*मुख्यमंत्री ने आयोग को निधियों के हस्तांतरण के लिए नए मानदंड तय करने का दिया सुझाव
एनसीआर में आने वाले प्रत्येक राज्य के क्षेत्र के प्रतिशत के आधार पर निधियों के हस्तांतरण का नया मानदंड तय किया जाए – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने देश की सशस्त्र सेनाओं में सेवारत राज्य की आबादी के प्रतिशत के आधार पर नया मानदंड तय करने और ऐसी राज्य सरकारों को केंद्रीय करों का एक समान हिस्सा आवंटित करने का भी रखा प्रस्ताव
वित्त आयोग ने देश की आर्थिक वृद्धि में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में हरियाणा की उल्लेखनीय प्रगति की प्रशंसा की


चंडीगढ़ 28 अप्रैल।
बिजेंद्र फौजदार.
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज यहां आयोजित 16वें वित्त आयोग की बैठक के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के रणनीतिक महत्व पर जोर देते हुए कहा कि नई दिल्ली देश की राजधानी ही नहीं, बल्कि 142 करोड़ भारतीयों के दिलों की धड़कन है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर.) देश की एक अंतर्राष्ट्रीय पहचान है। वर्ष 2047 के विकसित भारत के संकल्प पर हम कितना आगे बढ़ रहे हैं, दुनियाभर के देश इसका अनुमान एन.सी.आर. में आने वाले वर्षों में दिखने वाले विकास से लगाएंगे। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि हर राज्य के क्षेत्रफल वाले मापदंड से आगे बढ़ते हुए किस राज्य का कितने प्रतिशत क्षेत्रफल एन.सी.आर. में आता है, इसका एक मापदंड तय किया जाए।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि वित्त आयोग किसी राज्य की जनसंख्या की देश के सैन्यबलों में कितने प्रतिशत भागीदारी है, उसके आधार पर एक नया मापदंड बनाकर राज्य सरकारों को केंद्रीय करों का कुछ हिस्सा देने की सिफारिश अवश्य करे।
आज की बैठक में कर हस्तांतरण, संसाधन आवंटन और राज्य-विशिष्ट अनुदान जैसे वित्तीय मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई।
वित्त आयोग ने देश की आर्थिक वृद्धि में प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में हरियाणा की उल्लेखनीय प्रगति की प्रशंसा की
बैठक के दौरान, आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने हरियाणा की प्रशंसा करते हुए कहा कि छोटा राज्य होने के बावजूद हरियाणा प्रमुख राज्यों में प्रति व्यक्ति आय के मामले में दूसरे स्थान पर है। डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि यह वाकई सराहनीय है कि भौगोलिक क्षेत्र की दृष्टि से भले ही हरियाणा छोटा है, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था में इसका योगदान बड़ा और महत्वपूर्ण है। आयोग ने विकसित भारत के लिए राज्य के अपने ‘विजन डॉक्यूमेंट @2047’ का खाका साझा करने के लिए भी मुख्यमंत्री और अधिकारियों की भी प्रशंसा की।
गरीब लाभार्थियों को ज्यादा सहायता देने के लिए अपने कोष से खर्च करने वाले राज्यों के लिए विशेष विशिष्ट अनुदान की सिफारिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब परिवारों के उपचार के लिए ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना’ शुरू की। इसके तहत, हरियाणा के केवल 9 लाख परिवारों को ही आयुष्मान कार्ड मिले। इसका विस्तार करते हुए हमने ‘चिरायु आयुष्मान योजना’ शुरू की। इसमें 1 लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले अतिरिक्त 32 लाख परिवारों को 5 लाख रुपये वार्षिक का स्वास्थ्य कवर मिल रहा है।
इसी प्रकार, केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना में 13 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया। जबकि हरियाणा सरकार अपनी ‘हर घर-हर गृहिणी योजना’ में 15 लाख अन्य परिवारों को 500 रुपये में गैस सिलेण्डर दे रही है। इतना ही नहीं, पी.एम. सूर्य घर योजना के तहत भी राज्य सरकार गरीब परिवारों को प्रति सोलर सिस्टम प्रति किलोवॉट केंद्रीय अनुदान के अतिरिक्त 25 हजार रुपये अनुदान राज्य कोष से दे रही है।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि अधिकांश वित्त आयोगों ने विभिन्न मानदंडों के आधार पर राज्यों को अनुदान की सिफारिश की है। हालांकि, उनका मानना है कि कुछ राज्य केंद्र प्रायोजित योजनाओं में एक कदम आगे बढ़कर या तो ज्यादा लाभार्थियों को कवर करने के लिए या फिर गरीब लाभार्थियों को ज्यादा सहायता देने के लिए अपने कोष से खर्च करते हैं। इसलिए, उन्होंने सुझाव दिया कि 16वां वित्त आयोग ऐसे राज्यों के लिए विशेष राज्य-विशिष्ट अनुदान की भी सिफारिश करे।
ट्रिपल इंजन सरकार नवाचार, समावेशी विकास और सामाजिक कल्याण के मानकों के अनुरूप कर रही काम -मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले 11 वर्षों में अनेक अवसरों पर हरियाणा को भारत की अर्थव्यवस्था के प्रमुख इंजनों में से एक बताया है। उन्होंने कहा कि ट्रिपल इंजन सरकार प्रेरणादायक शासन, नवाचार, समावेशी विकास और सामाजिक कल्याण के मानकों के अनुरूप काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने दिया सुझाव, आयोग एमएसपी आधारित खरीद सुनिश्चित करने वाले राज्यों के लिए अधिक अनुदान की करे सिफारिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सभी 24 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद सुनिश्चित की है। इससे राज्य के किसानों को आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता मिली है। उन्होंने सुझाव दिया कि आयोग एमएसपी आधारित खरीद सुनिश्चित करने वाले राज्यों के लिए राज्य-विशिष्ट अनुदान की सिफारिश करने पर भी विचार कर सकता है।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में कई राज्यों ने स्थानीय शासन को मजबूत करने के लिए बड़ी पहल की है। उदाहरण के लिए, कुछ राज्यों ने स्थानीय निकायों में महिलाओं को 33 प्रतिशत और अन्य ने 37 प्रतिशत आरक्षण दिया है। जबकि हरियाणा में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने आयोग से वर्ष 2026-31 के लिए अपनी सिफारिशों में स्थानीय निकायों को अनुदान के मानदंडों में महिला आरक्षण और सदस्यों के लिए शैक्षणिक योग्यता को पैरामीटर के रूप में शामिल करने का आग्रह किया।
हरियाणा भौगोलिक दृष्टि से भले ही छोटा प्रदेश, लेकिन राष्ट्र के लिए योगदान देने में अग्रणी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा भौगोलिक दृष्टि से भले ही छोटा हो, लेकिन राष्ट्र के लिए योगदान देने में अग्रणी है।
श्री नायब सिंह सैनी ने आयोग से हरियाणा को समान हिस्सा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि 16वें वित्त आयोग से जो ऐतिहासिक सिफारिशें आएंगी, वे न केवल हरियाणा प्रदेश को वर्ष 2047 में विकसित भारत के निर्माण में एक गौरवशाली भागीदार बनाएंगी, बल्कि पूरे देश के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करेंगी।
बैठक में, 16वें वित्त आयोग के सदस्य श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, श्री अजय नारायण झा, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्या कांति घोष, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, सूचना जनसंपर्क भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक के.एम. पांडुरंग और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक पंकज सहित सभी प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।
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हरियाणा में ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की वैधता अवधि को 9 साल से बढाकर 12 साल करने का लिया गया निर्णय- परिवहन मंत्री श्री अनिल विज
इस बारे में जल्द ही एक अधिसूचना की जाएगी जारी- अनिल विज
टूरिस्ट /टूरिज्म क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को होगा फायदा- विज
मुख्यमंत्री ने इस बारे में एक प्रस्ताव को दी अपनी मंजूरी
चण्डीगढ, 28 अप्रैल- हरियाणा के परिवहन मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की वैधता अवधि को केन्द्र सरकार के अनुरूप करते हुए 9 साल से बढाकर 12 साल करने का निर्णय लिया गया है। श्री विज ने बताया कि इस संबंध में जल्द ही एक अधिसूचना जारी की जाएगी ताकि टूरिस्ट /टूरिज्म क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हों।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए परिवहन मंत्री ने बताया कि इस आशय के संबंध में आज मुख्यमंत्री ने एक प्रस्ताव को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। गौरतलब है कि पिछले दिनांें परिवहन मंत्री श्री अनिल विज से अम्बाला टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के पदाधिकारियों ने टूरिस्ट परमिट की वैधता में एकरूपता लाने के लिए एक प्रार्थना पत्र दिया था जिसके बाद परिवहन मंत्री की आदेशों के तहत विभाग ने इस संबंध में एक प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा था जिसकी स्वीकृति आज मिली है। परिवहन मंत्री ने बताया कि टूरिस्ट परमिट हेतू टूूरिस्ट वाहन के पंजीकरण की तिथि से एनसीआर क्षेत्र में पैट्रोल/सीएनजी के वाहनों के लिए 9 साल की अवधि को बढाकर 12 साल किया गया है जबकि एनसीआर क्षेत्र में डीजल वाहनों की अवधि 9 साल से बढाकर 10 साल की गई है। इसी प्रकार, नॉन-एनसीआर क्षेत्र में पैट्रोल/सीएनजी तथा डीजल वाहनों की अवधि को 9 साल से बढाकर 12 साल किया गया है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों अंबाला टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के पदाधिकारियों ने एक पत्र के माध्यम से बताया था कि केन्द्र सरकार ऑल इंडिया परमिट पॉलिसी के अनुसार पंजाब व हिमाचल प्रदेश में 12 साल तक परमिट दिए जाते हैं जबकि हरियाणा में इन परमिटस को 9 साल की अवधि थी। इस अवधि को 12 साल करने से सभी हितधारकों को लाभ/फायदा होगा।
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16वें वित्त आयोग ने की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और आला अधिकारियों के साथ बैठक
बैठक में हरियाणा के वित्त प्रबंधन और भविष्य के रोडमैप पर की गई चर्चा
हरियाणा प्रमुख राज्यों में प्रति व्यक्ति आय के मामले में दूसरे स्थान पर
चंडीगढ़, 28 अप्रैल – 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और सदस्यों ने सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी व राज्य के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री, जिनके पास वित्त मंत्री का प्रभार भी है, ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य के वित्तीय मामलों और रणनीतियों पर विस्तार से चर्चा की। बैठक में हरियाणा के आर्थिक ढांचे से संबंधित वित्तीय मुद्दों का समाधान और संसाधनों के आवंटन को बढ़ाने पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल तथा और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक श्री पंकज ने वर्ष 1966 से लेकर हरियाणा के भारत के आर्थिक ढांचे में प्रमुख योगदानकर्ता बनने तक की यात्रा पर एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया। इस प्रस्तुति में हरियाणा के मजबूत आर्थिक प्रबंधन और भविष्य के लिए रोडमैप को रेखांकित किया गया।
राज्य के आर्थिक प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए आयोग को अवगत कराया गया कि वर्ष 2024–25 के लिए हरियाणा का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 6,77,033 करोड़ रुपए अनुमानित है। देश में प्रमुख राज्यों में हरियाणा 3,53,182 रुपए प्रति व्यक्ति आय के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके अतिरिक्त, हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने राज्य में सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित की है।
प्रमुख सामाजिक एवं आर्थिक पैरामीटर्स
समावेशी विकास के प्रति हरियाणा की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए आयोग को अवगत कराया गया कि राज्य ने गरीबी रेखा से नीचे परिवारों की पहचान हेतु वार्षिक आय सीमा 1.80 लाख रुपए निर्धारित की है। स्वास्थ्य क्षेत्र में, आयुष्मान भारत और चिरायु स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के तहत हरियाणा की 61.84 प्रतिशत जनसंख्या यानी 47 लाख परिवारों को स्वास्थ्य सेवाओं का कवरेज प्राप्त हो चुका है।
आयोग को अवगत कराया गया कि केंद्र से कम हिस्से (सेंट्रल डेवल्यूशन) के बावजूद राज्य का राजकोषीय घाटा और देनदारियां वित्त आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के भीतर ही रही है। वर्ष 2024-25 में भारत के कुल जीएसटी संग्रहण में योगदान के मामले में हरियाणा पांचवें स्थान पर है। इसके अलावा, प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रहण में हरियाणा प्रमुख राज्यों में पहले स्थान पर है। हरियाणा की वित्त प्रबंधन और कर प्रशासन व्यवस्था उल्लेखनीय है।
हरियाणा सतत विकास लक्ष्यों की ओर पर तेज़ी से अग्रसर
आयोग को अवगत कराया गया कि सतत विकास लक्ष्यों के भारत सूचकांक में हरियाणा ने ‘परफॉर्मर’ श्रेणी से ‘फ्रंट रनर’ श्रेणी में स्थान प्राप्त किया है और वर्ष 2023–24 में राष्ट्रीय स्तर पर 13वां स्थान हासिल किया है।
विजन @2047: भविष्य का हरियाणा
भविष्य की योजनाओं और रोडमैप को साझा करते हुए आयोग को ‘मिशन हरियाणा@2047’ के बारे में अवगत कराया गया। इसका लक्ष्य हरियाणा को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचाना और 50 लाख रोजगार सृजित करना है। इस विजन के अंतर्गत स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त करने हेतु ‘फंड ऑफ फंड्स’ की स्थापना और ‘इनोवेशन हब’ के निर्माण की पहल की जाएंगी।
इसके अतिरिक्त युवाओं को और सशक्त बनाने के लिए, राज्य ने संकल्प प्राधिकरण शुरू करने की योजना बनाई है, जो युवा मार्गदर्शन और नशा मुक्ति पर केंद्रित है। इसके अतिरिक्त, शासन में चुनौतियों का समाधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ फ्यूचर की स्थापना की जा रही है। साथ ही ‘हरियाणा एआई मिशन’ के तहत एआई हब की स्थापना और 50,000 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना भी बनाई गई है।
समावेशी और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के कुशल नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने संतुलित, समावेशी और सतत विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। आयोग को राज्य के मजबूत आर्थिक प्रदर्शन, प्रगतिशील सुधारों और रणनीतिक निवेशों के बारे में आश्वस्त किया गया, जो आने वाले दशकों में हरियाणा को भारत की विकास यात्रा का एक प्रमुख वाहक बना देगा।
सीपीएससीएम ने राज्य के लिए केंद्रीय निधियों में उचित हिस्सेदारी का किया आग्रह
मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार जनता के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को सक्रिय रूप से लागू कर रही है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना के तहत, शुरुआत में हरियाणा में केवल 9 लाख परिवार ही लाभ के पात्र थे। योजना के मानदंडों में एसईसीसी सूची में सूचीबद्ध परिवार, जिनकी वार्षिक आय 1,20,000 रुपये तक है, लाभ के पात्र थे।
श्री राजेश खुल्लर ने इस बात पर जोर दिया कि हरियाणा सरकार के द्वारा एक कदम और बढ़ाते हुए ‘चिरायु हरियाणा योजना’ के माध्यम से, अतिरिक्त 32 लाख परिवारों को स्वास्थ्य सेवा लाभ प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केवल 9 लाख परिवारों के लिए ही लाभ की प्रतिपूर्ति करती है, जबकि हरियाणा सरकार राज्य की अपनी राजस्व प्राप्तियों से शेष परिवारों के लिए कवरेज को वित्तपोषित कर रही है।
उन्होंने आगे सुझाव दिया कि आयोग को केंद्रीय निधि आवंटन पर विचार करते समय राज्य की इस महत्वपूर्ण पहल को ध्यान में रखना चाहिए, तथा सिफारिश की कि व्यापक पैमाने पर केंद्रीय योजनाओं को लागू करने वाले राज्यों को स्टेट-स्पेसिफिक ग्रांट्स मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव ने आयोग को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार जल्द ही केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत हरियाणा के लिए धन के विभाजन के संबंध में एक विस्तृत ज्ञापन प्रस्तुत करेगी।
बैठक में 16वें वित्त आयोग के सदस्य श्रीमती एनी जॉर्ज मैथ्यू, श्री अजय नारायण झा, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्या कांति घोष, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री अरुण कुमार गुप्ता, सूचना जनसंपर्क भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक श्री के.एम. पांडुरंग सहित सभी प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।
देश में परिवर्तन लाने व नए युग का सूत्रपात करेगी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 – बंडारू दत्तात्रेय
राज्यपाल ने राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 का किया शुभारंभ
उत्तर भारत के विश्वविद्यालयों के कुलपति व प्रतिनिधि दो दिवसीय सम्मेलन में अच्छे शिक्षक का निर्माण करने पर करेंगे चर्चा
चण्डीगढ़, 28 अप्रैल – हरियाणा के राज्यपाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश में परिवर्तन लाने व नए युग का सूत्रपात करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का अहम् योगदान होगा। यह शिक्षा नीति देश में एक नई चेतना और क्रान्ति पैदा करेगी जिससे वर्ष 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बन सकेगा।
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हॉल में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन, हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन विकसित भारत 2047 की दिशा में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 2025 में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
इससे पहले राज्यपाल ने एनसीटीई के चैयरमेन प्रो. पंकज अरोड़ा, एचएसएचईसी के चैयरमेन प्रो. कैलाश चन्द्र शर्मा, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, एनसीटीई की सदस्य सचिव अभिलाषा झा मिश्रा ने दीप प्रज्ज्वलित किया व एनसीटीई के ध्येय गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
श्री बंडारू दत्तोत्रय ने कहा कि शिक्षा राष्ट्र की आत्मा होती है। यदि हम 2047 तक एक आत्मनिर्भर, समृद्ध और वैश्विक नेतृत्व वाला भारत बनाना चाहते हैं, तो शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होगी। आज गीता स्थली कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक धरती से शिक्षक शिक्षा में परिवर्तन के नए युग का सूत्रपात कर रहे हैं, जो विकसित भारत 2047 के सपने की ओर एक निर्णायक कदम है। उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल ज्ञान का संचारक नहीं होता, वह चरित्र निर्माण का शिल्पकार भी होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में तैयार की गई नई शिक्षा नीति-2020 इसी दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इस नीति का उद्देश्य शिक्षा को समावेशी, बहु-विषयी, गुणवत्तापूर्ण और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षकों से अपील है कि शिक्षक एक ’डिजिटल ज्ञान बैंक’ बनकर विद्यार्थियों को तकनीकी नवाचारों से जोड़े और विकसित भारत-2047 के लक्ष्य को पूर्ण करने में अपना योगदान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि देश और समाज के भविष्य का निर्माण करने के लिए एक अच्छे शिक्षक की जरूरत है। एक अच्छे शिक्षक को तैयार करने के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन अहम् भूमिका अदा करेगा।
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