वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश चंद्र शर्मा सहित गणमान्य लोग शामिल रहे

नई दिल्ली.28 दिसंबर।
सुनील कुमार जांगड़ा..
दिल्ली में स्थित डॉ.भीमराव अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के”भीम ऑडिटोरियम” में देशभर से आए प्रतिष्ठित और उनके चाहने वाले कला जगत के लोगों ने स्वर्गीय श्रीराम वन्जी सुतार को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। कार्यक्रम का शुभारंभ परिवारजनों ने दीप प्रज्वलित कर किया। सभागार में श्रीराम वन्जी सुतार की सुंदर प्रतिमा सफेद सुंदर फूलों से सुसज्जित थी जो उनकी शतायु संत और सहज जीवन की संज्ञा को चरितार्थ कर रही थी। विश्व की हजारों मूर्तियों को मूर्त रुप देकर उनको जीवंतता देने वाले पद्मभूषण श्रीराम के मुख मंडल पर उनकी सहजता के साथ गरिमा पूर्ण भाव आज भी प्रतिबिंबित हो रहा था, खचाखच भरे सभागार में उनके चाहने वाले बड़ी आत्मीयता से उनके जीवन में किए गए महान कार्यों को उनके जीवन पर बनी एक छोटी सी सुंदर फिल्म भावुकता से देख रहे थे। उनके शिष्य और उनसे जुड़े लोग अपनी नम आंखों से उनके द्वारा किए गए उस महान सृजन को याद कर रहे थे जो किसी एक जीवन में करना संभव नहीं था। अपने गुरु समान पिता को अपने सजल नेत्रों से पुत्र डॉ. अनिल राम सुतार ने पूज्य पिताजी से सीखे गए कार्यों और उनके साथ बिताए गए भावुक पलों को याद किया और उनके द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को अपनी ताकत बनाकर आगे उनकी विरासत को बढ़ाने का संकल्प लिया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक संदेश में कहा कि श्रीराम वन्जी सुतार की सृजनशील प्रतिभा और समर्पण ने भारतीय कला को वैश्विक मंच पर पहचान दी, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी सहित अनेकों स्मारक केवल शिल्प कृतियां नहीं बल्कि भारत के इतिहास, संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना की सशक्त अभिव्यक्ति हैं। श्रीराम सुतार ने अपने दीर्घ और समर्पित जीवन में उनकी कृतियों में निहित संवेदना, साधना और राष्ट्रवाद आने वाली पीढ़ियों को निरंतर प्रेरणा देता रहेगा उनके साथ हुई बातचीत सदैव मेरी यादों में रहेगी उनके जाने से भारतीय कला जगत ने एक अद्भुत कलाकार खो दिया वो हमेशा अपनी कला कृतियों के साथ लोगों के दिल में रहेगें उनसे जुड़ी स्मृतियां, विचार और जीवन मूल्य सदैव परिवार को दिशा प्रदान करते रहेंगे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने भेजे गए शोक संदेश में कहा कि पद्मभूषण से अलंकृत श्रीराम वन्जी सुतार भारतीय मूर्ति कला के ऐसे अप्रतिम साधक थे जिन्होंने अपनी शिल्प कला,सृजन शक्ति से राष्ट्रभाव और संस्कृति को मूर्त स्वरूप प्रदान किया है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के प्रमुख शिल्पकार के रूप में उन्होंने सरदार बल्लभ भाई पटेल विराट व्यक्तित्व को विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में अमर कर दिया जो राष्ट्रीय एकता का वैश्विक प्रतीक बन गई। संसद और देश विदेश में लगी देश की महान विभूतियों की प्रतिमाओं में अपनी सूक्ष्म अभिव्यक्ति,यथार्थवाद और भाव गहनता का प्रदर्शन अद्वितीय रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने शोक संदेश पत्र में पद्म भूषण श्रीराम सुतार के निधन को विश्व कला जगत के लिए बड़ी क्षति बताया उन्होंने कहा कि बहुत से पूर्व राष्ट्रपतियों ने उनको अपने हाथों से सम्मानित किया उन्होंने कहा कि उनके द्वारा निर्मित कई मूर्तियां राष्ट्रपति भवन की गैलरी को सुशोभित कर रहीं हैं। पूर्व कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने अपने शोक संदेश में श्रीराम वन्जी सुतार के निधन को एक अपूर्णीय क्षति बताया उन्होंने कहा कि हमने एक ऐसे शिल्पकार को खो दिया जो भारत की महान विभूतियों की प्रतिमाओं को उनके व्यक्तित्व के साथ जीवंत करते थे पद्म विभूषण मुरली मनोहर जोशी ने अस्वस्थ होने पर श्रद्धांजलि सभा में अपनी उपस्थिति में असमर्थता व्यक्त करते एक शोक संदेश पत्र भेजकर कहा कि मैं पद्म श्री और पद्म भूषण श्रीराम वन्जी सुतार के निधन से आहत हूं मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास अठावले ने श्रद्धांजलि सभा में अपने संबोधन में उनको एक अद्वतीय और महान शिल्पकार बताकर नमन किया पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि पद्मभूषण श्रीराम वन्जी सुतार ने अपनी असाधारण शिल्पकला से देश के साथ पूरे विश्व में अपनी ख्याति अर्जित की स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माता सुतार का जाना भारतीय शिल्प जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री रामआसरे विश्वकर्मा ने महान शिल्पकार श्रीराम सुतार के निधन को विश्वकर्मा समाज के साथ साथ देश की अपूर्णीय क्षति बताया सभागार में उनके चाहने वालों ने अपनी नम आंखों से उनको याद करते हुए उनके साथ बिताए भावुक पलों को याद किया मारवाह स्टूडियो के चेयरमैन डॉ. संदीप मारवाह ने श्रीराम सुतार द्वारा विभिन्न संस्थानों के लिए किए गए उनके मूल्यवान योगदान को शत-शत प्रणाम करते हुए अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए पूर्व कुलपति पी सी पतांजली व वरिष्ठ पत्रकार दिनेश गौड़ ने भी श्रीराम सुतार को के महान कार्यों को याद करते हुए सरकार से मांग की कि पद्मभूषण श्रीराम वन्जी सुतार के नाम से एक बहुत बड़ा संस्थान बने जो पूरे विश्व को भारतीय कला और संस्कृति का संदेश वाहक हो।
इस दौरान राजस्थान से पधारे वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश चंद्र शर्मा सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे। इस दौरान पत्रकार शर्मा ने कहा कि डॉ. सुतार एक प्रसिद्ध मूर्तिकार थे जिन्हें पद्मभूषण, टैगोर अवार्ड और महाराष्ट्र भूषण से अलंकृत किया गया था।
इस अवसर पर आयोजित प्रार्थना सभा में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिसमें भारतीय कला जगत के अनेकों लोग थे विभिन्न विधाओं से आने वाले लोगों ने उनको अपनी अपनी श्रद्धांजली अर्पित की पौत्र समीर सुतार ने उनके बहुमूल्य मार्गदर्शन आशीर्वाद को अपनी नम आंखों से याद किया श्रीराम सुतार की सु:पौत्री सोनाली सुतार ने अपनी अश्रुपूर्ण आंखों से अपने प्रिय दादा को याद किया उस पल सभागार में भावुकता में सभी की आंखे सजल रूप से श्रीराममयी हो गईं। सभा में सदी के महान शिल्पकार पद्म श्री और पद्म भूषण डॉ. राम वन्जी सुतार की कलात्मक विरासत और उनके योगदान को याद किया गया। डीडी समाचार से जुड़ीं दीक्षा ने अपने कुशल और भावुक शब्दों से मंच संचालन कर सबका मन जीत लिया। श्रद्धांजलि सभा को भजन गायक अंकुर वत्रा ने बेहतरीन और श्रीराम वन्जी सुतार के प्रिय भजन गाकर सबका मन मोह लिया।
श्रद्धांजली सभा के समापन पर सभी लोगों ने श्रीराम वन्जी सुतार की आत्मिक शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की और अंत में डॉ. अनिल राम सुतार ने सभी का धन्यवाद कर शोक सभा का समापन किया।