नूंह/तावडू, 19 दिसंबर
सुनील कुमार जांगड़ा
जिला नूंह में उपमंडल तावडू के अंतर्गत गांव बिस्सर अकबरपुर स्थित कामधेनु आरोग्य संस्थान के संस्थापक एवं पूर्व आईएएस डॉ एस पी गुप्ता ने बताया कि न्यूरोपैथी को पेरिफेरल न्यूरोपैथी भी कहा जाता है । हमारे यहां संस्थान में न्यूरोपैथी के माध्यम से उपचार भी किया जाता है क्योंकि यहां चिकित्सा विशेषज्ञ भी उपलब्ध हैं जिनके मार्गदर्शन में सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) की नसों की सामान्य गतिविधि को प्रभावित करती है। पेरीफेरल नर्वस सिस्टम तंत्रिकाओं का नेटवर्क है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को शेष शरीर से जोड़ता है। तंत्रिका तंत्र शरीर की प्रमुख प्रणालियों में से एक है। यह तंत्रिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क और शरीर के अन्य अंगों के बीच समन्वय सुनिश्चित करता है। जब तंत्रिका तंत्र ठीक से काम नहीं करता है, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। तंत्रिका संबंधी विकारों और बीमारियों के कारण कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इसमें सिरदर्द से लेकर स्ट्रोक, अवसाद, मिर्गी और अन्य स्थितियों जैसी गंभीर समस्याएं तक हो सकती हैं। तंत्रिका संबंधी समस्याएं पीठ के निचले हिस्से में दर्द और मोटर न्यूरॉन रोग का कारण भी बन सकती हैं। न्यूरोपैथी का इलाज आयुर्वेद के जरिए संभव है।
अगली कड़ी में डॉक्टर प्रदीप सारस्वत ने बताया कि न्यूरोपैथी का आयुर्वेदिक इलाज तंत्रिका समस्याओं/सरस्वथारिष्टम नर्वस सिस्टम के लिए एक प्रभावी टॉनिक है जो तंत्रिका तंत्र की शक्ति को बनाए रखने में मदद करता है। आयुर्वेद में सबसे अच्छा तंत्रिका टॉनिक तंत्रिका स्वास्थ्य और नर्वस सिस्टम के अन्य भागों को बनाए रखने में मदद करता है। यह पूरक तंत्रिका तंत्र की शक्ति को बनाए रखने में मदद करता है।
यह अरिष्टम तंत्रिका तंत्र को बनाए रखने में मदद करके अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।तनाव, चिंता और अवसाद से छुटकारा मिलता है।अनुभूति और बुद्धि को बेहतर बनाने में मदद करता है।अच्छी नींद आती है, विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है।लिपोइक एसिड मधुमेह के रोगियों के लिए यह आयुर्वेदिक दवा बेहद ही फायदेमंद है। न्यूरोपैथी की समस्या में इस क्षतिग्रस्त तंत्रिका समस्या के इलाज में ओमेगा -3 फैटी एसिड बेहद ही फायदेमंद माना गया है। सैल्मन फिश और फ्लैक्स सीड्स एसिड फैटी एसिड के प्राकृतिक स्रोत हैं जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। सेंट जॉन पौधासेंट जॉन पौधा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी वाला पौधा है। ये सभी प्रकार की तंत्रिका चोटों, विशेष रूप से पैर की उंगलियों और उंगलियों के इलाज में अच्छा होता है। इसके सेवन से अवसाद से छुटकारा पाया जा सकता है।जई के बीज-सुन्न अंग और कमजोरी को दूर करने के लिए जई के बीज बेहद ही फायदेमंद होते हैं। खनिजों से भरपूर इस जड़ी बूटी के जरिए किसी भी दुष्प्रभाव से मुक्ति पाया जा सकता है। आयुर्वेद में इसे न्यूरोपैथी की समस्या में इस्तेमाल किया जाता है।
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा कामधेनु आरोग्य वेलनेस संस्थान (काउज) या किसी विशेषज्ञ एवम् अपने चिकित्सक से परामर्श करें।