तावडू.23 जनवरी।
सुनील कुमार जांगड़ा.
नूंह जिले में तावडू उपमंडल के अंतर्गत गांव बिस्सर स्थित कामधेनु आरोग्य संस्थान के प्रांगण में ऐतिहासिक दिवस 22 जनवरी भगवान श्री राम लला मूर्ति की प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर हवन प्रक्रिया के दौरान अग्नि देव को आहूति देते हुए विधिवत हवन किया गया। हवन प्रक्रिया के दौरान संस्थान के संस्थापक डॉ एसपी गुप्ता व अध्यक्षा शशि गुप्ता एवं संस्थान के उपाध्यक्ष प्रियंक गुप्ता ,गौ भक्त आचार्य मनीष शर्मा,संगठन मंत्री सुनील जिंदल,सचिव सुखवीर सिंह तंवर उर्फ़ तेजपाल,गांव के सरपंच राजवीर शर्मा एवम अन्य गौ भक्त शामिल रहे और उसके बाद संबोधन कार्यक्रम शुरू हुआ।
संबोधन में स्वामी दिव्या नंद गिरी जी बोले कि बहुत सौभाग्य की बात है 500 वर्ष बाद भगवान श्री राम जी पधारे हैं। और कामधेनु संस्थान में डॉक्टर एस पी गुप्ता जी के नेतृत्व में बहुत ही सुंदर कार्यक्रम आयोजित किया गया और हवन प्रक्रिया के दौरान अग्नि देव को आहुति देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
संस्थान के संस्थापक डॉ एसपी गुप्ता ने कहा कि कई सदियों के पश्चात आज ऐतिहासिक दिवस है भगवान श्री राम लला प्राण प्रतिष्ठा में विराजमान हो रहे है। हम बहुत ही सौभाग्यशाली हैं आज भगवान विराजमान होने जा रहे हैं इस अवसर पर देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और हमे भगवान श्री राम जी से सीखने की जरूरत है और उन्होंने आगे कहा कि हमे भगवान रामचन्द्र जी के जीवन से सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा भगवान श्री राम जी का जीवन संघर्ष वाला,संकल्पमयी एवम त्याग की प्रकाष्ठा वाला था।उनका जीवन एक दर्पण के समान है जिसमे हम अपने प्रतिबिंब को देखकर अपने जीवन को शृंगार संवार सकते हैं।
गौ भक्त आचार्य मनीष बोले कि प्रभु श्रीराम की प्राणप्रतिष्ठा देखने का सौभाग्य आज सदियों के संघर्ष के बाद हमे देखने को मिल रहा है। यह अति सौभाग्य की बात है, जिसके लिए हमारी कई पीढ़ियों ने संघर्ष की आहुति दी, वह पल हम आज जी रहे हैं। उन्होंने कहा की हमारे वीरों ने इस संघर्ष को सफल बनाने हेतु इतनी क़ुर्बानियां दी आज वे सफल हुए है। हम उन सभी वीरों को शत शत नमन करते हैं। प्रभु श्री राम के यह दिव्यदर्शन न केवल एक दर्शन बल्कि अपने आप में मोक्ष के सामान है क्योंकि इस संसार में केवल राम ही सत्य है।
अगली कड़ी में संस्थान के उपाध्यक्ष प्रियंक गुप्ता ने बताया कि जब श्रीराम वन में गए तो उन्होंने वनदेवी से मार्ग में आए सभी कंकड़ तथा काँटों को हटाने के लिए कहा । वनदेवी ने कहा कि प्रभु आप तो आ चुके हैं तो अब मार्ग साफ करने का क्या तात्पर्य ? श्रीराम जी के बताने पर कि भरत इसी मार्ग से आएंगे,वनदेवी ने पूछा कि क्या राजकुमार भरत इतने कोमल शरीर वाले हैं ? तब श्रीराम ने कहा कि नहीं देवी , मेरा भरत तो बहुत वीर तथा कठोर है । परंतु जब मार्ग में उसके पैरों के नीचे काँटे आएंगे तो उसे उस चुभन का इतना दर्द नहीं होगा जितना दुःख उसे यह सोच कर होगा कि मेरे कारण मेरे भ्राता को इस काँटों भरे मार्ग पर चलना पड़ा।
इस अवसर पर संस्थान की अध्यक्षा शशि गुप्ता ने कहा कि हमारा सौभाग्य है जो यह दिन दिन देखने को मिला और राम भारत की प्रेरणा है और राम भारत की चेतना है और राम भारत का विश्वास है जब हमारे जीवन में कोई अच्छा काम होता है तो हम कहते हैं हे राम और जब कभी मनुष्य का अंतिम समय आता है तो हम कहते हैं राम नाम सत्य है और राम सत्य है जो हम चारों तरफ देख रहे हैं।
सभी भक्तों ने प्रसाद का आनंद लिया।
उसके उपरांत सभी महानुभावों ने 12:20 से अयोध्या से सीधा प्रसारण देखा जिसमें भगवान श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को देखकर सभी का मन गदगद हो गया। उसके उपरांत सभी गौ भक्तों ने भगवान श्री राम की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्ज्वलित किए और और भगवान से सभी के लिए मंगलकामना की।