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मुख्यमंत्री ने खनन एवं भू विज्ञान विभाग के अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

विभिन्न खनन एजेंसियों पर बकाया राशि की रिकवरी के दिए निर्देश

चंडीगढ़, 23 जून।
बिजेंद्र फौजदार.

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य में अवैध खनन पर पूर्णतः अंकुश लगाने के उद्देश्य से खनन एवं भू विज्ञान विभाग के अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि खनन क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। अवैध खनन में संलिप्त पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां खनन एवं भू विज्ञान विभाग के अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में खनन एवं भू विज्ञान मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार भी मौजूद रहे।

श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि खनन एजेंसियों द्वारा राज्य सरकार को समय पर राजस्व प्राप्त हो, इसके लिए आगामी तीन महीनों में बकाया राशि की पूर्ण वसूली सुनिश्चित की जाए। साथ ही, अवैध खनन पर पूर्णतः अंकुश लगाने के लिए भी लगातार पेट्रोलिंग व निगरानी गतिविधियों को बढ़ाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग ने वर्ष 2025-26 के लिए 1400 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया है, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि किसी भी खनन एजेंसी का एक माह का भी बकाया नहीं रहना चाहिए। बकाया होने की‌ स्थिति में एजेंसी को नोटिस जारी किया जाए, यदि उसके बाद भी वह बकाया राशि जमा नहीं करवाते तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने एक उच्च स्तरीय समिति के गठन के निर्देश दिए जो निलंबित खानों के कारणों और आगे की कार्रवाई पर रिपोर्ट देगी। साथ ही जिन खानों की नीलामी हो चुकी है लेकिन खनन कार्य शुरू नहीं हुआ, वहां की प्रक्रियाएं शीघ्र पूरी करने के भी निर्देश दिए।

बैठक के दौरान खनन एवं भू विज्ञान विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री टी एल सत्यप्रकाश ने विभाग की कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए बताया कि खनन कि विभाग द्वारा अवैध खनन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। इसके तहत 1 अप्रैल 2024 से 11 जून 2025 तक अवैध खनन में संलिप्त 3274 वाहनों को जब्त कर उनसे 13.50 करोड़ रुपये की जुर्माना राशि वसूल की गई है।

बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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काग़ज़ नहीं, ज़मीन पर उतरे एमडी, पानीपत थर्मल में बारीकी से लिया हर विभाग का जायज़ा

एमडी का ग्राउंड विजिट बना संकेत, पानीपत थर्मल में जल्द जुड़ सकती हैं नई यूनिटें

चंडीगढ़, 23 जून – हरियाणा पावर जनरेशन निगम लिमिटेड (एचपीजीसीएल) के नव नियुक्त प्रबंध निदेशक साकेत कुमार ने कार्यभार संभालने के महज 11 दिन के भीतर ही पानीपत थर्मल पावर स्टेशन का स्थलीय निरीक्षण कर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल बैठकों और फाइलों तक सीमित नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत को परखने वाले सक्रिय और परिणामोन्मुखी अधिकारी हैं।

उन्होंने एक-एक यूनिट, एक-एक प्रणाली को स्वयं जाकर देखा, परखा और अधिकारियों से सीधे संवाद कर समस्याओं और संभावनाओं की थाह ली। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने यह भी स्पष्ट संकेत दिया कि पानीपत थर्मल में यूनिट संख्या 9 व 10 की स्थापना की योजना अब केवल कागज़ों तक सीमित नहीं, बल्कि धरातल पर उतारने की दिशा में बढ़ रही है। उनका यह दौरा थर्मल पावर स्टेशन के लिए ऊर्जा, अनुशासन और बदलाव की एक नई लहर लेकर आया है।

दोपहर में एमडी साकेत कुमार थर्मल स्टेशन के फील्ड हास्टल पहुंचे, जहां मुख्य अभियंता सूरजभान व अन्य अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।

इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ विस्तार से प्रदर्शन की समीक्षा, वित्तीय विवरण और तकनीकी प्रणाली पर चर्चा की। उन्होंने संतुलित बजट, उत्पादन आंकड़े, और आवश्यक सुधारों को लेकर दिशा-निर्देश भी दिए।

पौधारोपण, पर्यावरण के प्रति दिखाई संवेदनशीलता-

बैठक के बाद उन्होंने फील्ड हास्टल परिसर में पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। यह प्रतीकात्मक कार्य उनकी ज़मीनी सोच और जागरूकता को दर्शाता है।

हर यूनिट, हर प्रणाली का प्रत्यक्ष अवलोकन-

वे यूनिट संख्या 7 (250 मेगावाट क्षमता) के नियंत्रण कक्ष पहुंचे, जहां अधीक्षण अभियंता एस.के. बजाज से उन्होंने विद्युत उत्पादन की तकनीकी जानकारी प्राप्त की। खास बात यह रही कि जब एसई ने उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठने के लिए आमंत्रित किया, तो उन्होंने स्वयं बैठने से मना कर सामने रखी कुर्सी पर बैठ चर्चा की। यह उनकी सरलता और सहयोगी नेतृत्व की मिसाल रही।

वे यूनिट नम्बर 6 (210 मेगावाट) पहुंचे और वहां की कार्यप्रणाली को गहराई से समझा।

प्रस्तावित यूनिट संख्या 9 और 10 की साइट पर पहुंचे, जहां उन्होंने वहां पूर्व में लगी 1 से 4 नंबर इकाइयों के स्थान का अवलोकन किया और प्रस्तावित योजना का नक्शा देखा। अधिकारियों से नए निर्माण की प्रक्रिया पर चर्चा की।

वे कोयला प्रबंधन संयंत्र (कोल हैंडलिंग प्लांट) पहुंचे, जहां उन्होंने लगभग आधे घंटे तक रुककर कोयले की आपूर्ति, कोयला उतारने की प्रक्रिया और टिपर प्रणाली का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने यूनिट 7-8 की साइलो प्रणाली का निरीक्षण किया और वहां पर कोयले के भंडारण व प्रवाह को समझा। वह रॉ वाटर पंप पर पहुंचे, जहां उन्होंने पोंड से मिट्टी हटाने (डी-सिल्टिंग) का कार्य होते देखा।

इसके बाद वह राख झील पहुंचे और राख उठाने की प्रणाली का अवलोकन किया।

मीडिया संवाद:

फील्ड हास्टल में मीडिया से बातचीत में एमडी साकेत कुमार ने प्रदेश की विद्युत आवश्यकताओं, थर्मल पावर स्टेशन की चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर अपने विचार साझा किए।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में विद्युत खपत 13 हजार मेगावाट से ऊपर जा चुकी है और आने वाले समय में यह 15 हजार तक पहुंचने की संभावना है। बिजली की खरीद के लिए अलग अधिकारी नियुक्त हैं। हमारी ज़िम्मेदारी है कि हमारे उत्पादन संयंत्र सुचारू रूप से कार्य करें। यदि हम अपने स्तर पर काम ईमानदारी से करें तो हरियाणा के लोगों को उचित समय पर बिजली मिलती रहेगी।”

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हरियाणा में महिला सुरक्षा के लिए सार्वजनिक परिवहन वाहनों में लगेगा वाहन स्थान ट्रैकिंग डिवाइस

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

सड़क सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री ने दिए कड़े निर्देश, वैज्ञानिक अध्ययन कर दुर्घटनाओं के कारणों की होगी पहचान

चंडीगढ़, 23 जून – हरियाणा सरकार ने राज्य में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए प्रदेश के सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों को वाहन स्थान ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) से युक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आज यहां हुई परिवहन विभाग की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस योजना को समयबद्ध ढंग से लागू किया जाए और टाइमलाइन तय की जाए। उन्होंने कहा कि विभागवार या जिलावार लक्ष्य निर्धारित करके इस कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इस प्रणाली को आपातकालीन प्रणाली 112 सेवा के साथ एकीकरण भी किया जाए। यह पहल राज्य में महिलाओं के लिए सुरक्षित यातायात व्यवस्था स्थापित करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।

बैठक में बताया गया कि वीएलटीडी प्रणाली सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्भया फ्रेमवर्क के अंतर्गत विकसित की गई है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुरक्षित, पारदर्शी और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है, जो वास्तविक समय, स्थान डेटा और आपातकालीन चेतावनी सुविधाएं प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को प्रक्रियाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए।

सड़क सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री ने दिए कड़े निर्देश, वैज्ञानिक अध्ययन कर दुर्घटनाओं के कारणों की होगी पहचान

सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि दुर्घटनाओं के कारणों का वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाए। प्रत्येक दुर्घटना के पीछे सड़क की स्थिति, ओवरस्पीडिंग, आवारा पशु अथवा अन्य संभावित कारणों की गहराई से जांच की जानी चाहिए, ताकि उन खामियों को दूर कर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से स्कूली वाहनों की फिटनेस की भी निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी स्कूल बसों की नियमित जांच हो तथा उनकी तकनीकी स्थिति पर पूरा ध्यान दिया जाए। इसके लिए स्कूल संचालकों की एक बैठक जल्द आयोजित की जाए, जिसमें उन्हें इस बारे स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएं और एक तय समयावधि के बाद निर्देशों का अनुपालन न करने पर बसों का चालान और जब्त किया जाए। बच्चों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि नियमित अंतराल पर रोडवेज के ड्राइवरों से मेडिकल सर्टिफिकेट लिया जाए। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और ड्राइवरों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में उठाया गया है।

राजस्व घाटा कम करने के लिए अन्य विकल्पों की संभावनाएं तलाशी जाएं

राजस्व घाटे की चुनौती से निपटने हेतु मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभिन्न नवाचारों और व्यावसायिक संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अन्य विकल्पों जैसे बसों पर विज्ञापन, पार्सल ट्रांसपोर्टेशन या पीपीपी मोड पर बस स्टैंड की स्थापना इत्यादि की संभावनाएं तलाशी जाएं। इसके अलावा, टूरिस्ट स्पॉट्स के लिए बसों की ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा देने के भी विकल्प तलाशी जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में लोगों की सुविधा के लिए एसी बसों की संख्या और उनके रूट्स की संख्या भी बढ़ाई जाए।

मुख्यमंत्री ने सिटी बस सेवा की समीक्षा करते हुए इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए। साथ ही, चार्जिंग स्टेशनों की भी व्यवस्था की जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि सिटी बस सेवा योजना के तहत 375 ई बसों की खरीद प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा, पीएम ई बस सेवा योजना के तहत भी 250 ई बसों की खरीद के लिए आगामी कार्रवाई में तेजी लाई जा रही है। वर्तमान में 9 शहरों में सिटी बस सेवा संचालित की जा रही है।

बैठक में बताया गया कि राज्य में सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आधुनिक सुविधाओं से युक्त चालक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीडीआर) की स्थापना और विस्तार पर बल दिया जा रहा है। इन संस्थानों का उद्देश्य सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं को बढ़ावा देना, पेशेवर चालकों को प्रशिक्षित करना और यातायात प्रबंधन से जुड़े अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

वर्तमान में बहादुरगढ़, रोहतक, कैथल और करनाल में 4 आईटीडीआर संचालित हैं। इसके अलावा, नूंह, फरीदाबाद और भिवानी में 3 नए आईटीडीआर की स्थापना की प्रक्रिया जारी है। साथ ही, क्षेत्रीय चालक प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) के तहत गुरुग्राम में एक क्षेत्रीय चालक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना पर भी तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के तहत अब तक 20 लाइसेंस प्रदान किए गए हैं, जिनमें से 8 स्कैपिंग सेंटर संचालित हैं। इसके अलावा, स्वचालित परीक्षण स्टेशन (ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन) की स्थापना प्रक्रिया जारी है। 1 अप्रैल 2025 से सभी परिवहन वाहनों की फिटनेस की जांच सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार केवल स्वचालित परीक्षण स्टेशनों से की जाएगी। गुरुग्राम में स्थित पास्को ऑटोमेटेड व्हीकल फिटनेस सेंटर को पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किया गया है।

बैठक में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, परिवहन विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्री टी एल सत्यप्रकाश, परिवहन आयुक्त श्री अतुल कुमार, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक श्री के मकरंद पांडुरंग, स्टेट ट्रांसपोर्ट के महानिदेशक श्री सुजान सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर खेल मंत्री गौरव गौतम ने किए श्रद्धा सुमन अर्पित

गांव चिरवाड़ी में रास्ते के निर्माण कार्य का भी किया शिलान्यास

चंडीगढ़, 23 जून- हरियाणा के खेल, युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता तथा कानून एवं विधायी राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम ने कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी न केवल भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे बल्कि एक राष्ट्र, एक विधान और एक निशान के प्रणेता थे। उन्होंने उपस्थित लोगों को उनके शौर्य, राष्ट्र निष्ठा और वीरता के बारे में बताते हुए उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।

खेल मंत्री सोमवार को पलवल के गांव चिरवाड़ी में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने उपरांत बोल रहे थे।

इसके अलावा खेल राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम ने गांव चिरवाड़ी में रास्ते के निर्माण कार्य का भी शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह मार्ग ग्रामीणों की सुविधा सुगम आवागमन और स्थानीय विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा तेजी से प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है। हमारी सरकार का संकल्प है कि हर गांव तक रास्ते पक्के हो। बेहतर आधारभूत सुविधाएं ग्रामीण स्तर पर भी लोगों को मिलें और बिना भेदभाव के हर क्षेत्र का तेजी से विकास हो।

उन्होंने कहा कि सरकार सभी विधानसभा क्षेत्रों में सबका साथ-सबका विकास की तर्ज पर विकास कार्य कर रही है। आमजन मानस की मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए भविष्य में भी और विकास कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण शुद्धि में अपनी सहभागिता करने के लिए हर एक व्यक्ति एक पेड़ मां के नाम अभियान से जुडक़र अधिक से अधिक पौधारोपण करे और उनका संरक्षण करने का भी संकल्प ले। इसके अतिरिक्त उन्होंने युवाओं से आह्वïन करते हुए कहा कि वे खेलों से जुड़े और नशा से दूर रहें।

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पंचकूला के बुडनपुर और केदारपुर गांव के आंगनवाड़ी केंद्रों में पुस्तकालयों का उद्घाटन

लाइब्रेरी होने से बच्चों में किताबों के प्रति होगी रुचि: सोनिया रस्तोगी

चंडीगढ़, 23 जून — महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पंचकूला जिले के गांव बुडनपुर और गांव केदारपुर के आंगनवाड़ी केंद्रों में पुस्तकालयों का उद्घाटन किया गया। यह पहल राज्य में प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास है। इन पुस्तकालयों का उद्घाटन मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की पत्नी श्रीमती सोनिया रस्तोगी द्वारा किया गया।

इस अवसर पर IAS अधिकारियों की पत्नियों की एसोसिएशन द्वारा 10 सीलिंग फैन, 4 वाटर प्यूरीफायर, हैंड पपेट्स, बिल्डिंग ब्लॉक्स, पशु खिलौने, कहानियों की पुस्तकें, और रंग भरने की किताबें भेंट की गईं। यह योगदान प्रारंभिक बाल शिक्षा को मजबूत करने और आंगनवाड़ी केंद्रों को सीखने के आनंदमय केंद्रों में परिवर्तित करने के उद्देश्य से किया गया जिससे वंचित समुदायों के बच्चे पुस्तकों, खिलौनों और शैक्षणिक सामग्री तक सरलता से पहुंच बना सकें।

श्रीमती सोनिया रस्तोगी ने कहा कि लाइब्रेरी होने से बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ेगी । सोनिया रस्तोगी द्वारा पहले भी पंचकूला जिले में आंगनवाड़ी केंद्रों की मरम्मत और उन्नयन में सहयोग के लिए मदद की जाती रही है। उन्होंने बाल कल्याण सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए विभाग के दृष्टिकोण को पूर्ण समर्थन देने की प्रतिबद्धता फिर से दोहराई।

इस दौरान पूर्व महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग डॉ. ऊषा गुप्ता, श्रीमती ऋतु अग्रवाल, श्रीमती प्रियंका गुप्ता, श्रीमती जूही मीणा और श्रीमती सुभी खत्री भी मौजूद रहीं।

वहीं, केदारपुर गांव के आंगनवाड़ी केंद्र में लाइब्रेरी उद्घाटन के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए गोद भराई कार्यक्रम, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ थीम पर केक काटना, वृक्षारोपण अभियान कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस दौरान आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्री-स्कूल गतिविधियों के लिए “बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट” से बनाई गई शैक्षणिक सामग्री का प्रदर्शन किया और कम लागत वाले पोषणयुक्त व्यंजनों को भी प्रस्तुत किया ताकि स्थानीय समुदाय को स्वस्थ बाल पालन-पोषण के लिए प्रेरित किया जा सके। कार्यक्रम में डॉ. उषा गुप्ता ने मोटे अनाज (मिलेट्स) और अंकुरित अनाज के पोषण लाभों के बारे में जानकारी दी ।

यह पहल भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय तथा हरियाणा सरकार के पोषण अभियान और सक्षम आंगनवाड़ी 2.0 कार्यक्रमों के लक्ष्यों के अनुरूप है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों को “आंगनवाड़ी-कम-प्री-स्कूल” के रूप में विकसित करने की व्यापक रणनीति का भी हिस्सा है जिसके अंतर्गत हरियाणा में 4000 से अधिक केंद्रों को पहले ही उन्नत किया जा चुका है।

इस अवसर पर विभाग की ओर से संयुक्त निदेशक श्रीमती राजबाला कटारिया ने IAS अधिकारियों की पत्नियों की एसोसिएशन के योगदान की सराहना की। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों और प्री-स्कूलों के लिए पंखे, वाटर प्युरीफ़ायर, खिलौने और शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने पर एसोसिएशन का आभार जताया।

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बीएलओ की भूमिका अहम: मतदाता सूची से लेकर वोटर स्लिप वितरण तक निभा रहे जिम्मेदारी— ए.श्रीनिवासन

भारत निर्वाचन आयोग ने बीएलओ के लिए शुरू किया प्रशिक्षण कार्यक्रम, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने किया 13वें बैच का शुभारंभ

चंडीगढ़, 23 जून — हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री ए.श्रीनिवासन ने कहा कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाने में बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) की अहम भूमिका होती है। त्रुटि रहित मतदाता सूची तैयार करवाने से लेकर मतदाता को वोटर स्लिप पहुंचाने तक बीएलओ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं।

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बीएलओ को सशक्त और दक्ष बनाने के लिए नई दिल्ली स्थित भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र चुनाव प्रबंधन संस्थान में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। आज मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने बीएलओ प्रशिक्षण के 13वें बैच का विधिवत शुभारंभ किया। इस बैच में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैंड और चंडीगढ़ के कुल 379 बीएलओ व सुपरवाइजर शामिल हुए।

पिछले 3 महीनों में 5000 से अधिक बीएलओ को मिल चुका है प्रशिक्षण

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि बीते तीन महीनों में देशभर के 5000 से अधिक बीएलओ व सुपरवाइज़रों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। यह प्रशिक्षण जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, मतदाता पंजीयन नियम 1960, चुनाव संचालन अधिनियम 1961 और भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप चुनाव प्रक्रिया को बेहतर तरीके से संचालित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

प्रशिक्षण में तकनीकी दक्षता पर विशेष बल

बीएलओ को प्रशिक्षण के दौरान मतदाता पंजीकरण, फार्मों की समीक्षा और चुनावी प्रक्रिया के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी दी जाती है। प्रशिक्षण में ईवीएम, वीवीपैट, मॉक पोल सहित आईटी उपकरणों के संचालन का तकनीकी प्रदर्शन भी शामिल होता है, जिससे बीएलओ डिजिटल संसाधनों का उपयोग दक्षता के साथ कर सकें।

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हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने सुनीं लोगों की समस्याएं

अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश

चण्डीगढ़, 23 जून — हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण ने आज घरौंडा में हलके के लोगों की समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द निवारण के निर्देश दिए। इसके साथ-साथ कुछ समस्याओं का मौके पर भी समाधान किया।

श्री हरविन्द्र कल्याण ने आज घरौंडा में लोगों की सामूहिक एवं व्यक्तिगत समस्याएं सुनीं। बड़ी संख्या में लोग विभिन्न प्रकार की समस्याएं लेकर पहुंचे थे। उन्होंने हर समस्या को गंभीरता से सुना और उनके निपटारे के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

आम जनता ने राष्ट्रीय राजमार्ग से रेस्ट हाउस को जोड़ने वाले कट को चौड़ा करने, अनाज मंडी में किसानों और जनता के लिए शौचालय बनवाने की मांग भी विधानसभा अध्यक्ष के सम्मुख रखी। गांव वजीदा के लोगों ने सड़क पर जमा होने वाले पानी की समस्या के समाधान के लिए पीडब्ल्यूडी की सड़क के साथ नाला बनवाने, कम्युनिटी हाल बनवाने, पनौड़ी-जमालपुर सड़क पर नाला बनवाने और अमृतपुर के सैनी मोहल्ले में कम्युनिटी सेंटर बनवाने की भी मांग की।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि क्षेत्र वासियों की समस्याओं का समाधान करना, उनकी पहली प्राथमिकता है जो भी व्यक्ति समस्या लेकर आता है, उनका पूरा प्रयास रहता है कि इनका समय पर समाधान करवाया जाए।

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मुख्यमंत्री ने कुलपतियों से युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल विकास कार्यक्रमों पर जोर देने का किया आह्वान

प्रत्येक विश्वविद्यालय को उद्योग भागीदारों के सहयोग से कम से कम 10 प्रतिशत कार्यक्रम चलाने के दिए निर्देश

प्रदेश सरकार प्रत्येक जिले में एक मॉडल कौशल महाविद्यालय और मॉडल कौशल विद्यालय स्थापित करने की बना रही है योजना

उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा राज्य अनुसंधान कोष (एचएसआरएफ) के तहत 20 करोड़ रुपये किए गए आवंटित

मुख्यमंत्री ने हरियाणा विश्वविद्यालयों के नवनियुक्त कुलपतियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की

चंडीगढ़, 23 जून – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के नवनियुक्त कुलपतियों से युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कौशल विकास कार्यक्रमों पर विशेष जोर देने का आह्वान किया है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालयों को शिक्षा और रोजगार के बीच के अंतर को कम करने के लिए उद्योगों के साथ मिलकर काम करना चाहिए। प्रत्येक विश्वविद्यालय को अपने कम से कम 10 प्रतिशत कार्यक्रम औद्योगिक भागीदारों के सहयोग से चलाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस पहल से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ ही विभिन्न उद्योगों की उभरती जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी आज यहां अपने निवास स्थान संत कबीर कुटीर में प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के नवनियुक्त कुलपतियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। विश्वविद्यालयों को राज्य सरकार के पूर्ण मार्गदर्शन, संसाधन और समर्थन का आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को एक ऐसे राज्य में बदलना होगा जो न केवल डिग्री प्रदान करे बल्कि अपने युवाओं को सार्थक दिशा और उद्देश्य भी प्रदान करे।

मॉडल स्किल कॉलेज और मॉडल स्किल स्कूल प्रतिस्पर्धी जॉब-मार्किट की सफलता के लिए विशेष व्यावहारिक शिक्षा करेंगे प्रदान

मुख्यमंत्री ने हरियाणा के प्रत्येक जिले में एक मॉडल स्किल कॉलेज और एक मॉडल स्किल स्कूल स्थापित करने के राज्य सरकार के विजन को रेखांकित किया।

ये संस्थान छात्रों को विशेष कौशल शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, उन्हें प्रतिस्पर्धी जॉब -मार्किट में सफल होने के लिए व्यावहारिक विशेषज्ञता से लैस करेंगे। उन्होंने एक कुशल कार्यबल को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया जो आधुनिक उद्योगों की मांगों के अनुरूप है और हरियाणा के समग्र आर्थिक विकास में योगदान देता है।

श्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के कुलपतियों से हरियाणा को वैश्विक स्तर पर ऊंचा उठाने के लिए संस्थागत रैंकिंग बढ़ाने का आह्वान करते हुए शोध आउटपुट, रोजगार के अवसरों, संस्थागत रैंकिंग और शिक्षा की समग्र गुणवत्ता में सुधार की दिशा में प्रयास तेज करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम करने और निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि कुलपतियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा की उपस्थिति बढ़ाने के लिए अपने-अपने संस्थानों की रैंकिंग और रेटिंग बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। नैतिक नेतृत्व के महत्व पर जोर देते हुए इस बात पर बल दिया गया कि ईमानदारी, निष्पक्षता और गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण के साथ काम करना जरूरी है। यह न केवल अकादमिक उत्कृष्टता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अधिक समावेशी और टिकाऊ संस्थागत संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने शिक्षण संस्थानों में एनईपी 2020 के त्वरित और प्रभावी कार्यान्वयन की तत्काल आवश्यकता पर दिया बल

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने इसे एक ऐतिहासिक दस्तावेज बताया और शिक्षण संस्थानों में इसके त्वरित और प्रभावी कार्यान्वयन की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। श्री सैनी ने कुलपतियों से नवाचार और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए एनईपी के प्रमुख आयामों के साथ अपनी रणनीतियों को संरेखित करने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वविद्यालयों से “विकसित भारत-विकसित हरियाणा” के विजन को साकार करने की दिशा में अपना ज्यादा से ज्यादा योगदान देने का आग्रह किया, ताकि राज्य और राष्ट्र की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सके।

हरियाणा में सामाजिक मुद्दों और ग्रामीण चुनौतियों पर शोध के लिए विश्वविद्यालय एचएसआरएफ का उठाएं लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा राज्य अनुसंधान कोष (एचएसआरएफ) की स्थापना की गई है। इसमें 20 करोड़ रुपये की शुरुआती आवंटन के साथ, एचएसआरएफ अपनी तरह का पहला कोष है जो नवीन अनुसंधान प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विश्वविद्यालय इस निधि का अधिकतम प्रयोग गांवों की सामाजिक समस्याओं और चुनौतियों से निपटने संबंधी शोध कार्यों पर करें।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस निधि का रणनीतिक रूप से उपयोग ग्रामीण समुदायों के विकास और कल्याण में योगदान देने वाले प्रभावशाली अध्ययनों को बढ़ावा देने के लिए किया जाना चाहिए। छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से, बल्कि नैतिक और सामाजिक रूप से भी भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जाना चाहिए

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सभी विश्वविद्यालयों और उनके संबद्ध कॉलेजों को नैक (NAAC) मान्यता प्राप्त करने का आग्रह करते हुए उच्च शिक्षा में गुणवत्ता-आश्वासन (Quality Assurance ) के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने संस्थागत प्राथमिकताओं के रूप में संकाय विकास, व्यापक छात्र मार्गदर्शन और सामाजिक परियोजनाओं में सक्रिय भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया।

श्री सैनी ने छात्रों को न केवल अकादमिक रूप से, बल्कि नैतिक और सामाजिक रूप से भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए मूल्य-आधारित शिक्षा प्रदान करने की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कुलपतियों से अपने विश्वविद्यालयों को शिक्षा के उच्चतम मानकों तक बढ़ाने का आग्रह किया, यहां तक कि वैश्विक मान्यता प्राप्त करने की आकांक्षा भी जताई।

बैठक में मुख्यमंत्री के ओएसडी डॉ. राज नेहरू, डॉ. बीआर अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, सोनीपत के कुलपति प्रो. (डॉ.) देवेन्द्र सिंह, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कुलपति प्रो. विजय कुमार, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर, रेवाड़ी के कुलपति प्रो. असीम मिगलानी, गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कौशिक, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जींद के कुलपति प्रो. रामपाल सैनी, दादा लख्मीचंद राज्य प्रदर्शन एवं दृश्य कला विश्वविद्यालय, रोहतक के कुलपति प्रो. अमित आर्य तथा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय दुधोला पलवल के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु की माता के निधन पर दुख व्यक्त किया

एक पेड़ मां के नाम के तहत लगाई त्रिवेणी

जून– हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की माता श्रीमती परमेश्वरी देवी (91 वर्षीय) के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने रोहतक स्थित उनके आवास पर पहुंचकर शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

By HUWeb

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