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फरीदाबाद.04 जून।

वंदना.

अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफेसर एमपी सिंह का कहना है कि समय रहते यदि भारतीय सचेत नहीं हुए तो सामना करना पड़ सकता है विश्व युद्ध का। डॉ एमपी सिंह का कहना है कि भूजल स्तर लगातार गिर रहा है जिसकी वजह से पीने के लिए नहीं मिल पा रहा है मीठा पानी, मीठे पानी के लिए चुकानी पड़ रही है भारी कीमत।

शुद्ध ऑक्सीजन लेने के लिए जाना पड़ रहा है अस्पतालों में। बिना शुद्ध हवा पानी के हो रही है भयंकर बीमारियां। ऑक्सीजन के अभाव में तोड़ रहे हैं दम। पुनः कोरोना याद दिला रहा है पर्यावरण दिवस की। पेड़ लगाओ अन्यथा हो जाएगा 2019 जैसा हाल। अवैध बोरबैल से जल माफिया कर रहे हैं जल दोहन।

प्रतिवर्ष दो से तीन मीटर तक गिर रहा है जल स्तर। पर्याप्त पेड़ ना होने की वजह से नहीं हो पा रही है समय पर उचित वर्षा। 

उचित जल निकासी न होने से डूब रही है बस्तियां और शहर। यदि तत्काल प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो मंढरा सकता है जल संकट।

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि पर्यावरण दिवस हमें पर्यावरण संरक्षण के महत्व की याद दिलाता है और पर्यावरण अनुकूल विकल्प चुनने के लिए प्रेरित करता है।

उन्होंने अपील की है कि हम सभी देशवासियों को अपनी अपनी मां के नाम एक पेड़ लगाकर उसकी परवरिश करनी चाहिए और वनस्पति वृक्षों की रक्षा करनी चाहिए तथा पर्यावरण की शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए और पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए।

 उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों मैं पर्यावरण पर भाषण प्रतियोगिता, क्विज प्रतियोगिता, ड्राइंग प्रतियोगिता, नाटक गायन वादन प्रतियोगिता, रंगोली पतियोगिता, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन करना चाहिए और और शहर और गांव के लोगों को जागरूक करने केलिए जागरूकता रैली निकालनी चाहिए।

उन्होंने प्लास्टिक वेस्ट को लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्लास्टिक की वजह से नाली सीवर बंद हो रहे हैं तथा उपजाऊ भूमि बंजर हो रही है इसलिए प्लास्टिक पर बैन लगना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पहले हम बेकार कपड़ो के थैले बनाकर बाजार से सामान लेने जाया करते थे फल सब्जी व अन्य सामान कपड़े के थैले में ही लाया करते थे और कपड़े की थैली में किताब कॉपी रखकर पढ़ने जाया करते थे उस समय तक सब कुछ ठीक था लेकिन अब चमक धमक की दुनिया में इस पॉलिथीन ने गली मोहल्ले  में घूमने वाले पशुओं की जान ले ली है और मानव जाति में भी भयंकर बीमारियां पैदा कर दी है यदि इससे बचना है तो प्लास्टिक पर रोक लगानी पड़ेगी।

आजकल तो रेहडी और खोमचे वाले भी पॉलिथीन का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं फल और सब्जी विक्रेता भी निरंकुश होकर पॉलिथीन का प्रयोग कर रहे हैं।

डॉ एमपी सिंह का कहना है कि सिंगल यूज प्लास्टिक को घर में किसी भी रूप में नहीं आने देना चाहिए तथा आसपास रहने वाले लोगों को जागरूक करना चाहिए। प्लास्टिक की बोतल और एक्स्ट्रा से परहेज करना चाहिए। किसी भी प्रकार के फंक्शन में सिंगल यूज प्लास्टिक की कटलरी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और सजावट के लिए इको फ्रेंडली सामान लगाएंजाने चाहिए तथा प्लास्टिक वेस्ट को रिसाइकल कर कुर्सी-मेज़ आदि उपयोगी वस्तुएं बनानी चाहिए।

By HUWeb

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