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फरीदाबाद, 18 नवंबर।
सुनील कुमार जांगड़ा.

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, फरीदाबाद ने वरिष्ठ नागरिक क्लब, सेक्टर-21ए और वरिष्ठ नागरिक फोरम, सेक्टर-7, फरीदाबाद में दो विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किए। इन शिविरों में “वरिष्ठ नागरिक एवं माता-पिता भरण-पोषण तथा कल्याण अधिनियम, 2007” के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संदीप गर्ग के दिशा-निर्देशानुसार तथा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रितु यादव की देख-रेख में आयोजित किया गया।

शिविर में सीजेएम रीतु यादव ने बताया कि यह कानून वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और देखभाल के लिए बनाया गया है। उन्होंने समझाया कि माता-पिता या वरिष्ठ नागरिक आवश्यकता पड़ने पर अपने बच्चों से भरण-पोषण मांग सकते हैं, और कानून उन्हें पूरा अधिकार देता है कि वे अपनी शिकायतें आसानी से प्रस्तुत कर सकें।
उन्होंने खास तौर पर धारा 23 के बारे में बताया। इस धारा के अनुसार यदि कोई वरिष्ठ नागरिक अपनी संपत्ति बच्चों के नाम इस उम्मीद से कर देता है कि वे उसकी देखभाल करेंगे, और बाद में बच्चे अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं करते, तो ऐसी स्थिति में वरिष्ठ नागरिक उस संपत्ति के हस्तांतरण को रद्द कराने का अधिकार रखते हैं। यानी माता-पिता या वरिष्ठ नागरिक अपनी सुरक्षा और सम्मान के लिए कानूनी कदम उठा सकते हैं।
इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य यह था कि वरिष्ठ नागरिक अपने अधिकारों के बारे में जानें, यह समझें कि कानून किस तरह उनकी मदद करता है, और जरूरत पड़ने पर वे कहाँ और कैसे सहायता प्राप्त कर सकते हैं। उपस्थित वरिष्ठ नागरिकों ने कार्यक्रम की सराहना की और इसे बहुत उपयोगी बताया।

By HUWeb

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