कई बार तो यह पुलिस का मामला भी नहीं होता, लेकिन फिर भी पुलिस मालिक पर थाने में आने का अनावश्यक दबाव बनाती है । अगर लेबर से जुड़ी कोई समस्या है, तो उसके लिए लेबर डिपार्टमेंट है । अगर कोई आपराधिक गतिविधि है तो अलग बात है, पूछताछ या सहयोग के लिए बुलाया जा सकता है, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी इस संबंध में अधिसूचना जारी की है, ताकि प्रधानमंत्री के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के सपने को पूरा करने में कोई बाधा न आए । ऐसी अधिसूचना हरियाणा सरकार को भी जारी करनी चाहिए ।

उद्योगों के विकास के लिए उद्योग कल्याण बोर्ड का गठन :
उद्योगपतियों की समस्याओं के समाधान तथा उनके कारोबार को बढ़ाने में मदद के लिए एक बोर्ड का गठन किया जाना चाहिए, इस बोर्ड के जो भी प्रतिनिधि हो वह औद्योगिक इकाइयों से संबंधित ही होने चाहिए, उद्योगों की सहायता के लिए प्रत्येक शहर में एक सपोर्ट सेंटर स्थापित किया जाए । जो उद्योगों से जुड़े प्रश्नों, समस्याओं के निवारण और मार्गदर्शन के लिए एक संपर्क बिंदु के रूप में कार्य कर सके और उन चुनौतियों को समझने में मदद मिल सके जिसका सभी वर्तमान में सामना कर रहे हैं । उद्योगपतियों को निर्यात को बढ़ावा देने में आ रही समस्याओं तथा सरकार द्वारा समय-समय पर चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा सके ।
नगर निगम में उद्योग प्रतिनिधियों की भागीदारी:
गुरुग्राम जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में नगर निगम के निर्णयों का उद्योगों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में, हर नगर निगम में औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों को मनोनीत पार्षद के रूप में नामांकित करना चाहिए, ताकि उद्योगों की समस्याओं और जरूरतों को सीधे नगर निगम के सामने रखा जा सके और उनका समाधान हो सके।

गुरुग्राम नगर निगम की कार्य प्रणाली में सुधार लाना :
नगर निगम की कार्यप्रणाली में सुधार लाना बहुत जरूरी है । इसके लिए हर काम के लिए समय सीमा तय होनी चाहिए और अगर काम समय पर नहीं होता है तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होनी चाहिए । स्थानीय समस्याओं के समाधान के लिए एक ऐप बनाया जाए जिसके माध्यम से विभागों के विरुद्ध शिकायत की जा सके तथा समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जाए कि समस्या का समाधान हुआ है या नहीं। यदि समाधान नहीं हुआ है तो इसका कारण क्या है ।

सफाई व्यवस्था को ठीक करना :
कचरा निस्तारण समस्या के समाधान के लिए व्यापक खाका तैयार किया जाना चाहिए, अभी तक सारा काम सिर्फ कचरा एकत्र कर उसे दूसरी जगह डंप करने पर ही केंद्रित रहा है । जैसे सिंगापुर में कचरे से बड़ी मात्रा में बिजली बनाई जाती है, उसी तरह की परियोजना यहां भी शुरू की जा सकती है, हालांकि सिंगापुर की जनसंख्या बहुत कम है और उपलब्ध कचरा भी हमारी तुलना में मात्रा में बहुत कम होगा, लेकिन यहां कई ऐसी परियोजनाएं शुरू की जा सकती हैं जो शहर को बहुत अधिक बिजली भी प्रदान कर सकती हैं । जब तक इसके निस्तारण के लिए किसी परियोजना पर काम नहीं किया जाएगा, तब तक न तो कचरे की समस्या का समाधान होगा और न ही प्रदूषण को रोकना संभव होगा ।

बिजली व्यवस्था को ठीक करना :
सभी औद्योगिक क्षेत्रों में डी एच बी वी एन का बुनियादी ढांचा बहुत पुराना है और इस कारण मेंटेनेंस और पेड़ों की छटाई के नाम पर लंबे समय तक बिजली कटौती की जाती है। हमारा सुझाव है कि औद्योगिक क्षेत्र की बिजली लाइनों की मरम्मत के लिए अत्याधुनिक पेड़ों की छटाई वाली मशीनें खरीद कर बिजली विभाग को दी जाएं ताकि 4 घंटे की बिजली कटौती को 1 घंटे तक सीमित किया जा सके ।

मेट्रो परियोजनाओं का कार्य शुरू करना :
हुडा सिटी सेंटर से सेक्टर 37 तक मेट्रो परियोजना का कार्य लंबे समय से रुका हुआ है । यह परियोजना न केवल उद्योगों के लिए परिवहन सुविधाओं को सुगम बनाएगी, बल्कि ट्रैफिक जाम की समस्या को भी काफी हद तक हल करेगी। इस परियोजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए ।

उद्योगों के लिए फायर एनओसी के नियमों को आसान बनाया जाए :
फायर उपकरण लगाना अनिवार्य होना चाहिए, नगर निगम या हुडा विभाग से अनावश्यक स्वीकृति NOC की प्रथा को समाप्त किया जाना चाहिए, नगर निगम या हुडा विभाग की अनावश्यक स्वीकृति एन ओ सी के कारण लोग फायर सेफ्टी उपकरण नहीं लगाते हैं, क्योंकि ये विभाग फायर एनओसी देने में इतने नियम-कायदे लगा देते हैं कि व्यापारी इसे अनावश्यक झंझट समझकर पीछे हट जाता है।जबकि यदि फायर सेफ्टी उपकरण लगा हो तो व्यक्ति अपने साथ-साथ आस-पड़ोस को भी सुरक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है ।

औद्योगिक क्षेत्र में इंडस्ट्रियल क्लब / सामुदायिक केंद्र बनाये जाएँ :
जहां औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि आपस में बैठकर सरकार द्वारा उद्योगपतियों के लिए बनाई गई नीतियों और जागरूकता कार्यक्रमों पर चर्चा कर सकेंगे । यदि औद्योगिक क्षेत्र में सरकार द्वारा कोई औद्योगिक क्लब या सामुदायिक केंद्र बनाया जाता है, तो उद्योगपति अच्छे माहौल में देश-विदेश के खरीदारों के साथ बैठकर बातचीत कर सकेंगे । यदि हर औद्योगिक क्षेत्र में इस तरह का क्लब/ सामुदायिक केंद्र बनाया जाता है, तो श्रमिकों और उद्योगों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम एक निश्चित स्थान पर आयोजित किए जा सकेंगे । ये क्लब / सामुदायिक केंद्र उद्योगों से जुड़े लोगों के लिए मनोरंजन का साधन भी बनेंगे । अपने खाली समय में इस क्षेत्र के उद्योगों से जुड़े लोग इन क्लब/ सामुदायिक केंद्र में इनडोर गतिविधियों का लाभ भी उठा सकेंगे ।
हम आशा करते हैं कि आपके सहयोग से प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री द्वारा दिए गए सुझावों पर अमल किया जाएगा और इन सुझावों पर सकारात्मक कार्यवाही होगी ।

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

  • सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना
  • समाधान शिविरों से मिल रही सीधी राहत : डीसी विक्रम सिंह- लघु सचिवालय में आयोजित जिला स्तरीय समाधान शिविर में डीसी विक्रम सिंह ने सुनी नागरिकों की समस्याएं- नागरिकों द्वारा मुख्य रूप से पीपीपी आईडी में इनकम में त्रुटि तथा मेंबर जोड़ने से सम्बंधित, राशन कार्ड, अवैध अतिक्रमण, पुलिस विभाग, बिजली विभाग से सम्बंधित समस्याएं मिली
  • आईटीआई प्रिंसिपल भगत सिंह व इंचार्ज प्रेम चंद को हरियाणा गौरव सम्मान से नवाजा
  • विवाहिता की तेजधार हथियार से हत्या मामले में हसनपुर थाना पुलिस ने मुख्य आरोपी दबोचा:पुलिस प्रवक्ता
  • साइबर फ्रॉड की तत्काल सूचना देने के लिए डायल करें 1930 : डीसी

Recent Comments

No comments to show.

Archives

  • October 2025
  • September 2025
  • August 2025
  • July 2025
  • June 2025
  • May 2025
  • April 2025
  • March 2025
  • February 2025
  • January 2025
  • December 2024
  • November 2024
  • October 2024
  • September 2024
  • August 2024
  • July 2024
  • June 2024
  • May 2024
  • April 2024
  • March 2024
  • February 2024
  • January 2024
  • December 2023
  • November 2023
  • October 2023
  • September 2023
  • August 2023
  • July 2023
  • June 2023
  • May 2023
  • April 2023
  • March 2023
  • February 2023
  • January 2023

Categories

  • Delhi NCR
  • faridabad
  • Uncategorized
  • कुरुक्षेत्र
  • क्राइम न्यूज़
  • देश-दुनिया
  • नूँह/तावड़ू
  • फरीदाबाद
  • विचार
  • हेल्थ न्यूज़
©2025 Haryana Uday News | Design: Newspaperly WordPress Theme